🚆 "ट्रेन का वो सफ़र" ❤️
भाग 1 – सफ़र की शुरुआत
सर्दियों की ठंडी सुबह थी। स्टेशन पर हल्की धुंध छाई हुई थी और प्लेटफॉर्म पर चाय की खुशबू फैल रही थी। मैं, आरव, दिल्ली से भोपाल जाने वाली ट्रेन में अपनी सीट ढूंढ रहा था। सफर लंबा था, तो मैंने अपने ईयरफोन निकाले और खिड़की के पास बैठकर बाहर का नज़ारा देखने लगा।
कुछ ही देर में, एक लड़की आई — लंबी, खुले बाल, नीली शॉल में लिपटी, हाथ में कॉफी का कप। उसने मुस्कुराकर कहा,
"Excuse me, यही 21 नंबर सीट है न?"
मैंने हाँ में सिर हिलाया और अपनी बैग साइड में कर दी। वो बैठ गई। ट्रेन चल पड़ी, और मेरे दिल की धड़कन भी थोड़ी तेज़ हो गई।
---
भाग 2 – अनजानी बातें
शुरुआत में हम दोनों चुप रहे। फिर अचानक उसने खिड़की के बाहर देखते हुए कहा,
"सुबह-सुबह ट्रेन का सफर… कुछ अलग ही होता है, है न?"
मैंने मुस्कुराकर जवाब दिया,
"हाँ, खासकर तब जब पास में इतना अच्छा company हो।"
वो हल्का सा हँस दी। उसका नाम काव्या था, वो भोपाल जा रही थी किसी शादी में। बातें करते-करते हमें पता चला कि हमारी पसंद-नापसंद भी काफी मिलती हैं — जैसे हम दोनों को किताबें पढ़ना और पुराने गाने सुनना पसंद था।
---
भाग 3 – नज़दीकियाँ
जैसे-जैसे सफर आगे बढ़ा, हमारी बातें भी गहराती गईं। स्टेशन-स्टेशन पर चाय पीना, साथ में समोसे बांटना, और मोबाइल में गाने शेयर करना — सब कुछ जैसे किसी फिल्म का सीन लग रहा था।
एक बार ट्रेन किसी पुल पर धीरे-धीरे चल रही थी। हवा तेज़ थी और उसकी शॉल उड़ रही थी। मैंने हल्के से शॉल पकड़कर कहा,
"सावधान रहो, नहीं तो ये ठंडी हवा तुम्हें बीमार कर देगी।"
वो मुझे देखने लगी… कुछ सेकंड के लिए हमारी नज़रें मिलीं और जैसे वक्त थम गया।
---
भाग 4 – दिल का इज़हार
शाम होने लगी, ट्रेन भोपाल के करीब थी। मेरे मन में एक डर था — क्या ये सफर यहीं खत्म हो जाएगा? क्या मैं इसे फिर कभी देख पाऊँगा?
स्टेशन से 15 मिनट पहले, मैंने हिम्मत जुटाकर कहा,
"काव्या, पता नहीं हम फिर कभी मिलेंगे या नहीं, लेकिन ये सफर… ये बातें… शायद मैं कभी भूल नहीं पाऊँगा।"
वो चुप रही, फिर धीरे से बोली,
"शायद किस्मत हमें फिर से मिलवाए।"
और उसने अपनी डायरी से एक पेज फाड़कर मेरे हाथ में रख दिया। उस पर उसका नंबर और नीचे लिखा था —
"कभी कॉल करना, शायद अगला सफर साथ हो।"
---
भाग 5 – अधूरी पर खूबसूरत कहानी
भोपाल स्टेशन आ गया। उसने मुस्कुराकर अलविदा कहा और भीड़ में खो गई। मैं खिड़की से उसे जाते हुए देखता रहा।
आज भी, जब मैं ट्रेन में सफर करता हूँ, तो वो चेहरा, वो मुस्कान, और वो ठंडी सुबह याद आ जाती है। शायद वो सफर सिर्फ कुछ घंटों का था, लेकिन मेरे दिल में वो हमेशा के लिए ठहर गया।
---
💖 कहानी का मैसेज:
कभी-कभी जिंदगी के लंबे सफर में, हम कुछ ऐसे लोगों से मिलते हैं जो हमें सिर्फ कुछ पलों के लिए जानते हैं, लेकिन उन पलों की मिठास हमेशा हमारे दिल में बस जाती है।
ट्रेन का वो सफर, अनजानी मुलाकात, साझा की गई बातें, और वो हल्की-सी मुस्कान — ये सब मिलकर एक ऐसा एहसास दे जाते हैं जो वक्त के साथ भी फीका नहीं पड़ता।
हर रिश्ता हमेशा साथ नहीं चलता, लेकिन उसकी यादें हमारी जिंदगी का खूबसूरत हिस्सा बन जाती हैं, जैसे किसी किताब का वो पन्ना जिसे हम बार-बार पढ़ना चाहते हैं।