Bandhan - 34 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 34

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 34





रीकैप



पिछले चैप्टर में हम यह पढ़ते हैं कि सांची पेंटिंग क्लासेस जाने की जिद करती है पर मोहिनी जी उसे मना कर देती है तभी उर्मिला जी वहां आ कर मोहिनी जी को दो बातें सुनाती है  और सांची को पेंटिंग क्लासेस जॉइन करने की परमिशन दे देती है। 



दूसरी तरफ एक कमरे में चारों नकाबपोश एक आदमी को कैप्टन   को बताते हैं कि उन्होंने लड़कियों को बचा लिया है तो कैप्टन उन्हें बोलता है कि उन्हें और  लड़कियों की बैच को  रोकना है । कैप्टन  की बात सुनकर, चारों नकाबपोश उसका आर्डर मानते हैं।। कैप्टन के जाते ही नकाबपोश भी वहां से चले जाते हैं और एक कमरे में आकर अपने चेहरे से नकाब निकलते हैं तो हम देखते हैं कि यह कोई और नहीं शिवाय वनराज कार्तिक और दुर्गा है। 



अब आगे



जैसे ही कश्यप अपने पी ए (सिया ) की हाँ में गारदन हिलता है। 



जैसे सिया चुप हो जाती है तो कश्यप सिया से कहता है तुम्हें बेस्ट पेंटिंग क्लास का इनफॉरमेशन निकालना है।



और यह काम 2 दिन में पूरा हो जाना चाहिए। कश्यप की बात सुनकर सिया बोलती है यस में आपको इनफॉरमेशन जल्दी ला कर दूंगी। 



सिया की बात सुनकर कश्यप उसे देखता है और उसे जाकर अपने काम करने के लिए बोलता है और खुद भी फाइल लेकर कुछ पढ़ने लगता है। ।



कपाड़िया मेंशन में 



दुर्गा और पालकी शॉपिंग के लिए जाने के लिए तैयार होते हैं, इस वक्त दोनों के चेहरे पर बहुत  खुशी दिखाई दे रही है ,दुर्गा को शॉपिंग करने की खुशी है ,तो पालकी को अपने सपनों की उड़ान भरने की इस वक्त उन दोनों की मुस्कुराहट देखकर सारा घर में एक हंसमुख सा माहौल है ‌।



वह दोनों शॉपिंग के लिए निकल जाते हैं। 



स्टडी रूम 



शिवाय स्टडी रूम के सोफे पर बैठा था और उसके सामने प्रणय खड़ा था। शिवाय प्रणय से बोलता है पालकी तुम्हारे साथ अमेरिका जाने वाली है तो तुम  उसका पूरा ध्यान रखना है।गलती से भी गलती उसे चोट पहुंचने मत देना क्योंकि वह बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव है। 



प्रणय शिवाय की बात पर बिना एक्सप्रेशन के साथ बोला जी सर मैं पूरा ध्यान रखूंगा पालकी मैडम का ।उन्हें अमेरिका में कोई दिक्कत नहीं होगी। इतना बोलकर वह खामोश हो जाता है।



शिवाय उसकी बात सुनकर hmm में जवाब देता है और उसे पूछता है, कि अमेरिका में रेस्टोरेंट कैसा चल रहा है और उसे अमेरिका वाले रेस्टोरेंट की सारी डिटेल्स लेने लगता है। प्रणय भी उसे सारी डिटेल्स बताता है। 



प्रणय बोलता है सर मुझे पता चला है कि मिस्टर एलेक्स ने हमारी राइवल रेस्टोरेंट क्लासी फूड रेस्टोरेंट से हाथ मिलाया है और वह हमारी रेस्टोरेंट को बर्बाद करने के लिए उसकी मदद कर रहा है और यह रही उसकी बैंक डिटेल्स (इतना बोलकर टैब शिवाय के आगे बढ़ा देता है।)



पिछले 3 महीने से मिस्टर एलेक्स के अकाउंट में 200 मिलियन ट्रांसफर हो रहे हैं। 



शिवाय टैब को देखकर एक डेविल स्माइल देता है और प्रणय से बोलता है लगता है एलेक्स को अपनी जिंदगी से मोहब्बत खत्म हो गई है। इसलिए तो वह मुझसे गद्दारी कर रहा हैं।



तुम अमेरिका जाकर अलेक्सा को अच्छा सबक सिखाओ और रेस्टोरेंट के सारे एम्पलाइज को यह याद दिलाओ कि शिवाय कपाड़िया को गद्दारी से कितने नफरत है। 



शिवाय की बात पर प्रणय के चेहरे पर डेविल स्माइल आता है। जैसी वह दोनों की बातें खत्म होती है तो शिवाय वहां से जाने लगता है तो प्रणय को कुछ याद आता है और वह शिवाय को रोकते हुए बोला सर एक बात पूछना भूल गया हूं क्या मैं आपसे पूछ सकता हूं? 



शिवाय जो बाहर जा रहा था वह प्रणय की आवाज सुनकर रुक जाता है और प्रणय को बोलने का इशारा करता है। 



प्रणय शिवाय से पूछता है सर लिटिल  सर और लिटिल मैम के स्कूल से कॉल आया है कि बच्चे बहुत दिनों से स्कूल नहीं आ रहे है जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई पर असर पढ़ रहा है। 



प्रणय की बात पर शिवाई बस इतना बोलता है कि तुम्हें इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है और वहां से चला जाता है। 



शिवाय अपने कमरे की तरफ जा ही रहा था कि उसके कानों में जया जी की बात पड़ती है अष्टमी के दिन ही तरुण और आरोही की सगाई होगी और उसके एक हफ्ते बाद उन दोनों की शादी की रस्मों की तैयारी शुरू हो जाएगा। (इस वक्त जाया जी खुशी जी के कमरे में बैठकर बातें कर रही थी और उन्हें आरोही और तरुण के शादी के बारे में बात  कर रही है) 



खुशी जी ,जय जी को बधाई दे रही थी। जैसे-जैसे शिवाय खुशी जी और जया जी की बातें सुन रहा था वैसे उसके दिल में दर्द हो रहा था। अब उससे उनकी बातें और सुनी नहीं जा रहा था जिसकी वजह से बहुत जल्दी अपने कमरे में पहुंच जाता है और अपने कामरे के दरवाजे जोर से बंद कर देता है और बालकनी की तरफ आकर खड़ा हो जाता है और फ्लैशबैक में चल जाता है। 



फ्लैशबैक आरोही और शिवाय की पहली मुलाकात ‌।



यूनिवर्सिटी ऑफ़ दिल्ली 



कॉलेज के क्लासरूम में जहां सभी बच्चे टीचर की ना होने से एक दूसरे के साथ चीट - चैट कर रहे हैं और दूसरी तरफ एक लड़का शांति से अपने नोट्स लिख रहा है वह लड़का दिखने में बहुत ही ज्यादा शांत लग रहा है खासकर उसकी गोल्डन ब्राउन आइज उस लड़के को और भी ज्यादा अट्रैक्टिव बना रही है। 



तभी उस लड़के के गले में एक लड़का हाथ डाल कर उस लड़के से बोलता है क्या यार शिवाय इतना भी पढ़ाकू बनने की क्या जरूरत है अभी तो क्लास में सार भी नहीं है फिर भी तू इस तरह से क्यों लिख रहा है जैसे तुझे यूपीएससी को क्रैक करना है। 



शिवाय कार्तिक के बात पर कुछ जवाब दे पता है उससे पहले ही वह दुर्गा आती है और कार्तिक के सर पर दो किताब मारकर बोली सबको तुम्हारी तरह समझा है क्या , बनना तो डॉक्टर है , पर पढ़ना नहीं है, और जो पढ़ रहा है उसे डिस्टर्ब करना जरूरी है क्या। 



दुर्गा की बात पर कार्तिक चिड़ते हुए बोलता है डॉक्टर बनना भी जरूरी है और पढ़ना भी पर अभी तो कॉलेज शुरू हुआ है पढ़ने के लिए और 3 साल है पर इसका मतलब यह नहीं है कि पढ़ाकू की तरह बस पढ़ता ही जाओ। और वैसे भी यह लैंग्वेज क्लास है।इसमें इतना सीरियसली पढ़ने वाली कौन सी बात है।

थोड़ा कॉलेज लाइफस्टाइल को भी एंजॉय करना चाहिए , कॉलेज को शुरू होके ढंग से 2 महीने नहीं हुए हैं लेकिन यह इंसान (शिवाय की तरफ उंगली कर कर बोला) ऐसे पढ़ रहा है जैसे सेमेस्टर एग्जाम आ रहे हो जब देखो तब यह किताब में घुसा रहता है और उसके साथ में तुम भी इतना बोलकर वह अपना मुंह फुला लेता है।



कार्तिक और दुर्गा एक दूसरे के साथ बहस कर रहे थे और शिवाय अपने नोट्स लिखते हुए उन दोनों की बहस को सुन रहा था।



तभी क्लासरूम में सर आते हैं और अनाउंसमेंट करते हुए बोले गुड मॉर्निंग स्टूडेंट प्लीज पे  अटेंशन हियर।



सर की आवाज सुनकर सभी स्टूडेंट्स चुप हो जाते हैं और सामने बोर्ड की तरफ देखते हैं तो सर एक लड़का और लड़की को साथ में लाते हुए बोले क्लास ए दोनों इस क्लास के नए स्टूडेंट्स है तो मैं चाहता हूं आप सब इन्हें अच्छे से वेलकम करें इतना बोलकर वह चुप हो जाते हैं तो क्लास के सारे लोग क्लैप कर कर उन दोनों स्टूडेंट का वेलकम करते हैं।



लेकिन इस वक्त दो गोल्डन ब्राउन नजरे चश्मे से बोर्ड के पास खड़ी हुई लड़की को बस देखता ही जा रहा है। यह और कोई नहीं हमारे शिवाय बाबू है सामने कोई और नहीं हमारी कहानी की हीरोइन आरोही खड़ी है। 



आरोही दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत लग रही है आरोही नियम व्हाइट कुर्ती विद डेनिम जींस और स्पोर्ट्स शूज पहने हुआ है, एक साथ में वॉच दूसरे में एक ब्रेसलेट पहना हुआ है खुले बाल माथे पर स्टोन वाली बिंदी होटों पर म्यूट रेड लिपस्टिक कानों के बड़े-बड़े झुमके पहने हुए हैं। 



वही उसके बाजू में खड़ा हुआ तरुण ने ए कलरफुल शर्ट के साथ व्हाइट जींस पहना हुआ है पैरों में कलरफुल शूज और एक हाथ में वॉच पहना हुआ है तरुण की आंखों पर भी गोल चश्मा लगा हुआ है जो उसे क्यूट और चार्मिंग बना रहा है बिल्कुल किसी कोरियन ड्रामा के हीरो की तरह।



जहां क्लास की लड़कियां तरुण को निहार रही थी तो लड़के सारे आरोही को इस वक्त दोनों बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव लग रहे हैं। 



सर तरुण और आरोही का इंट्रोडक्शन करते हैं और उन्हें एक सीट पर जा कर बैठने का इशारा कर देते हैं।



जहां आरोही दुर्गा एक लड़की के बाजू बैठी है तो तरुण शिवाय और कार्तिक के साइड बैठता है।



हमारे शिवाय बाबू की नजर तो आरोही पर ठहर सी गई है जब कार्तिक और दुर्गा , शिवाय को देखते हैं तो वह उस की नजरों को आरोही पर देखते हैं तो उन्हें समझने में देर नहीं लगती है कि शिवाय को पहली नजर का प्यार हो गया है। 



कार्तिक धीरे से शिवाय के पास जाकर बोला लड़की बहुत सुंदर है ना। शिवाय अपने होश में नहीं था, जिसकी वजह से वह अपने सर को हाँ में हिला देता है।



लेकिन जब शिवाय होष आता है तो ,कार्तिक को अपने इतने पास खड़े देखता है ,तो कार्तिक के चेहरे पर एक शरारती स्माइल होती है जिसे देखकर शिवाय अपना चेहरा इधर-उधर करते हुए कार्तिक को अवॉइड करने की कोशिश करता है।।
वैसे तो यह सब लोग अलग-अलग कोर्स कर रहे थे जैसे की दुर्गा और कार्तिक डॉक्टर की पढ़ाई कर रहे थे आरोही और तरुण art's के स्टूडेंट्स थे तो शिवाय बिजनेस प्लस कुकिंग का स्टूडेंट था। 

लेकिन सबकी उम्र से थी और सब ग्रेजुएशन ही कर रहे थे जिसकी वजह से उनकी लैंग्वेज की क्लास एक साथी आती थी।
वैसे तो शिवाय  को कोई जरूरत नहीं होती थी कि वह रेगुलर कॉलेज आए बस वह अपने मॉम दाद का सपना पूरा करना चाहता था उसकी मॉम दाद उसे एक नॉर्मल लाइफ देना चाहते थे जिसकी वजह से वह डेली कॉलेज आता था पर साइड में वह अपने भाई के साथ अपने बड़े पापा का बिजनेस मैं हाथ बताता था। 

ऐसी कोई चीज नहीं थी जो शिवाय को आती नहीं थी पेंटिंग डांसिंग सिंगिंग कुकिंग बिजनेस आदि चीज वह सीख चुका था। 

ऐसे ही रोज लैंग्वेज क्लासेस अटेंड करते-करते आरोही तरुण की दोस्ती दुर्गा कार्तिक और शिवाय से हो गई और उन सबका घर भी एक ही कॉलोनी में था जिसकी वजह से उनकी दोस्ती और जल्दी हो गई थी। 

इन सब की दोस्ती को उनका पैशन और ज्यादा मजबूत करता था एक दिन ऐसे ही बात करते-करते शिवाय को पता चला था कि तरुण आरोही का सिर्फ दोस्त नहीं ,मंगेतर भी है ।
उस दिन उसका दिल की 100 टुकड़े हो चुके थे। लेकिन उसने आरोही की खुशी के लिए उसे हमेशा दूरी बनाकर रखी थी। 
बस वो हमेशा आरोही को खुश देखकर खुश होता था पर ऐसा कुछ हो गया जिसकी वजह से शिवाय ने ऐसा काम किया जो शायद उसे सारी उम्र पछताना पड़े। 















फ्लैशबैक एंड।।।।।।



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