EK CHUDAIL KI SACHCHI PREM KAHANI - 2 in Hindi Horror Stories by neha sharma books and stories PDF | एक चुड़ैल की सच्ची प्रेम कहानी । - 2

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एक चुड़ैल की सच्ची प्रेम कहानी । - 2

आरव ने देखा, रूही ज़मीन पर पड़ी है और चंद्रिका उसके सामने खड़ी है।
“तू पागल हो गई है, चंद्रिका! लोग सही कहते हैं, तू चुड़ैल है…”
आरव ने चीख कर कहा।

चंद्रिका की आँखों से आँसू गिर गए,
“हाँ, मैं चुड़ैल हूँ… पर प्यार कर बैठी हूँ… इसकी सज़ा दे दो मुझे…”

कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी।
आरव और चंद्रिका पहाड़ों में कहीं गुम हो गए थे। कुछ दिनों तक सब कुछ अच्छा रहा। दोनों हँसते, बातें करते, झरनों के किनारे बैठकर बर्फ गिरते देखते।

“मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं तुम्हारे साथ यूँ जी पाऊँगी…”
चंद्रिका ने एक दिन मुस्कुराते हुए कहा।

आरव ने उसके हाथ थाम लिए,
“मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ…”

लेकिन… चंद्रिका के दिल में एक डर छिपा था।
वह जानती थी, अगर आरव इंसान रह गया, तो वह हमेशा उससे दूर हो जाएगा।

एक रात, जब पहाड़ों पर घना कोहरा छाया हुआ था, चंद्रिका ने आरव के पास बैठकर कहा,
“तुम मुझसे वादा करो, हमेशा मेरे रहोगे…”

आरव ने मुस्कुराते हुए कहा,
“मैं हमेशा तुम्हारा हूँ…”

उसकी इस बात पर चंद्रिका की आँखों में आँसू आ गए। उसने अपने हाथों से उसके माथे को छुआ, और उसकी आँखों में देखते हुए फुसफुसाई,
“फिर आज से… तुम मेरे जैसे बन जाओ…”

उसने अपने नाखून आरव के सीने में गाड़ दिए। आरव की चीखें पहाड़ों में गूंज उठीं। उसकी आँखों में डर, दर्द और फिर अजीब सी शांति उतर गई।

आरव की साँसें थम गईं।
कुछ पल बाद, उसकी आँखें लाल हो गईं, होंठ काले पड़ गए। चंद्रिका ने उसे गले लगाया,
“अब तुम भी मेरे जैसे हो गए हो…”

लेकिन यह अमर प्रेम नहीं था, यह अभिशाप था।

सुबह, गाँव वालों ने जंगल में एक लाश देखी। वह आरव की थी। उसकी आँखें खुली थीं, लेकिन उनमें अब कोई रौशनी नहीं थी।

रूही, जिसने सब खो दिया था, अपने प्यार की लाश देखकर टूट गई।
“चंद्रिका! तूने मेरा सब छीन लिया!”
उसने जंगल में रोते हुए चिल्लाया।

उसने गाँव के एक तांत्रिक के पास जाकर गुहार लगाई,
“मुझे उसकी आत्मा से मुक्ति दिलानी है… मुझे उसका बदला लेना है…”

तांत्रिक ने अपनी आँखें खोलीं,
“यह चुड़ैल अब सिर्फ तेरा ही नहीं, पूरे गाँव का अभिशाप बन जाएगी। अगर उसे रोकना है, तो उसके प्रेम को ही मिटाना होगा…”

रात को तांत्रिक और रूही जंगल में गए। हाथ में त्रिशूल, लोटे में गंगाजल और मंत्रों की माला। चंद्रिका उस वक्त झरने के पास बैठी आरव की लाश को पकड़े रो रही थी।

रूही ने उसे देखा,
“तूने उसे मार डाला… अब तुझे भी मरना होगा…”

चंद्रिका ने अपनी लाल आँखें उठाकर रूही को देखा,
“मैंने उसे मारा नहीं… मैंने उसे अपने जैसा बनाया है… अब वो मेरे साथ है… हमेशा…”

तांत्रिक ने मंत्र पढ़ना शुरू किया। हवा में तूफान उठ गया। चंद्रिका चीख उठी,
“आरव! मुझे बचाओ!”

आसमान में बिजली गिरी। चंद्रिका और आरव दोनों का साया लाल धुएं में बदल गया। तांत्रिक ने त्रिशूल हवा में घुमाया और दोनों पर फेंका। दोनों की चीखें जंगल में गूंज उठीं।

“रूको… रुको…”
आरव की आत्मा की आवाज़ आई।

फिर एक अजीब सी शांति छा गई। धुआं गायब हो गया।
चंद्रिका और आरव, दोनों वहीं मिट्टी में समा गए।

रूही ने देखा, पहाड़ों पर सूरज उग रहा था। उसने हाथ जोड़कर आसमान की तरफ देखा। उसकी आँखों से आँसू गिरते गए।

“अब तुम दोनों आज़ाद हो… और मैं भी…”

कुछ ही दिनों में, गाँव में फिर से हँसी लौट आई। जंगल फिर हरा हो गया। लोग कहते हैं, जब भी पहाड़ों में तेज हवा चलती है, तो एक लड़की की हँसी और एक लड़के की आवाज़ सुनाई देती है:

“मैं तेरे साथ हूँ… हमेशा…”

और इस तरह एक चुड़ैल की सच्ची प्रेम कहानी खत्म हुई ।
उसी रात पहाड़ों पर बारिश होने लगी। बिजली चमकी, और गाँव के लोग दूर से देख रहे थे। आरव ने धीरे-धीरे रूही की मांग से सिंदूर साफ किया, और चंद्रिका के माथे पर लगा दिया।

उस रात चंद्रिका आरव की पत्नी बन गई। एक इंसान और चुड़ैल की शादी हुई। दोनों गाँव छोड़कर हिमालय की पहाड़ियों में कहीं गुम हो गए।