The Ghost Ship in Hindi Fiction Stories by Arkan books and stories PDF | The Ghost Ship

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The Ghost Ship

सन 1872 की सर्दियों में अटलांटिक महासागर पर एक जहाज़ चल रहा था जिसका नाम था मैरी सेलेस्टे। यह जहाज़ न्यूयॉर्क से इटली की ओर जा रहा था। इस पर कप्तान बेंजामिन ब्रिग्स, उनकी पत्नी सारा, उनकी छोटी बेटी सोफिया और सात नाविक सवार थे। जहाज़ पर शराब से भरे बैरल, खाने-पीने का सामान और सफ़र के लिए ज़रूरी सब चीज़ें मौजूद थीं। सफ़र की शुरुआत सामान्य थी और किसी को भी अंदाज़ा नहीं था कि यह जहाज़ आने वाले समय में इतिहास का सबसे बड़ा रहस्य बन जाएगा।

कुछ दिनों बाद 4 दिसंबर 1872 को अटलांटिक महासागर में एक और जहाज़ देई ग्रेशिया सफ़र कर रहा था। अचानक उसके नाविकों ने दूर से एक जहाज़ देखा जो बिना दिशा बह रहा था। जब वे पास पहुँचे तो नाम पढ़ा—मैरी सेलेस्टे। कप्तान ने अपने लोगों को उस पर चढ़ने का आदेश दिया। जब वे जहाज़ पर पहुँचे तो हैरान रह गए। जहाज़ बिल्कुल सही हालत में था, पाल खुले थे और हवा से धीरे-धीरे हिल रहे थे। खाने-पीने की चीज़ें वैसे ही रखी थीं जैसे किसी ने अभी-अभी छोड़ी हों। सामान सुरक्षित था, शराब के बैरल अपनी जगह थे, यहाँ तक कि जहाज़ का लॉगबुक भी मौजूद था। मगर जहाज़ पर इंसान का कोई नामोनिशान नहीं था। कप्तान, उनकी पत्नी-बेटी और सातों नाविक सब अचानक गायब थे।

नाविकों ने आसपास समुद्र में खोजबीन की, लेकिन कुछ नहीं मिला। न कोई छोटी नाव गायब थी, न खून के धब्बे, न किसी झगड़े के निशान। ऐसा लग रहा था जैसे जहाज़ पर मौजूद सभी लोग अचानक हवा में घुल गए हों।

उस समय से ही यह रहस्य चर्चा का विषय बन गया कि आखिर मैरी सेलेस्टे पर हुआ क्या था। कुछ लोगों ने कहा कि शायद समुद्री डाकुओं ने हमला किया होगा, मगर फिर सवाल उठा कि अगर हमला हुआ था तो सामान और शराब क्यों नहीं लूटी गई? सब तो अपनी जगह पर सुरक्षित था। कुछ विशेषज्ञों का मानना था कि जहाज़ पर अचानक कोई समुद्री तूफ़ान आया होगा और लोग डरकर भाग गए होंगे। मगर फिर यह जहाज़ कैसे सलामत रहा? एक और राय यह भी सामने आई कि शराब के बैरल से गैस निकली होगी और कप्तान को लगा होगा कि जहाज़ कभी भी फट सकता है। डर के मारे सब लोग जल्दी-जल्दी नाव में बैठे और समुद्र में निकल गए होंगे। लेकिन उनकी नाव कभी नहीं मिली और न ही कोई लाश।

सबसे रहस्यमयी और डरावनी थ्योरी यह रही कि शायद कोई अलौकिक ताकत जहाज़ पर थी जिसने सभी को निगल लिया। बहुत से लोगों ने इसे “भूतिया जहाज़” कहा और मान लिया कि समुद्र में कुछ ऐसी शक्तियाँ हैं जिन्हें इंसान कभी नहीं समझ पाएगा।

यह घटना उस दौर के अखबारों में सनसनी बन गई। हर जगह यही चर्चा थी कि एक जहाज़ सुरक्षित हालत में मिला लेकिन उसमें मौजूद लोग ऐसे गायब हो गए जैसे कभी थे ही नहीं। कप्तान ब्रिग्स और उनका परिवार फिर कभी नहीं मिला। उनकी कोई लाश नहीं मिली, कोई निशान नहीं मिला। जहाज़ की बदनामी इतनी बढ़ गई कि बाद में जिसने भी इसे खरीदा उसे किसी न किसी मुसीबत का सामना करना पड़ा। आखिरकार 1885 में यह जहाज़ एक और दुर्घटना में पूरी तरह नष्ट हो गया।

आज डेढ़ सौ साल से ज़्यादा समय बीत चुका है लेकिन यह रहस्य अब भी कायम है। वैज्ञानिक, इतिहासकार और खोजी लोग आज तक इसके पीछे की असली वजह नहीं ढूँढ पाए। कुछ इसे हादसा मानते हैं, कुछ इंसानी ग़लती, और कुछ इसे हमेशा के लिए अनसुलझा रहस्य।


सीख:- 


मैरी सेलेस्टे हमें यह याद दिलाती है कि इंसान चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, प्रकृति और रहस्य की दुनिया हमेशा उससे बड़ी और गहरी होती है। कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका सच शायद कभी सामने नहीं आ पाता, और यही उन्हें और भी डरावना और रहस्यमय बना देता है।