Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 8 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 8

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 8

सिमरन ऐसे ही बेड पर लेटी थी, पर उसे नींद ही नही आ रही थी। जैसे ही वो आंखें बंद कर रही थी, तो उसे वही सब याद आ रहा था, और वो फिर से past में खो जाती है; 

सिमरन अपने कमरे में दुल्हन के लिबास में तैयार होकर बैठी थी और कांच में खुद को देख रही थी। खुद को दुल्हन के वेश में देखकर उसे बहुत खुशी हो रही थी। आज वो दिल से खुश थी, क्योंकि फाइनली उसकी विपिन से शादी हो रही थी, और उसके बाद वो पूरी दुनिया के सामने हमारे रिश्ते को बताएगा। उसे तो विश्वास ही नही हो रहा था, कि विपिन और उसकी इतनी बड़ी ग्रैंड वेडिंग हो रही है, और सभी मीडिया वाले और पब्लिक उसका चेहरा देखने के लिए बंगले के आगे खड़े है। और शादी के बाद पहली बार वो लोगों के सामने इस तरह से आयेगी। वरना इससे पहले वो कभी किसी की नजरों में नही आई। कोई भी उसे नही जानता था। 

पर आज वो दुनिया के सामने आने वाली थी, वो भी अपने प्यार विपिन के साथ! उसे याद है कि विपिन ही उससे मिलने उसके घर आया करता था, और उसे धीरे धीरे विपिन पसंद आने लगा। पर उसने यह बात किसी को भी नही बताई थी, पर जब एक दिन किरण ने पूछा तो उसने उसे बता दिया। आज किरण की वजह से ही तो विपिन उसके साथ है। उसने ही तो मिलवाया है हमें! सिमरन यही सब सोच रही थी, तभी उसके कमरे का दरवाजा खुलता है और किरण अंदर आती है, 

किरण - अरे वाह दीदी, तुम तो बहुत खूबसूरत लग रही हो, और उसे गले लगा लेती है। 

सिमरन - थैंक्यू किरण! आज तुम्हारी वजह से ही मैं इतनी खुश हुं। तेरे लिए तो जान भी हाजिर करूं मैं , तो कम ही पड़ेगा! 

किरण - क्या दीदी, तुम भी! चलो अभी तो शादी में टाइम है तो तुम मेरे साथ चलोगी क्या? कुछ surprise है तुम्हारे लिए! 

सिमरन - चलो चलो, बहुत मजा आयेगा, उसने एक्साइटेड होते हुए कहा। तो किरण उसका हाथ पकड़कर उसे कमरे से बाहर लेकर आती है और अचानक से कोई पीछे से आकर उसके मुंह को रूमाल से दबा देता है और वो बेहोश होने लगती है। जब उसकी आंख खुलती है, तो उसके सामने का नजारा बिल्कुल अलग था। उसे थोड़ी देर तो समझ ही नही आता कि यह उसके साथ क्या हो रहा है, कही वो कोई सपना तो नही देख रही है ना! तभी किरण सामने से आती है, तो वो देखती है कि उसने शादी का जोड़ा पहना हुआ है, और वो बिल्कुल दुल्हन लग रही थी। सिमरन को कुछ समझ नही आता है, और वो किरण से पूछने के लिए थोड़ा हिलती है, तो वो महसूस करती है कि उसके हाथ और पांव किसी चीज से झकड़े हुए है। फिर वो अपने आप को नोटिस करती है कि उसे रस्सियों से बांधा हुआ है, और वो आउटहाउस की जमीन पर बैठी हुई है। तभी वो किरण से बोलती है कि किरण, यह किसने किया मेरे साथ बहन?आओ ना,मेरी मदद करो ना, इसको खोलने में! ताकि मैं शादी में जा सकूं। वहां विपिन मेरा इंतजार कर रहा होगा। तभी वो देखती है कि किरण के पीछे से विपिन आता है। सिमरन एक बार को तो थोड़ा रिलेक्स होती है। फिर बोलती है; 

सिमरन - अच्छा हुआ विपिन, जो तुम भी यहां आ गए। देखो ना, यह किसने मेरे साथ मजाक किया है, उसने थोड़ा गुस्से में बोला। तभी उसे याद आता है कि वो तो किरण के साथ कही जा रही थी, तो यहां कैसे पहुंच गई? उसके मन में एक बार को विचार आता है कि कही किरण ने तो prank नही किया है मेरे साथ? फिर वो किरण की तरफ देखती है,तब तक किरण, सिमरन के एक्सप्रेशन से समझ जाती है और वो ही बोलती है; 

किरण - नही दीदी, यह कोई मजाक नही है। पर हां, शायद यह तुमने सही सोचा है कि यह मैने ही किया है। अब बस तुम इतना जान लो कि दुल्हन तुम नही, बल्कि मैं हूं, समझी! 

सिमरन - तुम मजाक कर रही हो ना किरण? विपिन, तुम कुछ बोलते क्यों नही इसे? सिमरन का दिमाग काम करना बंद कर गया था, ऐसी बातें सुनकर! 

विपिन कुछ नही बोलता है, बस वो किरण का हाथ अपने हाथों में लेता है, और उसे किस करता है। 

किरण - अब तुम्हे और कुछ सुनना है या हम जाए! हमारी शादी है और हम यहां पर रहे,यह अच्छा थोड़े ना लगता है,दीदी! उसने हंसते हुए कहा। 

सिमरन - देखो, तुम दोनो मजाक कर रहे हो ना? विपिन, तुम तो मुझसे प्यार करते हो ना! बोलो ना, करते हो ना प्यार मुझसे? उसने चिल्लाते हुए पूछा। 

विपिन - सॉरी सिमरन,  पर यह सिर्फ तुम्हारी गलतफहमी थी। मैं तो शुरू से किरण से ही प्यार करता था। अब मुझे और कुछ नही बोलना है। मैं जा रहा हूं, किरण! तुम भी जल्दी आ जाओ, ओके! वो किरण के गाल पर किस करता है और चला जाता है। 

अब सिमरन की आंखों में आंसू थे, और उसे कुछ समझ नही आ रहा था कि वो क्या बोले और क्या करे? 

सिमरन - किरण, तुमने ऐसा क्यों किया मेरे साथ? उसने रोते हुए पूछा। तुम तो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करती थी ना, घर में? 

किरण - प्यार नही, बल्कि मैं नफरत करती हुं तुमसे, समझी! और यह reason काफी है तुम्हारे लिए। और मैं तुमसे नफरत क्यों करती हुं, यह बात तुम अब अच्छे से जानती होगी! तो अब मैं जाती हूं । एक्चुअली आज मेरी शादी है ना, और मेरा होने वाला पति, मेरा मंडप पर इंतजार कर रहा होगा! वो जाने लगती है, तभी वापस पीछे मुड़ती है और बोलती है कि; 

किरण - वैसे मैने तुम्हारे टाइम पास के लिए यहां पर कुछ इंतजाम करवाया है, तो तुम यहां पर बिलकुल boar नही होऊगी। आखिर मेरी बहन हो तुम, तुम्हारा इतना ध्यान तो रखना पड़ेगा ना मुझे! और वो हंसती है और चली जाती है। और उसके जाते ही कमरे का दरवाजा बंद हो जाता है, और वहां पर बिल्कुल अंधेरा हो जाता है। 

तभी सिमरन वापस प्रेजेंट में आती है और अचानक से उठकर खड़ी हो जाती है। वो देखती है कि वो पूरी पसीने में हो चुकी है। और फिर सिमरन लंबी सांस लेती है और पानी पीती है। फिर जाकर वो थोड़ा better feel करती है। अच्छा हुआ, जो अभी वो अकेली थी, वरना तानिया दीदी और साहिल जी होते मेरे पास, तो बिना बात के डर जाते हमारे लिए। और फिर वो sad होकर बैठ जाती है, और आंखें खुली रखती है, ताकि अब उसे कुछ याद नही आए। 

इधर ऑफिस में साहिल चेयर पर बैठा हुआ था। और किसी खयालों में खोया हुआ था। तभी उसके कमर का दरवाजा knock होता है, तो वो अपने ख्यालों से बाहर आता है; 

साहिल - क्या हुआ? कौन है? 

ऑफिस का मैनेजर - Sorry for the disturbance sir. पर आपकी मीटिंग है थोड़ी देर में! 

साहिल - मैं टाइम पर आ जाऊंगा, आप बाकी तैयारी करो। 

मैनेजर - जी सर, और वो चला जाता है। 

फिर साहिल सोचता है कि वो बार बार क्यों ऐसे ख्यालों में खो जाता है? तभी वो याद करता है कि उस समय उसके दिमाग में सिमरन का ही खयाल होता है। पता नही क्यों, लेकिन साहिल उसे जानना चाहता था, उसकी प्रॉब्लम जानना चाहता था। उसे सॉल्व करना चाहता था। लेकिन यह तभी पॉसिबल है, जब सिमरन अपनी प्रॉब्लम उसे बताए। और वो तो उससे बात करने में भी घबराती है, यह सोचकर वो हंस देता है। और मन ही मन कुछ निश्चय करके मीटिंग के लिए जाने को उठ जाता है। 

क्रमश: 

हमारी सिमरन चाहकर भी कुछ भी भुला नही पा रही है। भूल भी कैसे सकती है वो, जब धोखा अपनो के हाथों ही मिलता है, तो दर्द ज्यादा होता है। उसका तो प्यार, परिवार सब एक ही साथ उससे दूर हो गए है। लेकिन किरण उससे इतनी नफरत करती क्यों है? और सिमरन आज तक कभी किसी के सामने क्यों नही गई?  देखते है कि अब उसे recover होने में कितना समय लगता है। पर हमारे साहिल का क्या, वो तो दिन भर सिमरन के बारे में ही सोचने लगा है! यह हमदर्दी है या प्यार, या सिर्फ तरस? देखते है अगले भाग में!