The Last Time She Turned Back and Looked at Me.. in Hindi Love Stories by Abhay Marbate books and stories PDF | उसने आख़िरी बार पलट कर देखा था...

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उसने आख़िरी बार पलट कर देखा था...

🌸 "उसने आख़िरी बार पलट कर देखा था..."

Genre: School Love | Emotion | Heartbreak
शब्द: लगभग 1100


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✨ कहानी:

साल 2009, एक छोटा सा शहर और एक सरकारी स्कूल की 10वीं कक्षा।
मैं – अर्जुन, और वो – सिया। हम एक ही क्लास में थे, पर हमारी दुनिया बिल्कुल अलग थी।

मैं हमेशा पिछली बेंच पर बैठने वाला लड़का था – शर्मीला, सीधा-साधा, किताबों में खोया हुआ।
और सिया… क्लास की सबसे होशियार, सबसे प्यारी लड़की। वो जब मुस्कुराती थी तो ऐसा लगता था जैसे पूरी क्लास रौशन हो जाती है।

मुझे याद है, पहली बार मैंने उसे देखा था तब वो खिड़की के पास बैठी थी। बाल दो चोटी में बंधे, और आंखों में कुछ अलग सा चमक। उस दिन के बाद से, हर दिन उसे देखना जैसे मेरा रूटीन बन गया था।

मैं उससे बात नहीं करता था, बस उसे दूर से देखता और मन ही मन मुस्कुराता।


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💬 पहली बात:

एक दिन लंच में, मैं क्लास में अकेला बैठा था। सब बाहर खेल रहे थे।
तभी सिया आई और बोली,
“अकेले क्यों बैठे हो अर्जुन? चलो, मेरा टिफिन शेयर करते हैं।”

मैं तो कुछ बोल ही नहीं पाया। उसके साथ बैठकर खाना, जैसे सपना सच हो गया।

उस दिन के बाद से हम हर लंच एक साथ करने लगे। बातों का सिलसिला शुरू हुआ, और फिर धीरे-धीरे एक खूबसूरत दोस्ती बन गई।

वो अपनी कॉमिक्स देती, मैं उसे Maths समझाता। स्कूल के बाद अक्सर हम साथ में पैदल घर तक जाते। हमारे रास्ते अलग थे, लेकिन कुछ दूरी तक हम साथ चलते।


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💖 दिल की बात:

वो कुछ महीनों की दोस्ती मेरे लिए बहुत गहरी हो गई थी।
मैं उससे प्यार करने लगा था।
पर डरता था – अगर कह दिया तो शायद दोस्ती भी छिन जाए।

फिर आया 10वीं बोर्ड का समय। आखिरी कुछ दिन बचे थे स्कूल के।
मैंने तय किया – अब नहीं तो कभी नहीं।

परीक्षा के आखिरी दिन, जब सब क्लास से जा चुके थे, मैं उसके पास गया।

“सिया…” मैंने धीरे से कहा।
वो मुस्कुराई – “हां अर्जुन?”

मैंने कांपते हुए पूछा –
“क्या हम सिर्फ दोस्त नहीं रह सकते?”

वो चुप हो गई।

थोड़ी देर बाद बोली –
“अर्जुन, तुम बहुत अच्छे हो… और मैं जानती थी कि तुम्हारे दिल में कुछ है।
पर मैं अपने घरवालों से कुछ भी नहीं छुपा सकती।
मेरी शादी की बातें पहले से चल रही हैं… और मैं लड़ नहीं सकती।”

उसकी आंखें नम थीं। मेरी भी।

मैंने सिर हिलाया और बस कहा – “समझता हूं…”


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💔 आखिरी दिन:

स्कूल का आखिरी दिन था। सभी दोस्त गले मिल रहे थे, फेयरवेल की बातें हो रही थीं।

पर मेरा ध्यान बस उसी पर था।

वो सीढ़ियों पर खड़ी थी, अपनी सहेली से कुछ कह रही थी। मैंने उसे देखा… शायद आखिरी बार।

जैसे ही वो जाने लगी, उसने एक बार मेरी तरफ देखा… एक पल के लिए हमारी आंखें मिलीं।

उस नजर में सब कुछ था – प्यार, अफसोस, और एक अधूरी कहानी।


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🕊 आज इतने साल बाद:

अब मैं कॉलेज पूरा कर चुका हूं, नौकरी कर रहा हूं…
पर हर बार जब स्कूल के पास से गुजरता हूं, तो दिल में वही तस्वीरें तैरने लगती हैं।

सिया की वो मुस्कान, वो दो चोटी, और वो आखिरी पल…

हमारा रिश्ता कभी बना ही नहीं, पर उस अधूरी कहानी ने मुझे सिखाया –
कभी-कभी सबसे गहरे रिश्ते वो होते हैं, जो नाम नहीं पाते।


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📝 अंतिम पंक्तियाँ:

> "वो जो अधूरी रह गई कहानी थी,
आज भी सबसे प्यारी निशानी है।
उसने पलट कर देखा था बस एक बार,
और मेरी पूरी ज़िंदगी वहीं थम गई थी…"