शीर्षक: : एक प्रेम, एक हत्या, और एक अनसुलझा रहस्य"
सारांश:यह कहानी है एक पुरानी हवेली की, जो वर्षों से वीरान है, पर उसके गलियारों में अब भी सिसकियों की आवाज़ आती है। यह कहानी है एक प्रेमी जोड़े की, जिनकी मोहब्बत को हवेली की आत्माओं ने छीन लिया। और यह कहानी है एक ऐसे युवक की जो सच्चाई की तलाश में उस हवेली में दाख़िल हुआ... और फिर कभी बाहर नहीं आ सका
भूमिका: एक सदी पुरानी हवेली
उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की पहाड़ियों में बसी है 'काली हवेली'। एक भूतपूर्व ब्रिटिश ज़मींदार की बनवाई हुई, 1881 में बनी यह हवेली अब खंडहर है। कहते हैं, वहाँ समय रुक जाता है, घड़ियाँ बंद हो जाती हैं, और हवाएं बिना पत्तों को हिलाए सरसराने लगती हैं।पात्र परिचयविवान रॉय – एक युवा लेखक और ट्रैवल ब्लॉगर, रहस्यमयी जगहों की कहानियाँ लिखता है।सायरा खुराना – एक पुरातत्वविद, विवान की पुरानी प्रेमिका, रहस्यों की खोज में विश्वास करती है।राजा हैरिसन – हवेली का पहला मालिक, जिसने अपनी पत्नी की हत्या की और फिर आत्महत्या कर ली।प्रेम की वापसी और एक निमंत्रण
विवान को एक ईमेल मिलता है:
"काली हवेली तुम्हारा इंतज़ार कर रही है। सच्चाई वहीं दबी है जहाँ प्रेम और मृत्यु एक साथ सांस लेते हैं।"
सायरा ने भेजा था यह मेल। वह अब एक पुरातत्व मिशन पर हवेली में गई थी और कुछ खोज निकाला था।हवेली में पहला कदम
हवेली की पहली सीढ़ी पर कदम रखते ही विवान की घड़ी रुक गई। सायरा उसे मिलने आई, लेकिन उसका चेहरा कुछ बदला हुआ था। उसकी आँखों में ऐसा खालीपन था, जैसे वो खुद से अलग हो चुकी हो।
सायरा ने उसे हवेली की तहखाने में ले जाकर बताया कि वहाँ उसे एक पुराने ब्रिटिश ज़मींदार की डायरी मिली है, जिसमें लिखा था:
"मेरी पत्नी जीवित नहीं, फिर भी हर रात मेरे साथ सोती है..."डायरी की भयावहता
डायरी में दर्ज था कि राजा हैरिसन की पत्नी एलीना एक स्थानीय युवक से प्रेम करती थी। जब राजा को यह पता चला, तो उसने एलीना और उसके प्रेमी दोनों को तहखाने में ज़िंदा दीवारों में चुनवा दिया।
कहते हैं, एलीना की आत्मा अब भी हवेली में है, और हर उस प्रेमी जोड़े से बदला लेती है जो हवेली में आता है।सायरा का बदला चेहरा
जैसे-जैसे रात गहराती गई, सायरा का व्यवहार अजीब होता गया। वह अंग्रेज़ी में बोलने लगी, उसकी आवाज़ बदल गई और वह बार-बार कहने लगी:
"तुम मुझे छोड़ नहीं सकते... मैं तुम्हारी आत्मा में बस चुकी हूँ।"
विवान डर गया। उसने हवेली छोड़ने का निर्णय लिया, लेकिन मुख्य दरवाज़ा बंद था।तहखाने की वापसी
विवान को एहसास हुआ कि उसे वही गलती दोहराई जा रही है जो हैरिसन ने की थी। सायरा की आत्मा पर एलीना का वश था।
वह तहखाने गया और वहाँ खुद की एक तस्वीर देखी – पुरानी, धुंधली, और 1881 की तारीख़ के साथ।
क्या विवान किसी पुराने जन्म में एलीना का प्रेमी था? क्या वह अब फिर उसी त्रासदी को दोहरा रहा था?मृत्यु और पुनर्जन्म का रहस्य
सायरा ने अचानक एक पुरानी तलवार उठाई और विवान की ओर बढ़ी। लेकिन तभी हवेली की दीवारों से एक चीख निकली:
"वह निर्दोष है... तुमसे प्रेम करता है... उसे माफ़ करो!"
सायरा गिर पड़ी, बेहोश हो गई। एलीना की आत्मा ने विवान को पहचाना और मुक्त कर दिया। लेकिन हवेली का श्राप अब भी जीवित था।समाप्ति – प्रेम और रहस्य की जंग
सायरा को अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ हफ़्तों बाद वह ठीक हो गई, लेकिन उसे हवेली की कोई बात याद नहीं रही। विवान ने काली हवेली पर अपनी अंतिम पुस्तक लिखी — जिसका शीर्षक था:
"एक आत्मा की प्रेमकथा: एलीना के लिए"
लेकिन कहते हैं...
जब वह पुस्तक छपी, तो हर प्रतिलिपि की अंतिम पंक्ति अपने आप बदल जाती थी:
"मैं अब भी वहाँ हूँ... इंतज़ार करती हुई।"
निष्कर्ष
काली हवेली एक कहानी नहीं, चेतावनी है। प्रेम अगर अधूरा रह जाए, तो वह आत्मा बन जाता है। और आत्मा, जब तक मुक्त न हो — वो फिर-फिर लौटती है।
[समाप्त]
लेखक:-शैलेश वर्मा