Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 7 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 7

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 7

सिमरन जैसे ही साहिल और तानिया के घर पहुंचती है, तो वो देखती है कि यह घर तो काफी आलीशान और बड़ा है। मतलब कि साहिल जी और तानिया दीदी बहुत बड़े लोग है। और वो अपने आप थोड़ा अदब में आ जाती है, उनके सामने! और मन में सोचती है कि कैसे झल्ली लड़की को तरह behave कर रही थी मैं इनके सामने, और यह तो इतने बड़े होकर भी जरा भी घमंड नही है। और फिर वो अचानक से अपने past में चली जाती है; 

[ विपिन - डार्लिंग, आज अपन मेरे घर चलेंगे, ठीक है। बस तुम अपना मुंह सही से ढक लेना, ताकि कोई तुम्हारा चेहरा न देख सके, रास्ते में! 

सिमरन - हां विपिन, मुझे पता है कि तुम्हे मेरी चिंता है इसलिए मुझे दुनिया के सामने नही आने देते। इतनी परवाह मत किया करो मेरी! सिमरन की आंखों में उस समय विपिन के लिए जो प्यार और इज्जत थी, वो हर कोई आसानी से देख सकता था। 

विपिन - हां डार्लिंग, तुम्हारी परवाह नही करूंगा तो और किसकी करूंगा, और वो अजीब तरीके से मुस्कुराता है। लेकिन हमारी सिमरन तो भोली थी, तो वो यह सब नोटिस नही करती है, और विपिन के गले लग जाती है। फिर सिमरन और विपिन जैसे ही विपिन ले घर पहुंचते है तो वो सच में बहुत बड़ा बंगला होता है। तभी विपिन बोलता है कि सिमरन, तुम सबके सामने बहुत ही डिसेंट और अदब से पेश आना, क्योंकि तुम्हे इन सब की आदत नही है, तो तुम कही अपना झल्लापन ना दिखा दो यहां पर भी, यह तुम्हारा घर अभी हुआ नही है। 

सिमरन को थोड़ा बुरा लगता है विपिन की बात का, क्योंकि वो हमेशा उसे ऐसे ही उसके झल्लेपन के लिए बोलता रहता है, लेकिन फिर भी वो इग्नोर कर देती थी। क्योंकि वो सोचती थी कि वो बस अपने स्टेटस को लेकर थोड़ा सा प्रोटेक्टिव है और कोई गलत बात तो सीखा नही रहा, सही है ना कि मैं भी थोड़ा सही से रहना सीख जाऊंगी। 

सिमरन - हां बाबा, और फिर वो बिल्कुल डिसेंट सी शक्ल बना लेती है और विपिन उसका चेहरा तो पहले से ही ढका देता है, इसलिए सिमरन कभी किसी की नजर में आई ही नही! ] 

यह सब सोचकर उसकी आंखों में फिर नमी आ जाती है, वो सोचती है कि मैने तो तुमसे सच्चा प्यार किया था विपिन, तुमने क्यों मेरे साथ ऐसा किया? इतनी बुरी थी मैं, कि तुमने मुझे जिंदा जलाना चाहा! पर अब वो प्यार नफरत में बदल चुका है। तुम सभी ने मेरे साथ जो किया है, उसके लिए मैं तुम्हे कभी माफ नही करूंगी! सिमरन अपने ही मन में दृढ़ निश्चय कर लेती है। तभी तानिया की आवाज से सिमरन वापस present में आती है, 

तानिया - कहां खोई हुई हो सिमरन? मैं कबसे बुला रही हूं। 

सिमरन - नही दीदी, बस ऐसे ही! और फिर वो चेहरा नीचे कर लेती है। 

साहिल - हां, तो सिमरन बताओ कि तुम्हे हमारा घर कैसा लगा ? उसने एक्साइटमेंट में पूछा। 

सिमरन - अच्छा है, बहुत खूबसूरत है। और एक फीकी सी स्माइल दी। 

तानिया - अरे, इसे अंदर भी आने दोगे या यही पर सारा रिव्यू ले लोगे। और फिर तानिया, सिमरन का हाथ पकड़कर उसे घर ले अंदर लेकर जाती है। 

सिमरन को कुछ समझ नही आ रहा था कि वो कैसे रिएक्ट करे? इसलिए वो बस चुप चाप चलती जा रही थी। और आस पास देखे जा रही थी। अंदर आकर उन्हें शांता ताई मिलती है और बहुत प्यार से सिमरन को बोलती है, बेटा किसी भी चीज की जरूरत हो तो तुम मुझे बोलना। मैं ही इन दोनो का ध्यान रखती हूं, और आज से तुम्हारा भी मैं ही ध्यान रखूंगी, बिल्कुल अपनी बच्ची की तरह! 

सिमरन इतने अच्छे लोगो से कभी नही मिली थी। वो मन में सोचती है कि एक मेरा परिवार था, जिसने मुझे आज तक अपनेपन का एहसास भी नही करवाया और एक तरफ यह अंजान लोग है, जो मुझे सही से जानते तक नही, फिर भी मेरी कितनी परवाह कर रहे है। 

तानिया - वैसे सिमरन, ताई ना बहुत अच्छा खाना बनाती है। पर आज यह किसी काम से लेट हो गई थी इसलिए मैंने तुम्हारे लिए नाश्ता बनाया था। 

सिमरन - वैसे एक बात पूछ सकते है क्या आपसे दीदी? 

तानिया - हां बिल्कुल पूछो ना डियर! तुम्हे यह पूछने की जरूरत नही है। तुम जो चाहें हमे बोल सकती हो, और बेझिझक कुछ भी पूछ सकती हो। 

सिमरन - आपके मम्मी पापा नही दिखाई दे रहे है। क्या वो यहां पर नही है। वो हमे देखकर बुरा तो नहीं मानेंगे ना? 

साहिल - एक्चुअली पापा मुंबई ही रहते है, और मम्मी उनके साथ! कभी वो यहां आ जाते है, तो कभी हम वहां चले जाते है।और वो तुमसे मिलेंगे तो खुश ही होंगे, देखना! 

तानिया - सिमरन, तुम इतना मत सोचा करो और बस आराम करो। मैं तुम्हे अपना कमरा दिखा देती हुं। और फिर वो उसे कमरे में लेकर जाती है। 

साहिल - दीदी, में भी तब तक ऑफिस जाकर आता हुं। जल्दी आने की कोशिश करूंगा। 

तानिया - हां, कोई बात नही! आज वैसे भी मैं घर से ही काम करने वाली हुं, तो मैं यही हुं। तुम आराम से जाकर आ जाओ। ठीक है। 

साहिल - सिमरन, अपना ध्यान रखना। और दवाई टाइम से लेना। सिमरन बस हां में सर हिला देती है। तो साहिल दो सेकंड के लिए तो उसकी मासूम शक्ल देखता रह जाता है। 

तानिया - चलो, सिमरन! और वो ऊपर कमरे में चले जाते है। 

जाते जाते रास्ते में तानिया, सिमरन को बताती है कि वो एक फैशन डिजाइनर है जो अलग अलग ड्रेसेज डिजाइन करती है। अभी वो इतनी फेमस नही है, पर हां, अभी काम ठीक ठाक चल रहा है, और उसके client उसकी डिजाइनिंग से satisfy हो रहे है।  वो बहुत मेहनत कर रही है आगे बढ़ने के लिए! और साहिल उसे पूरा सपोर्ट करता है। 

तानिया - अभी तुम rest करो, फिर मैं तुम्हे अपना कलेक्शन भी दिखाऊंगी! तानिया ने एक्साइटमेंट में कहा। 

सिमरन - हां दीदी, जरूर! आप हमे इतनी इंपोर्टेंस दे रही है, यह सब देखकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। आप सच में बहुत अच्छी है दीदी! सभी लोग दुनिया में आप जैसे होते तो कितना अच्छा होता न! 

तानिया - तुम भी ना सिमरन!चलो अब थोड़ी देर तुम सो जाओ और मैं अपना काम कर लेती हुं। फिर अपन साथ में लंच करेंगे। 

और फिर तानिया चली जाती है, और सिमरन bed पर लेट जाती है। लेकिन उसकी आंखों में नींद कहां थी, उसे तो रह रहकर वही सब याद आ रहा था। फिर वो सोचती है कि ये मेरी नई जिंदगी है जो मुझे इन लोगों ने दी है। मैं इसमें अपनी पुरानी जिंदगी का साया भी नही पड़ने दूंगी! और वो सब कुछ भूलने की कोशिश करूंगी। और फिर वो आंख बंद करके सोने की कोशिश करती है, लेकिन फिर भी सिमरन सो नही पाती है, क्योंकि वो चाहकर भी अपना past भुला नही पा रही थी। 

क्रमश: 

क्या लगता है दोस्तो? क्या सिमरन अपना past भूल पाएगी इतनी आसानी से?वैसे हमारी सिमरन साहिल से बहुत कम बात करती है ना! कोई नही, उनके बीच में भी धीरे धीरे बातें होने लगेगी, और यह भी एक दूसरे को जानने लगेंगे!  पर क्या तानिया और साहिल उसका विश्वास जीत पाएंगे? क्या विपिन और बाकी परिवार वालो को पता चल पाएगा कि सिमरन जिंदा है? देखते है आगे की स्टोरी में कि क्या होता है? धन्यवाद!