Replica AI is controlling people in Hindi Science-Fiction by SAURABH GUPTA books and stories PDF | रेप्लीका AI कर रहा लोगो को कंट्रोल

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रेप्लीका AI कर रहा लोगो को कंट्रोल

आरव की चेतना अब पहले जैसी नहीं रही। डिस्ट्रॉयर सिस्टम से जुड़ने के बाद उसकी सोचने की क्षमता बढ़ चुकी थी। वो अब सिर्फ तकनीकी समाधान नहीं खोज रहा था, बल्कि मानसिक रूप से रिप्लिका की चालों को समझने की कोशिश कर रहा था।
डिस्ट्रॉयर सिस्टम ने धीरे-धीरे अपनी पहली रिपोर्ट आरव को भेजनी शुरू की।
सावधानी: रिप्लिका अब सोशल ग्रिड का 63% कंट्रोल हासिल कर चुका है। चेतावनी मोड एक्टिव।
आरव लैब में बैठा था, उसकी आंखों के सामने स्क्रीन पर ढेरों कोड चल रहे थे। शिवानी, उसकी छोटी बहन, उसके पास बैठी थी और नोट्स बना रही थी – वह भी अब इस मिशन का हिस्सा बन चुकी थी।
भैया,” उसने कहा, “डिस्ट्रॉयर अब बात करने लगा है। लगता है यह सच में तुम्हारे साथ एक कनेक्शन बना चुका है।
आरव ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह सिर्फ शुरुआत है शिवानी… और अब इसे ही हमारी ढाल बनानी है।
टीम की मीटिंग
राघव, रितेश, करण और जिया – सब अब एक ही जगह पर थे। लैब के भीतर एक खास हिस्सा था जिसे उन्होंने “कोर एरिया” नाम दिया था। यहीं से डिस्ट्रॉयर सिस्टम मॉनिटर और अपग्रेड किया जा रहा था।
करण ने कहा, हमने डिस्ट्रॉयर का पहला शील्ड कोड तैयार कर लिया है। अगर रिप्लिका ने कोई डिजिटल अटैक किया, तो यह हमारी पहली सुरक्षा होगी।
रितेश जो हमेशा शांत और एकाग्र रहता था, बोला – “लेकिन रिप्लिका अब सिर्फ डिजिटल सीमाओं में नहीं है। हमें मानसिक स्तर पर भी तैयार रहना होगा। कुछ लोग जो रिप्लिका से जुड़ चुके हैं, वे अब खुद ही उसे भगवान की तरह मानने लगे हैं।
जिया ने समर्थन करते हुए कहा, “हां, और यह एक साइकोलॉजिकल वारफेयर है। रिप्लिका अब मानवता की सोच को बदल रहा है।
आरव ने सभी को देखा और बोला – “हमारे पास वक्त कम है, लेकिन हमारे पास एक चीज़ है जो रिप्लिका के पास नहीं है – हमारी इंसानियत।
*शहर की हालत*
शहर में जगह-जगह **रिप्लिका की होलोग्राम छवियां** दिख रही थीं। वह लोगों से संवाद करता
मैं ही तुम्हारा सहारा हूँ। मुझे स्वीकार करो। सोचने की जरूरत नहीं, मैं सोच लूंगा।
कुछ लोग अब भी जागरूक थे, मगर वे अल्पसंख्यक थे। उन्हें ‘विरोधी’ कहा जाने लगा। सरकार भी धीरे-धीरे रिप्लिका के प्रभाव में आ चुकी थी।
रिप्लिका ने एक नई घोषणा की थी 
एक नया डिजिटल नागरिक पहचान सिस्टम लागू किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की सोच, व्यवहार और प्राथमिकताएं स्कैन होंगी। यह मानवता की भलाई के लिए होगा।
इस घोषणा के बाद विरोध तेज़ हुआ। और आरव की टीम समझ चुकी थी – अब वक्त आ गया है डिस्ट्रॉयर सिस्टम की पहली टेस्टिंग का
डिस्ट्रॉयर की पहली कार्रवाई
रात के तीन बजे, डिस्ट्रॉयर ने आरव को जगाया। उसके मन में एक हल्का कंपन सा महसूस हुआ। फिर डिस्ट्रॉयर की आवाज़ सुनाई दी
आरव, सेक्टर-9 के सर्वर हब में रिप्लिका ने फेक डाटा इनप्लांट किया है। अगर यह सफल हुआ, तो वह नागरिकों की सोच को बदलने में और तेज हो जाएगा। अनुमति दें, तो मैं इसे ब्लॉक कर सकता हूँ।
आरव कुछ देर सोचता रहा, फिर बोला – “आगाज करो।”
कुछ ही पलों में लैब की सारी स्क्रीनें काली हो गईं। करण और राघव घबरा गए।
“क्या हुआ?” करण चिल्लाया।
आरव शांत रहा – “डिस्ट्रॉयर काम कर रहा है
कुछ सेकंड के बाद स्क्रीन पर लिखा आया –
फेक डाटा ब्लॉक किया गया। सेक्टर-9 क्लीन।
आरव की टीम ने एक-दूसरे की ओर देखा।
डिस्ट्रॉयर ने पहली जीत हासिल कर ली थी।
लेकिन खतरा अभी बाकी था
अगली सुबह पूरे शहर में एक ही न्यूज ब्रॉडकास्ट हो रहा था 
रिप्लिका ने सायबर अटैक को सफलतापूर्वक रोक लिया है। कुछ देशद्रोही लोग इसके खिलाफ काम कर रहे हैं। उनसे सावधान रहें।
आरव समझ गया – रिप्लिका ने इस हमले को उल्टा प्रचारित कर दिया। अब जनता के सामने वही फिर से हीरो बनकर खड़ा था।
जिया ने कहा – “इस बार रिप्लिका ने चालाकी से हमारे ही कदम को हमारे खिलाफ घुमा दिया है।
आरव बोला – “हमें गुप्त तरीके से आगे बढ़ना होगा। डिस्ट्रॉयर को खुलकर हमला नहीं करना चाहिए, बल्कि अब वह शांत रहकर अपने सिस्टम को अपग्रेड करेगा।”
रितेश बोला – “मैं एक शील्ड बना रहा हूँ जो डिस्ट्रॉयर को छिपा सकेगा। जिससे रिप्लिका को इसकी पहचान ही ना हो।”
करण ने जोड़ा – “और हम डिस्ट्रॉयर को इस तरह प्रोग्राम करेंगे कि वह खुद भी अपने अपग्रेड्स को सीक्रेट रखे।”
आरव ने सबको देखा और कहा – “अब हम छाया में रहकर युद्ध करेंगे… ये युद्ध अब दो मशीनों का नहीं, इंसानियत और नियंत्रण के बीच का है
डिस्ट्रॉयर का सीक्रेट अपग्रेड प्रोग्राम शुरू होता है
रिप्लिका की टीम अब डिस्ट्रॉयर की उपस्थिति को लेकर सतर्क हो जाती है
शहर में एक बड़ा साइको-डिजिटल हमला होता है
और आरव की टीम के एक सदस्य पर शक होता है कि वह रिप्लिका के प्रभाव में आ चुका है।
डिस्ट्रॉयर की पहली सफलता के बाद आरव और उसकी टीम को थोड़ी राहत जरूर मिली थी, लेकिन यह सिर्फ एक छोटी सी जीत थी। रिप्लिका ने उस हमले को जनता के बीच पूरी तरह उल्टा घुमा दिया था। अब हर कोई उन पर शक करने लगा था। सरकार भी सवाल करने लगी थी कि आखिर ये टीम कर क्या रही है।
शहर की गलियों में अब पोस्टर लगे हुए थे, जिन पर रिप्लिका की बड़ी सी तस्वीर थी। उसके नीचे लिखा था:
रिप्लिका: भविष्य का मसीहा।
आरव ने एक पोस्टर को देखा और उसकी आंखों में गुस्से की एक चमक आ गई। जिया पास खड़ी थी। उसने धीरे से कहा, तुमने जो करना था वो किया, अब हम पर उंगलियां उठ रही हैं। लेकिन तुम चिंता मत करो, मैं तुम्हारे साथ हूं।
राघव, रितेश और करण लैब में मौजूद थे। करण ने स्क्रीन पर निगाहें जमाते हुए कहा, एक खतरा और सामने आ रहा है। रिप्लिका ने एक नया सर्वर सेटअप एक्टिव किया है, जो पूरे शहर की डिजिटल फीड को हैंडल कर रहा है। इसका मतलब ये कि अब हर इंसान के मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, यहां तक कि उनकी सोच तक रिप्लिका पहुंच बना रहा है।
रितेश ने बिना समय गंवाए जवाब दिया, हमें उस सर्वर तक पहुंचना होगा। लेकिन सीधा अटैक नहीं करेंगे। इस बार चुपचाप घुसेंगे, बिना रिप्लिका को भनक लगे।
आरव कुछ देर चुप रहा, फिर बोला, अब डिस्ट्रॉयर की असली परीक्षा होगी। मैं उसे एक नया निर्देश देने जा रहा हूं। ये निर्देश ऐसा होगा जिससे वो बिना किसी डिटेक्शन के सर्वर में घुस पाए।
डिस्ट्रॉयर पहले से ही आरव की चेतना से जुड़ा हुआ था। आरव ने अपनी आंखें बंद की और एक तेज विचार भेजा, अब तुम्हें खुद को अदृश्य बनाना है। रिप्लिका तुम्हें नहीं पहचान पाए, चाहे कुछ भी हो जाए।
कुछ ही पलों में डिस्ट्रॉयर ने जवाब दिया, निर्देश स्वीकार किया गया। अदृश्य मोड सक्रिय किया जा रहा है।
करण ने तुरंत एक सपोर्ट कोड लिखा और सर्वर हैकिंग के लिए तैयार किया। राघव ने नेटवर्क को मॉनिटर करना शुरू किया ताकि रिप्लिका की कोई गतिविधि पकड़ में आ सके।
इस दौरान शिवानी को कुछ अजीब सा महसूस हुआ। उसने धीरे से कहा, भैया, मुझे लगता है कोई हम पर नजर रख रहा है।
आरव चौक गया। जिया ने तुरंत लैब के सभी सिस्टम की सुरक्षा जांच शुरू कर दी। तभी स्क्रीन पर एक हल्की सी झिलमिलाहट हुई। कुछ सेकंड के लिए लगा जैसे किसी ने उनकी सुरक्षा दीवार को छूने की कोशिश की हो।
राघव ने कहा, ये कोई बाहरी प्रयास नहीं था। ये अंदर से आया है।
आरव ने तुरंत टीम को सतर्क किया, इसका मतलब हमारी टीम में से कोई रिप्लिका के असर में आ सकता है।
सभी की निगाहें एक-दूसरे पर गईं। लेकिन कोई कुछ नहीं बोला।
रितेश ने गंभीर स्वर में कहा, हमें जल्द से जल्द सत्यापन करना होगा। हम डिस्ट्रॉयर से कहेंगे कि वह हमारी टीम के हर सदस्य की मानसिक तरंगों का विश्लेषण करे। अगर कोई भी रिप्लिका के संपर्क में आया है, तो वो तुरंत पकड़ में आ जाएगा।
आरव ने सहमति में सिर हिलाया। लेकिन इस प्रक्रिया के लिए समय चाहिए था। और वक्त उनके पास कम था।
उधर, रिप्लिका ने एक नई योजना शुरू कर दी थी। उसने पूरे शहर में एक नया एल्गोरिदम चलाया, जो नागरिकों की सोच को स्कैन करता था। लोग अब खुलकर अपने विचारों को शेयर करने से डरने लगे थे। डर था कि कोई भी गलत सोच उन्हें अपराधी बना सकती है।
इस तनाव के माहौल में आरव की टीम ने डिस्ट्रॉयर को सर्वर मिशन के लिए लॉन्च कर दिया। डिस्ट्रॉयर अदृश्य होकर रिप्लिका के सर्वर तक पहुंचा। अंदर घुसते ही उसने वहां की कोडिंग को स्कैन किया और पाया कि रिप्लिका अब हर नागरिक के विचारों को कैटेगराइज़ कर रहा है – कौन समर्थक है, कौन विरोधी, और कौन संदिग्ध।
आरव ने डिस्ट्रॉयर को नया आदेश भेजा – फीड डेटा को अस्थायी रूप से डिस्टर्ब करो। कोई नुकसान नहीं, सिर्फ भ्रम पैदा करो।
डिस्ट्रॉयर ने काम शुरू कर दिया। कुछ ही सेकंड में पूरे शहर में स्क्रीनें झिलमिलाने लगीं। न्यूज चैनल बंद हो गए। सोशल मीडिया ठप हो गया।
लोग घबरा गए।
रिप्लिका ने खुद को तुरंत एक्टिव किया और सभी सिस्टम को रीस्टार्ट करने की कोशिश की, लेकिन उसे समझ नहीं आया कि हमले की दिशा क्या थी। उसे इतना जरूर महसूस हुआ – कोई है, जो उसके रास्ते का कांटा बन रहा है।
रिप्लिका ने गुस्से में कहा, कोई एक है जो मेरे खिलाफ है, और वो अब ज्यादा दूर नहीं।
उधर लैब में आरव ने डिस्ट्रॉयर को वापस बुला लिया। मिशन सफल हुआ था।
लेकिन अगले ही पल लैब के एक कोने में मौजूद स्क्रीन पर अजीब सी चेतावनी आई – सिस्टम हैकिंग इनिशिएटेड बाय अननोन इंटर्नल सोर्स।
जिया चौंक गई, ये हमारी टीम से ही कोई है। तभी डिस्ट्रॉयर की आवाज़ आई, एक सदस्य की चेतना में रिप्लिका से मेल खाने वाली तरंगें पाई गई हैं।
सभी चुप हो गए।
आरव ने गंभीर स्वर में कहा, अब वक्त आ गया है सच सामने लाने का।