🥀अनाथ का दिल🥀 अध्याय 1 :
प्रेम का जन्म(भाग 03)डिनर की पहली शाम ___________________________________________________________________________________________प्रांगण की हल्की रोशनी अब धुंधली पड़ रही थी। सांस्कृतिक संध्या के बाद वादल को वर्षा के पिता ने व्यक्तिगत रूप से आमंत्रित किया था। वह पहले तो संकोच में था, लेकिन उसकी आँखों में जिज्ञासा और भीतर की आत्मविश्वास की चमक थी।
वर्षा भी उत्सुक थी, पर किसी तरह की सामाजिक गरिमा और शालीनता के बीच वह अपनी भावनाओं को छुपाए हुई थी। उसने अपने माता-पिता की ओर देखा और धीरे से सिर हिलाया।
“चलो, अब चलते हैं,” उसके पिता ने कहा। वादल ने सिर झुकाकर सहमति दी। --- डिनर का माहौलभव्य घर में कदम रखते ही वादल चकित रह गया। उसके लिए यह दुनिया पूरी तरह अलग थी।
फर्श चमकदार मार्बल का, जिसमें दीवारों की झलकें पड़ रही थीं।
दीवारों पर फ़ोटो और पेंटिंग्स लगीं, जिनमें परिवार के इतिहास और यादें अंकित थीं।
हल्की-हल्की वायलिन धुन वातावरण को और अधिक नाजुक बना रही थी।
वर्षा ने वादल की ओर देखा, उसकी आँखों में वही हल्की हँसी और जिज्ञासा।
“यह… बहुत सुंदर है।” वादल ने धीरे से कहा।
वर्षा मुस्कुराई। “हाँ, मेरा घर है, पर क्या आप सहज महसूस कर रहे हैं?”
वादल ने हल्की हँसी के साथ कहा—“हाँ, मैं अनजान नहीं हूँ। जहाँ भी दिल की आवाज़ पहुँचती है, वहाँ सहजता मिलती है।”
वर्षा ने आँखें चमकाई, पर कोई शब्द नहीं निकला। (पहला संवाद और आत्मीयता) भोजन पर बैठते ही पिता ने कहा —“वादल, तुमने मंच पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। तुम्हारी कविताओं में जो भाव थे, वे असली थे। यह बच्चों की भाषा से परे थे।”
वादल ने सिर झुकाया। “धन्यवाद सर, मैं बस अपने दिल की बात करता हूँ।”
माँ ने हल्के स्वर में पूछा —“तुम्हारा परिवार…?”
वादल ने मन ही मन हल्की बेचैनी महसूस की। फिर उसने सच बोलते हुए कहा —“मैम, मैं अनाथ हूँ। पर… मेरे भीतर घर का अहसास है। शब्द और संगीत मेरा परिवार हैं।”
वर्षा ने उसकी ओर देखा। उसकी आवाज़ में कोई घमंड नहीं था, सिर्फ़ सच्चाई और आत्मविश्वास था।
“आप सचमुच अद्भुत हैं, वादल।” उसने धीरे से कहा।
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(भावनाओं की हल्की चमक)
वादल ने देखा कि वर्षा उसकी आँखों में छिपी भावनाओं को समझ रही थी। मन ही मन वह सोच रहा था —“यह लड़की… कुछ खास है। उसकी आँखों में जो संवेदनशीलता है, वह मेरे गीत की तरह गूँज रही है।”
वर्षा भी अपने मन में सवाल उठा रही थी —“क्यों मेरी नजरें इस लड़के पर ठहर गईं? क्यों उसकी आवाज़ ने मेरे दिल को छू लिया?” 🔥( गरज की जलन)
बाहर से गरज ने यह दृश्य देखा। वह अंदर न घुस सका, पर उसने सोच में पड़ गया —“यदि यह लड़का वर्षा की नज़रों में जगह बना सकता है, तो मैं इसे सहन नहीं करूँगा। यह सिर्फ़ शुरुआत है।”
उसने अपने दांत कसते हुए योजना बनानी शुरू कर दी। (डिनर के दौरान बातचीत) वादल और वर्षा धीरे-धीरे सहज होने लगे। उन्होंने अपने-अपने जीवन की छोटी-छोटी बातें साझा कीं—वादल के अनाथालय के अनुभव, वर्षा के दिल्ली जीवन की यादें।
वर्षा के पिता ने देखा कि उनके सामने यह लड़का सादगी और शालीनता का प्रतीक था।“वादल, तुम अपनी मेहनत और लगन से कहीं पहुँच जाओगे, मुझे विश्वास है।”
वादल ने सिर झुकाकर धन्यवाद कहा। “सर, यह सिर्फ़ शुरुआत है।”
वर्षा ने उसकी ओर देखा और मन ही मन मुस्कराई।“शायद यह वही है, जिसके बारे में मेरे दिल ने आज तक सोचा था।” क्लिफ़-हैंगरलेकिन यहाँ कहानी रुकती नहीं।
क्या वादल और वर्षा के बीच यह हल्का-सा आकर्षण भविष्य में सच्चे प्रेम में बदल पाएगा?
गरज की जलन और उसकी नकारात्मक सोच क्या इस नए रिश्ते को बाधित करेगी?
वादल के सामने आने वाले सामाजिक और भावनात्मक संघर्ष की शुरुआत कब होगी? :--अगले भाग की झलक (भाग 04)
01 वादल और वर्षा की मित्रता का गहरा होना
02 गरज का सक्रिय रूप से बाधा डालना
03 वादल का कला और कविताओं के माध्यम से वर्षा के दिल तक पहुँचना04 सामाजिक और पारिवारिक दृष्टि से चुनौतियों की पहली झलकआ (भाग 03 समाप्त ) मित्रों, अब आप चाहेंगे कि मैं भाग 04 लिखना शुरू करूँ, जिसमें वादल और वर्षा की दोस्ती गहरी होती है, और समाजिक विरोध/परिवार की चुनौतियों का पहला संकेत दिखाई देता है?