साहिल बाहर जाकर नाश्ते का बैग लेकर आता है, और तानिया को दे देता है। तानिया सिमरन के लिए दलिया परोसती है, और उसे देती है। सिमरन पहले तो मना करती है,फिर तानिया के कहने पर ले लेती है, आख़िर भूख तो उसे भी लगी ही थी ना! तो वो ले लेती है और फिर तानिया की तरफ देखने लगती है।
तानिया; क्या हुआ सिमरन? खाओ ना!
सिमरन; आपकी प्लेट भी परोसो ना दीदी! हम साथ में खाने वाले थे ना? सिमरन ने मासूम सा चेहरा बनाते हुए पूछा।
तानिया; हां हां बिल्कुल डियर, हम साथ में ही खायेंगे। मैं अभी मेरे और साहिल के भी परोस देती हूं। और यह कहकर तानिया उनकी भी प्लेट परोस देती है, और फिर वो खाने लगते है। लेकिन उनके बीच में एक अजीब सी चुप्पी थी। किसी को कुछ समझ नही आ रहा था कि शुरुआत कैसे करे बातचीत की? और साहिल तो सच में नही समझ पा रहा था। क्योंकि उसके मन में बहुत सारे सवाल थे, जिन्हे वो सिमरन से पूछना चाहता था, लेकिन पूछने की हिम्मत नही कर पा रहा था। उसे यह डर था कि कही कुछ गलत सवाल ना पूछ लूं मैं!
तभी तानिया ही चुप्पी तोड़ती है,
तानिया; सिमरन कैसा बना है दलिया? ज्यादा बुरा तो नही बना ना!
सिमरन ; अरे नही नही दीदी! बहुत अच्छा बना है, दलिया! मैने इससे पहले इतना tasty नही खाया था। आपको पता है दीदी, मुझे यह फ्रूट्स खाना नही पसंद है और वो नर्स मुझे वही खिला रही थी। अच्छा हुआ जो आप आ गई और आपने बचा लिया मुझे! (फिर सिमरन को लगा कि वो ज्यादा बोल गई है तो फिर से चुप हो जाती है।)
तानिया; कोई बात नही सिमरन। तुम्हे जो पसंद है, वही खाओ!
[ साहिल बस उनकी बातें सुन रहा था और सिमरन की नोटिस कर रहा था, उसे लग गया था कि उसके चेहरे पर एक उदासी है जिसे वो छुपाने की कोशिश कर रही है। ]
तभी डॉक्टर आकर सिमरन से पूछते है कि अब वो कैसा फील कर रही है?
सिमरन; हां डॉक्टर, अब मैं ठीक हूं।
डॉक्टर; तुम अब बिल्कुल ठीक हो सिमरन तो तुम शाम तक घर भी जा सकती हो!
सिमरन इस बार कुछ नही बोलती है और बस कुछ सोचने लगती है, तो उसकी आंखों में आंसू आने लगते है।
तानिया; क्या हुआ सिमरन?
सिमरन; नही दीदी, कुछ नही! मैं शाम तक यहां से चली जाऊंगी।
डॉक्टर; मैं डिस्चार्ज के सारे पेपर्स तैयार करवाता हुं, शाम तक रेडी होते ही आप जा सकते है। पर आपको अपना ध्यान रखना होगा, ठीक है। यह कहकर डॉक्टर चले जाते है।
साहिल; सिमरन, तुम मुझे अपने घर वालो के बारे me bata सकती हो क्या? ताकि मैं उन्हे फोन करके बुला सकूं!
सिमरन कुछ नही बोलती है बस उसकी आंखों से आंसू गिर रहे होते है।
साहिल; सॉरी, मैने कुछ गलत बोला हो तो!
तानिया; क्या हुआ सिमरन? तुम क्यों इतना स्ट्रेस में हो? तुम चाहों तो हमसे शेयर कर सकती हो, अपनी प्रॉब्लम!
सिमरन; मेरा कोई नही है अपना इस दुनिया में!
और फिर वो वापस रोने लगती है। तानिया और साहिल को समझ नही आ रहा था कि उसे कैसे कंसोल करे? क्योंकि उन्हे सिमरन के बारे में ज्यादा पता भी नही था, और वो अपने सवाल पूछकर सिमरन को दुखी नही करना चाहते थे। लेकिन बिना पूछे पता भी कैसे करे सिमरन के बारे में, और उसे कंसोल कैसे करे?
तानिया उसे कंसोल करने की कोशिश करती है, लेकिन वो सब बेकार था, क्योंकि सिमरन के सामने पूरा वो सीन घूम रहा था, जब उसे अपनो की सच्चाई पता चली थी। फिर उसने अपने आप को संभाला, और कहा कि सॉरी, मैने आपको तकलीफ दी। अब आप जा सकते है। मैं अपना ध्यान खुद रख लूंगी!
तानिया; देखो सिमरन, हमे पता है कि तुम किसी मुसीबत में हो, और तुम्हारी तबियत भी सही नही है। हम तुम्हे ऐसे छोड़कर नही जा सकते है।
साहिल; देखो सिमरन, हमे पता है कि तुम्हारे लिए किसी अंजान पर भरोसा करना मुश्किल है, लेकिन विश्वास रखो हम पर, हमसे जितना हो सकेगा,हम तुम्हारी मदद करेंगे।
तानिया; तुम्हारे मम्मी पापा, क्या इस दुनिया में नही है? तो तुम्हारा कोई तो अपना होगा, ना!
सिमरन; नही दीदी, वो सब यही है, लेकिन हम उनके पास नही जाना चाहते है। हम बस इतना कह सकते है कि कहने को तो इस दुनिया में हमारे कही रिश्ते है, लेकिन उनमें से कोई हमारा अपना नही है। ( यह कहते हुए सिमरन की आंखों में जो दर्द था, उसे कही न कही साहिल ने फील किया था।)
तानिया; अच्छा ठीक है, सिमरन! तुम हमे अभी कुछ नही बताना चाहती हो तो कोई बात नही। लेकिन तुमने हमे अपनी दीदी कहा है, तो हमारी एक बात मानोगी?
सिमरन; हां, बोलिए दीदी!
तानिया; अगर तुम्हे कोई ऐतराज नहीं हो तो तुम हमारे घर चलना पसंद करोगी? हम तुमसे वादा करते है कि तुम्हे कोई प्रॉब्लम नही होगी वहां पर। एक बार हम पर विश्वास करके देखो!
सिमरन; नही दीदी, हम आपको कोई तकलीफ नही देना चाहते है।
तानिया; इससे हमे खुशी मिलेगी सिमरन! अगर तुम्हारा मन नही लगेगा तो फिर तुम जहां जाना चाहो, जा सकती हो। हम फिर नही रोकेंगे।
सिमरन; ठीक है दीदी। हम चलते है। लेकिन आप हमसे वादा कीजिए कि आप दोनो हमारे बारे में किसी को पता नही चलने देंगे।
तानिया और साहिल को थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन वो उसे प्रोमिस कर देते है।
साहिल; मैं जाकर देखता हूं कि डॉक्टर ने पेपर्स तैयार किए है या नही! और वो बाहर चला जाता है।
[ साहिल बाहर जाते ही कुछ देर कांच से सिमरन को देखता है, और मन में सोचता है कि ऐसा क्या हुआ होगा कि सिमरन इस कदर टूटी हुई है। साहिल उसका pain ना चाहते हुए भी फील कर रहा था। फिर वो खुद को तसल्ली देता है कि सिमरन धीरे धीरे कंफर्टेबल हो जायेगी तो वो खुद अपनी प्रॉब्लम शेयर कर देगी हमसे! अभी उसे इतना स्ट्रेस देना ठीक नही होगा। और जैसा चल रहा है, वैसा ही चलने देते है। ] और वो डॉक्टर से मिलने चला जाता है।
इधर कमरे में;
नर्स आती है और बोलती है कि सिमरन चलो अब तो दवाई ले लो।
तानिया; हां, सिमरन! देखो दवाई के मामले में हमे लापरवाही नही करनी चाहिए। चलो जैसा नर्स कह रही है, वैसा कर लो, ओके!
सिमरन मन में सोचती है कि तानिया दीदी और साहिल जी गैर होकर भी उसकी परवाह कर रहे है, और उसके अपनो ने आज तक उसके बारे में नही सोचा। और तो और उसे जिंदा जलाने की कोशिश की! यह सोचकर उसकी आंखों में फिर नमी आ जाती है। पर वो उसे छुपा लेती है, और चुप चाप दवाई ले लेती है।
तानिया; that's like my good girl. अच्छा तुम दो मिनट रुको, मैं जाकर तुम्हारे कपड़ो और कुछ जरूरत का सामान लेकर आती हूं। तुम्हे इन हॉस्पिटल के कपड़ो में तकलीफ हो रही होगी ना!
सिमरन; थैंक्स दीदी! पर जल्दी आना ना प्लीज!
तानिया; हां बस यू गई और यू आई! यह कहकर वो चली जाती है।
तानिया बाहर साहिल से मिलती है और बोलती है कि;
तानिया; तुमने बहुत सही किया साहिल, कि सही वक्त पर पहुंचकर सिमरन को बचा लिया।इसकी बातों से ऐसा लगता है कि इसे अपनो ने ही धोखा दिया है। इसलिए यह अंदर से टूट गई है। हमे इसकी मदद करनी होगी, भाई!
साहिल; हां दीदी, मैं भी यही सोच रहा था। पर वो आपके साथ थोड़ा कंफर्टेबल फील कर रही है, तो हम अभी उसके पुराने जख्म नही कुरेदते है। मुझे लगता है कि थोड़े दिन बाद सिमरन खुद हमसे शेयर करेगी कि इसे क्या प्रॉब्लम है। हमे बस इसका विश्वास जीतना होगा, दीदी! तभी हम उसकी मदद कर पाएंगे!
तानिया; सही कहा तुमने साहिल! Iam proud of you. यह कहकर वो साहिल को गले लगा लेती है।
साहिल; बस बस दीदी! आज ही सारा प्यार लुटाने का इरादा है क्या,यह कहते ही दोनो हंसने लगते है।
तानिया; अच्छा,मैं मार्केट जा रही हुं, सिमरन के लिए कुछ सामान लेने! तुम तब तक सारी फॉर्मेलिटी पूरी कर दो, ताकि हम जल्दी से जल्दी इसे घर लेकर जा सके! मैं शांता ताई(साहिल और तानिया के घर काम करने वाली )को फोन कर देती हुं, ताकि वो सिमरन के लिए रूम साफ कर देगी!
साहिल; ठीक है दीदी।
तानिया; और हां, सिमरन को देखते रहना, उसका ध्यान रखना।
और यह कहकर वो दोनो अपने अपने काम में लग जाते है। और थोड़ी देर बाद सिमरन, साहिल और तानिया घर के लिए निकल जाते है।
क्रमश:
हां तो दोस्तो! बताइए कि आपको कैसी लग रही है हमारी स्टोरी? वैसे साहिल और तानिया बहुत अच्छे है ना! वैसे सिमरन भी बहुत अच्छी है, बस अभी थोड़ी डरी हुई है।देखते है कि अब क्या होता है आगे?
धन्यवाद!❤️✨