Obession of my Girl - 2 in Hindi Love Stories by Noor books and stories PDF | Obession of my Girl - 2

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Obession of my Girl - 2

अब तक अपने पढ़ा , 

कुछ बाते फिर से उसके कानो में सुनाई दे रही थी। "कितने खूबसूरत पल हमने इस बारिश मै बिताए है न "। फिर वो अपने मान मै आए ख्यालों को झटकते हुए , सामने चांद को देखते हुए हल्का मुस्कुराई । फिर वाइन के एक शिप को अपने होठों से लगते हुए बोली ।
  " तेरे प्यार ने सरेआम बदनाम कर दिया मुझे, शराब का गुलाम कर दिया मुझे "।।

अब आगे , 

सुबह का वक्त था…
एक अजीब से ख़ामोशी थी । नूर जो गहरी नींद मै सो रही थी । 

अचानक उसकी आँखें खुलती है । जैसे किसी बुरे सपने से जागी हो। साँसें तेज़ , दिल बेकाबू 
और माथे पर पसरा पसीना, जैसे कोई डर फिर से लौट आया हो।

वह उठकर बैठ जाती है । बिस्तर के किनारे रखे ग्लास को उठाती है । और एक ही घूंट में पानी खत्म कर देती है।

फिर खुद से बुदबुदाती है —
“फिर वही सपना , फिर वही अंधेरा, आखिर कब तक?”
तीन साल हो गए…
तीन साल से ये सपने मेरा पीछा नहीं छोड़ते ।
आख़िर उस रात को हुआ क्या था…?

वो खुद से लड़ रही है…
यादें साफ़ नहीं थी । वो बीता हुआ कल फिर उसकी आंखों के सामने आ रहा था । 

फिर वह इन बातों को झटक कर उठती है । सीधे वॉशरूम जाती है। कुछ देर में फ्रेश होकर बाहर आती है। फिर आइने के सामने खड़ी होकर खुद को देखती है । आंखों के नीचे काले घेरे… थकी हुई सी मुस्कान ।

“अब और नहीं…”
“अब मुझे सच का सामना करना ही होगा…”फिर वो तैयार होकर जैसे ही कमरे से बाहर निकलती है, उसकी नजर बाईं तरफ़ वाले कमरे की ओर जाती है।

वह उस कमरे की ओर चल देती है ।
वह धीरे से उस कमरे का दरवाज़ा खोलती है…
अंदर एक छोटी सी परी सो रही होती है — मायरा । महज़ तीन साल की प्यारी सी बच्ची।

नूर धीरे-धीरे उसके पास जाती है,
प्यार से उसके माथे को चूमती है।
कुछ पलों के लिए सारा डर, सारी बेचैनी थम जाती है।

“तुम ही तो मेरी वजह हो , जीने की, लड़ने की । तभी कमरे का दरवाज़ा खुलता है।
एक औरत अंदर आती है - नूर की माँ।
हाथ में नाश्ते की प्लेट लेते हुए ।
“बेटा, इतनी जल्दी जा रही हो? कम से कम नाश्ता तो कर लो । 

नूर मुस्कुरा कर कहती है —
“माँ, ज़रूरी काम है । देर हुई तो… शायद फिर हिम्मत ना जुटा पाऊं।

माँ मायरा की ओर देखती है,
तू चिंता मत कर, इसका ख्याल मैं रख लूंगी।
नूर हा मै सर हिलती है । 


नूर की मां उसके करीब आती है । ओर उसके फोरहेड पर किस करते हुए कहती है बेटा हमें आपकी बहुत फिक्र होती है आप संभाल कर जाईगा। वह लड़की उस औरत के हाथ पर हाथ रखते हुए मॉम प्लीज आप फिकर मत कीजिए मैं किसी जरूरी काम से जा रही हूं कहते हुए एक नजर वह myra को देखती हैं फिर बाहर की और निकल जाती है । 

कुछ घंटों बाद उसकी कार एक बड़े से मेंशन के सामने आकर रुकती है । 3 साल बाद वह यहां आई थी । कितनी यादें थी इस जगह से । उसकी आंखों में हल्की नमी आने लगती है । वह मेंशन को देखते हुए फिर उन यादों में खो गई थी ।

फ्लैशबैक ,
5 साल पहले

सिंघानिया पैलेस,

जिसे चारों तरफ से किसी दुल्हन की तरह सजाया गया था ।.........



आगे जारी है................

(Chapter 2 ki poori kahani yahan likhi hogi )
Ye meri story " Obession of my girl " ka chapter 2 hai. Pichla part mere profile par available hai.