Bandhan - 19 in Hindi Anything by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 19

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 19

रीकैप 

पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह शिवाय बेचैन होकर बच्चों के साथ बाहर निकल जाता है शिवाय के साथ-साथ कार्तिक ,पालकी और प्रणय भी निकालते हैं।

घर जाकर सब अपने कमरे में जाकर फ्रेश होते हैं शिवाय के रूम में शिवाय अपने दोनों बच्चों के कपड़े चेंज करता है और उन्हें चादर डालकर खुद वॉशरूम की तरफ फ्रेश होने चला जाता है। 

फ्रेश होकर बालकनी में बैठा है उसके साथ कार्तिक भी बैठता है। 

दोनों 5 साल पहले क्या हुआ है उसके बारे में बात कर रहे थे इस बात से अनजान की कोई उनके बातें सुन रहा है। 

अब आगे 

शिवाय की बात सुनकर कार्तिक बोला देख यार देख यार कब तक तू इस तरह डरेगा कभी ना कभी तुझे सच का सामना करना पड़ेगा इसलिए मैं कहता हूं कि तो पहले से ही खुद को प्रिपेयर कर लें आगे तुझे क्या करना है। 

तू जो भी करेगा मैं तेरे साथ रहूंगा, हमेशा की तरह। 

अगर तुम मुझे किसी का खून करने भी कहें गा तो मैं बिना सवाल करें आंखें बंद कर कर उसे इंसान का खून कर दूंगा ।बिकॉज़ आई एम योर फ्रेंड आई विल ऑलवेज बी विद यू।

और कब तक डरेगा डरना बंद कर अपने बच्चों के साथ एंजॉय करना सिख प्रॉब्लम आएगी तो हम लोग है ना संभाल लेंगे। 

और तु बूल रहा है हमारे पास एक और इंसान है जो प्रॉब्लम्स को धोबी पचार  रख देगी। 

कार्तिक की बात सुनकर शिवाय हंसता है।

हां तू सच बोल रहे हो, मैं कब तक अपने प्रॉब्लम से भागता रहूंगा एक न एक दिन मुझे इसको फेस करना ही होगा। 

पर जब तक हो सकता है। मैं तब तक टालता रहूंगा।

यह दोनों बच्चे इतने बड़े नहीं है कि पर दोनों इस बात को समझ सके जब वह तक वह लोग समझते नहीं तब तक में इस बात को ठालता रहूंगा कभी किसी को पता नहीं चलने दूंगा कि उन दोनों की बायोलॉजिकल मां कौन है।

कार्तिक बोला अच्छा वह सब छोड़ अब यह बता कि वह मुसीबत की रानी कहां है ।जब से आया हूं उसे एक बार भी नहीं देखा क्या वह पार्टी पर नहीं आई है। 

शिवाय बोला मैंने भी उसे नहीं देखा है ,ना ही मैंने किसी से पूछा है कि वह कहां है मैं भी जब से इंडिया आया हूं उसे नहीं देखा है आई डोंट नो वह कहां गई है। 

कार में आरोही का दिल बड़ा बेचैन हो रहा था उसका दिल जोर-जोर से धड़क रहा था क्योंकि उसे आर्य और सन्नवी की याद आ रही थी।

उसने अब तक उन दोनों का चेहरा नहीं देखा है पर जब शिवाय अनाउंस कर रहा था तो उसने उन दोनों की आंखें देखी है। 

तब से तब से आरोही का दिल बेचैन होता जा रहा है कुछ ऐसा लग रहा है जैसे कि उन बच्चों से उसका कोई ना कोई कनेक्शन है। 

जिन बच्चों को उसने 10 मिनट के लिए देखा है ,यहां तक की पूरा चेहरा भी नहीं देखा है फिर भी वह दोनों बच्चों से इतनी अपना-पान से क्यों महसूस हो रहे हैं।उसे पता ही नहीं चला रहा था ।



तरुण उसके साथ बैठा हुआ था जब तरुण देखता है कि आरोही बात नहीं कर रही है वह खिड़की की तरफ देखकर कुछ सोच रही है। 

तरुण से हाथ लगाकर पूछता है क्या हुआ है तुम जबसे गाड़ी में बैठी हो तब से एक बार भी बात नहीं किया नहीं तो तुम बात करना शुरू कर देते हो तो अपना मुंह बंद ही नहीं रखती हो अब क्या हुआ ऐसा क्यों अपना मुंह लटका या है।

आरोही सोचते हुए बोली पता नहीं मेरा दिल ना बहुत ही बेचैन हो रहा है। 

जब से मैने शिवाय के बच्चों को देखा है, ना तब से हो रहा है बच्चों को देख कर ऐसा लग रहा है। जैसे वह अपने से हो पता नहीं कैसी फीलिंग आ रही है मैं उनका चेहरा तक नहीं देखा है। आज मुझे पता चला शिवाय के बच्चे भी है फिर भी आई डॉन'टी नो व्हाट हैपनिंग विद मी। 

तरुण उसके बाद को समझते हुए बोला आई थिंक तुम इस बात को लिए एक्साइटिड हो कि तुम्हारे दोस्त के बच्चे हैं यू नो ना तुम बचपन से ही बच्चों से कितना प्यार करती हो हमेशा हमारे और शिवाय के बच्चों के बारे में बातें करते रहती थी। 

इसलिए आज देख तुम्हें ऐसे फील हो रहा है ।

ऊपर से तुम्हें पता चला कि शिवाय एक सिंगल पैरंट है।

इसलिए तुम परेशान हो उससे ज्यादा कुछ भी नहीं। 

आरोही भी खुद को समझाती है ,कि यही बात है।

तब तक वह लोग घर आ जाते हैं।

तरुण कर से निकलता है और आरोही को हक कर कर उसे बाय बोलता हैं अपने घर की तरफ कर को मोड़ देता है। 

कपाड़िया हाउस में 

शेखर जी बार काउंटर पर बैठकर ड्रिंक का ड्रींक करते जा रहे थे। उन्हें बार-बार अपनी बेइज्जती याद आ रही थी और अर्णव कपाड़िया के परिवार की खुशियां। 

जब अरनव कपाड़िया के 4th जनरेशन को देखते ,तो उनका गुस्सा और भी बढ़ जाता है। 

तभी एक औरत बार में आती है और शेखर जी से बोलती है अजी सुनिए बहुत रात हो चुकी है चलिए आप सो जाइए नहीं तो आपकी तबीयत खराब हो जाएगी। यह है शेखर जी की  पत्नी मोहनी जितना खूबसूरत इन का नाम है वह भी उतनी खूबसूरत है। जब शेखर उस औरत की आवाज सुनते हैं तो अपने ग्लास को तोड़ते हुए बोले तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे ऑर्डर देने की लगता है। तुम सब भूल गई हो। 

मोहिनी जी, शेखर जी की आवाज सुनकर तो डर जाती है। वह नहीं नहीं आप यह क्या बोल रहे हैं। मैं आपको कोई आर्डर नहीं दे रही थी ।मैं तो बस चिंता कर रही थी की तबीयत खराब हो। 

मोहिनी जी का जवाब सुनकर शेखर जी और गुस्सा हो जाते हैं और उनके बाल पकड़ते हुए बोले बहुत जुबान चल रही है तुम्हारी लगता है उसे काबू में लाना पड़ेगा ना बोलकर उन्हें खींचते हुए अपने कमरे की तरह लाते हैं, और बेड पर पटक देते हैं।

बेड पर ऐसी फेक जाने से मोहिनी जी और भी डर जाती है और उनसे हाथ जोड़ते  हुए बोली प्लीज मैं तो बस आपकी चिंता कर रही थी आगे से आगे इसमें ऐसा कुछ नहीं करूंगी ना करूंगी प्लीज आप ऐसा कुछ मत कीजिए। 

शेखर जी बोले क्या कहा तुमने ,तुमने कहा कि आगे से  मेरी चिंता नहीं करोगी तुम बुल कैसे सकती हो कि मैं तुम्हारा पति परमेश्वर हूं यानी तुम्हारा देवता

और तुम अपनी देवता को भूलने की भूल करोगी पता है तो मैं अभी सबक सिखाना पड़ेगा इतना बोलकर अरे फिजिकल वायलेंस करते हैं फिर बाद में उनके साथ जबरदस्ती करते हैं। 

मोहिनी जी रोती रही गिड़गिड़ाती रही लेकिन शेखर जी को दिल में एक आहा सभी नहीं हुआ वह इसी तरह उन्हें टॉर्चर करते जा रहे थे। 

उनके टार्जन को बर्दाश्त नहीं करने की वजह से तीन रात के 3:00 वह बेहोश हो जाती है ‌

शेखर जी इतने गुस्से में ठेके उन्होंने उनके बेहोश होने के बाद भी उन्हें नहीं छोड़ा था उनके साथ ऐसे ही जबरदस्ती करते रहे।।

आखिर क्यों मोहिनी जी शेखर जी की टॉर्चर रहती है। 
शेखर जी अपनी ही पत्नी को ऐसे टॉर्चर क्यों करते हैं जानने के लिए बढ़िया अगला चैप्टर।





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