साहिल सोच ही रहा होता है, तभी वो सिमरन को सीढियों पर खड़ा देखता है, तो उसे स्माइल पास करवाता है।
साहिल - तुम कब आई सिमरन? चलो अपन खाना खा लेते है। वरना अभी ताई डाट लगाने आ जायेंगे। यह कहकर वो हंसता है।
सिमरन - एक बात बताए आपको साहिल! आप अपनी sadness छुपाने में बहुत बुरे है। क्या हुआ है ऐसा, जो आप और तानिया दीदी परेशान हो गए। आप चाहें तो मुझसे share कर सकते है।
साहिल दो मिनट तो सिमरन को देखता रह जाता है। इसे कैसे पता चला कि मैं दुखी हुं। उसे कही न कही अच्छा भी लगता है कि सिमरन ने उससे उसकी sadness के बारे में पूछा।
साहिल - जब तुम मुझसे सब कुछ share कर सकती हो, तो तुम्हारा हक है कि मैं भी तुम्हे बताऊं अपना दुख! Actually मैं तानिया दीदी को लेकर दुखी हुं, सिमरन! तुम्हे नही पता है कि उन्होंने अपने past में बहुत कुछ झेला है। और अब जब वो सब कुछ भूलकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रही है, तब भी कभी न कभी उन्हे उनका अतीत याद आ ही जाता है।
सिमरन - बुरा ना मानो तो क्या मैं जान सकती हूं कि उनके साथ ऐसा भी क्या हुआ था past में?
साहिल - तुम्हे पता है, आज से लगभग चार साल पहले तानिया दीदी को study complete हो गई थी। और कॉलेज में ही उन्हे अपने बैच के एक लड़के से प्यार भी हो गया था, जिसका नाम आकाश था। तानिया दीदी और आकाश एक दूसरे के लिए बहुत सीरियस थे सिमरन, और उन्होंने उसी समय तय कर लिया था कि वो एक दूसरे से ही शादी करेंगे। तब तानिया दीदी को कहां पता था कि वो आकाश ऐसा निकलेगा! यह बोलते हुए साहिल की आंखों में गुस्सा साफ दिखाई दे रहा था। तो सिमरन, साहिल को हिम्मत देने के लिए उसके हाथ पर अपना हाथ रखती है, ताकि उसे आगे बताने की हिम्मत मिले। पर जैसे ही सिमरन का हाथ साहिल के हाथों को छूता है तो साहिल का दिल जोर से धड़कने लगता है। उसके पूरे शरीर में एक अलग ही एहसास हो जाता है। वो सिमरन की तरफ देखता है, तो उसे देखते ही उसका गुस्सा उतर जाता है और वो बोलता है कि;
साहिल - उसके बाद स्टडी पूरी होते ही आकाश और तानिया दीदी ने डिसाइड किया था कि वो अपने परिवार को अपने रिश्ते के बारे में बता देंगे। तानिया दीदी ने मम्मी और पापा से बात करके उन्हे मना भी लिया था, और जिस दिन वो आकाश को मिलवाने के लिए अपने घर बुलाने वाले थे, इसी दिन आकाश का एक मैसेज आता है तानिया दीदी के पास, कि वो उनमें शादी जैसी कोई दिलचस्पी नही रखता है, और उसे तानिया दीदी से शादी नही करनी है। उसने दीदी को धोखा दिया और खुद इस शहर से ही चला गया। दीदी को तो विश्वास भी नही हो रहा था कि आकाश उनसे इतने सारे वादे किया करता था, वो क्या सारे झूठे थे। दीदी अपना दिल टूटने के दर्द में तो थे ही, ऊपर से उन्हे मम्मी पापा ने भी सुनाया। दीदी ने उस पर भरोसा किया था, और उसने एक सेकंड में उनका भरोसा तोड़ दिया। तुम्हे पता है सिमरन, मुझे तो बहुत बाद में ये बात पता चली थी, और मैने तो ठान लिया था कि मैं आकाश को सबक सिखाकर रहूंगा। लेकिन तानिया दीदी ने अपनी कसम में मुझे बांध लिया था। अब वो पता नही कहां है। लेकिन मुझे यह बात अच्छी लगी कि तानिया दीदी ने कमजोर लोगो की तरह behave ना करके अपने आप को इस काबिल बनाया कि आज उन्हे किसी के सपोर्ट की जरूरत नही है। वो अपने खुद के पैरो पर खड़ी हुई है। लेकिन कभी कभी ऐसा लगता है कि कही न कही आज भी वो अपना अतीत पूरी तरह से भुला नही पाई है।
सिमरन - कैसे भूल सकता है कोई साहिल? आकाश ने प्यार का नाटक किया था लेकिन तानिया दीदी ने तो उससे सच्चा प्यार किया था। चाहें अपना दिमाग अपने दिल को कितनी ही दलीलें दे दे, लेकिन अपना मन इतना जल्दी नही समझता है।अपना दिल थोड़ा बुद्धू टाइप होता है ना, यह कहकर वो फीकी सी मुस्कान में हंसती है। देखो साहिल, तानिया दीदी समय के साथ सब पुरी तरह से भी भूल जायेगी। तुम टेंशन मत लो उनकी! मैं तो यही प्रार्थना करती हुं कि तानिया दीदी की लाइफ में कोई ऐसा आए, जो आकाश की जगह ले सके उनके दिल में! तभी आकाश की यादें पुरी तरह से उनके मन से मिट पाएगी। और वो दिन जल्दी आएगा, देखना तुम!
साहिल - हां, सही कहा तुमने..........एक सेकंड सिमरन, तुमने भी मुझे तुम कहकर ही बुलाया ना अभी! बोलो, बोलो, साहिल ने पिछली conversation को याद करते हुए कहा।
सिमरन - शायद हां, मुझे ध्यान नही रहा! सॉरी, मैं आपको आगे से आप ही कहकर बुलाऊंगी!
साहिल - अरे नही, तुमने मुझसे फ्रेंडली होकर बात की, यह चीज मुझे अच्छी लगी सिमरन! अब फिर से यह फॉर्मेलिटी मत लाओ अपने बीच में, प्लीज! आज से तुम भी मुझे तुम कहकर ही बुलाओगी!
सिमरन - हां, ठीक है। और मुस्कुराती है। साहिल तो उसकी मुस्कान देखकर ही खुद मुस्कुराने लगता है। तभी उसके दिमाग में एक बात आती है और वो मायूस हो जाता है।
सिमरन - क्या हुआ तुम्हे साहिल? साहिल को अचानक ऐसे उदास देखकर सिमरन ने पूछा।
साहिल - एक बात पूछ सकता हुं मै तुमसे सिमरन?
सिमरन - हां, पूछो ना!
साहिल - अभी अभी तुमने कहा कि नाटक तो आकाश ने किया था, लेकिन तानिया दीदी ने तो सच्चा प्यार किया था, तो वो इतनी जल्दी सब कुछ नही भुला पाएगी, है ना? तो यही बात मैं तुम्हारी सिचुएशन पर भी सोच रहा था। क्या तुम भी विपिन से अब तक प्यार करती हो?
सिमरन - मैं उससे नफरत करती हुं साहिल! बहुत ज्यादा नफरत! उसने मेरी पूरी जिंदगी को ही useless बना दिया। और मुझे मारना चाहा! यह कहते हुए उसकी आंखों में फिर वो दर्द, वो गुस्सा देख पा रहा था साहिल!
सिमरन की तकलीफ देखकर साहिल को विपिन के ऊपर और गुस्सा आ जाता है। लेकिन साथ ही वो यह भी समझ जाता है कि सिमरन भी इतनी जल्दी विपिन को भुला नही पाएगी! उसके प्यार से ज्यादा उसकी नफरत सिमरन को उसे भूलने नही देगी। सिमरन चुप चाप बैठी थी, और उसके दिमाग में फिर से वही सब चला रहा था, जिसे वो सोचे जा रही थी। और साहिल साइड से सिमरन को देखकर खुद के मन में यह वादा करता है कि तुम्हारी हर तकलीफ, हर दर्द मैं दूर करूंगा सिमरन! और जिसने तुम्हे ऐसे तकलीफ दी है, उन्हे भी मैं उतनी ही तकलीफ दूंगा! [ लेकिन साहिल को इतनी तकलीफ क्यों हो रही है सिमरन को दर्द में देखकर, इसका एहसास उसे खुद को नही है। ] साहिल फिर अपने ख्यालों से बाहर आता है और सिमरन को बोलता है कि;
साहिल - चलो सिमरन, हम डिनर कर लेते है, और फिर हमे आगे के बारे में भी सोचना है।
सिमरन - हां, सही कहा तुमने! अब हमे आगे भी तो सोचना है कि कैसे उन्हे उनकी गलती का एहसास करवाना है।
साहिल - हां, हम दोनो डिनर कर लेते है फिर मैं दीदी का डिनर उनके कमरे में लेकर चला जाऊंगा और उन्हे वही खिला दूंगा।
क्रमश :