Three best forever - 33 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 33

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 33

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( >💜💜💜 Next ep में wlcm चलो भाव न खाते हुए पढ़ो,,,

"क्या धमकी दिए हैं मुझे भी बताओं?  मुझे भी बताओं?" मस्ती ऐसे चहकते हुए पूछी की जैसे कोई जोक मार दिया हो सभी अपना सिर पीट लिए। अब आगे,,,,

उत्साह प्रोफेशनल एक्टर की तरह एक्टिंग करने से पहले खास्ते हुए "खो खो,,, हा तो सुनो,,,ना नुकूर मुझे नही सुनना सीधे उतरो वरना मुझे और भी तरीके आते है,, तुम सबको डंडे से मार मारकर खाना खिलवाऊंगा,, और एक भी दाना छूटा तो बर्तन आईने की तरह साफ करवाऊंगा और,,," 

स्ट्रॉन्ग हाथ जोड़ते हुए "बस कर भाई बस कर,, ज्ञानेद्रीय सर से बहुत आगे चला गया तू,,," 

उत्साह जबरदस्ती हस्ते हुए "हे हे हे एक्टिंग ज्यादा हो गई क्या,,?" 

सभी मुंह बनाते हुए बोले "एक्टिंग नही बहुत ज्यादा ओवर एक्टिंग हो गई" 

मस्ती मनीष रीयू साथ में बोले "भाई इतनी बेकार एक्टिंग आजतक नही देखी हमने इतनी जल्दी इच्छा पुरी क्यू किए?" 

उत्साह गर्व से सिर ऊंचा कर "मुझे लगता हैं अगला ज्ञानेद्रीय सर मै ही बनेगा" 

सभी सड़ा मुंह बनाकर उसे घूरते हैं। 

तो वही उत्साह ज्ञानेद्रीय सर के जगह अपने आप को इमेजिन करने में खोया हुआ था।
जिससे राहुल खीजते हुए उसके सिर पर टपली  मार बोला "चुप साले,, डायरेक्ट बोल देता तो इतना टाइम वेस्ट नही होता" 

उसकी बात सुन उत्साह का मुंह बन गया।

"अब चलो भी देखो सभी जा रहे और खाकर वापस आ भी गए तुम चारो को भूख नही लगी क्या,,?" मनीष रियू मस्ती ,, धनेशी रिचा को देख फिर पूछा।

"मनीष वो हम तुम्हारा ही वेट कर रहे थे चलो चलते हैं बहुत भुख लगी है" धनेशी चहकते हुए बोलकर मनीष की बाह में अपने हाथ लपेट ली मनीष चिहुंक उठा वो हड़बड़ाई घबराई हुई हालत में आ गया। 
यही सेचूवेशन होता है जब वो बहुत uncomfortable हो जाता हैं उसकी सिर्फ रियु और मस्ती से बनती थी। वो हर समय उनके साथ comfortable feel करता था। उनके सिवा वो किसी लड़की को करीब से नही जाना और ये बात किसी से छुपी नहीं थी।

सब मनीष को बहुत अच्छे से जानते थे की वो कितना इनोसेंट है। मनीष सबको देखा सभी उन दोनो को ही घूर रहे थे वही मस्ती रियू तो अलग से धधकती चिंगारी बने घूर रही थी। 
उसे बहुत डर और uncomfortable feel हो रहा था उसका दिमाग उड़ गया उसे समझ नहीं आ रहा था की इस मुसीबत से कैसे निकले जो फेविकिक की तरह उससे चिपक गई थी।

तभी मस्ती जिसके दिमाग का कोई भरोसा नहीं कब क्या कांड आ जाए और वो कंप्लीट कर दे और किसी को पता भी ना चले।
वो धनेशि को मनीष से चिपका देख 
"अरे यार बहुत भुख लगी है चलो चलो" मस्ती उठ खड़ी हुई और जल्द बाजी करते हुए बस से उतरने को हुई और जानबूझकर धनेशी को धकेल दी धनेशि धक्के से संभल नहीं पाई और उसका धक्का राहुल को लग गया वो बिचारा भी संभल नहीं पाया और मेकअप पोत रही रिचा के गोद में जा बैठा जिससे रिचा के हाथ से उसका लीपा पोती का सामान गिर गया और टूट गया। 

सभी आंखे फैलाए ये नजारा देखे और अब भी देख रहे थे।
मस्ती तो बिना उस मोमेंट को देखे चालाक खिसियानी बिल्ली की तरह हंसकर बस से उतर गई और रेस्टोरेंट के अंदर एंट्री ले ली जैसे उसे पता हो आगे क्या होने वाला था। 
उसी तरह रियू भी जिसको कोई फर्क नहीं पड़ता की आगे क्या होगा वो शातिर स्माइल कर बेपरवाही से बस से उतर मस्ती के पीछे चली गई।
मनीष और बाकि सब चुप चाप उन्हे जाता देखते रह गए।

तभी जोर से गुस्से में कोई चीखा सॉरी चीखी "you stupid donkey horse bastard तुमने मेरा,,तुमने मेरा कीमती मेकअप किट तोड़ दिया यूं इडियट तुम्हे पता भी है कितना सुंदर और कीमती था,, ब्ला ब्ला" ये और कोई नहीं रिचा ही थी।
उसने चीखते हुए राहुल को अपने गोद पर से धक्का दे दिया और राहुल मुंह के बल जा गिरा तो सभी मुंह दबाए हस पड़े। 
तो वही रिचा अपना महंगा स्मॉल मेकअप किट टूटने से गुस्से में जंगली लाल मिर्च बनी हुई नीचे पड़े राहुल पर जो अपना मेकअप पुराण अलप गालियों के फूल बरसा रही थी। 

रिचा नॉनस्टॉप भड़के जा रही थी जिससे राहुल का कान पकने लगा था फिर भी उसका मुंह बंद न होता देख राहुल भी गुस्से से खीज उठा और चिल्लाया "अरे चुप,, चुप करोओओ,,," 

रिचा चिहुंक उठी और चुप रह गई। जो हस रहे थे वो भी चुप होकर राहुल को देखे जो गुस्से में रिचा को घुर रहा था।
वो बोला "कब से देख रहा हु कितना बक बक किए जा रही गलती से गिर गया,,जानबूझकर नही गिरा जो अपने टमाटर जैसे मुंह से इतने फूल बरसा रही" 

राहुल एकदम ऐसे चिल्लाने से रिचा सहम गई उसके आखों में मोटे मोटे आसू लुढ़क गए। 

"हूं हूं हु,,मेरा ही गोद मिला गिरने को,,गिरने का इतना ही शौक था तो नाली गडर सड़क या ट्रेन की पटरी पर जाके गिर जाते,,मेरा मेकअप किट तोड़ दिया हु हुऊ ऊ ऊ हु" रिचा भड़कते हुए रोने लगी। 
उसके कान फाड़ू आवाज किसी को बर्दास्त नही हुआ सभी अपने कान पर हाथ रख लिए । उसकी आवाज इतनी बेसुरी और कानफाडू थी की टीचर्स के कानों तक पहुंच गई थी। 

प्रिंसीबल सर चिहुंक कर "ये आवाज कैसी? क्या हो रहा बस के अंदर,,,?" 

"सर मैं देखती हु" मोहिंता मेम चिंता से बोली और उठने ही वाली थी की 

ज्ञानेद्रीय सर उन्हे रोकते हुए नर्म लहजे में बोले "मेम रुकिए,, आप सभी अपना नाश्ता कीजिए मैं चेक करता हु" 
प्रिंसिबल सर गौर किए की जब जब ज्ञानेद्रीय सर मोहिंता मेम से बात करते उनका लहजा नर्म हो जाया करता था। वही विजेंद्र सर का तो सबको पता ही था की वो मोहिंता मेम पर लट्टू है सिर्फ मोहिंता मेम को छोड़ वो बिचारी तो प्रेम करुणा और ममता की मूरत थी जो सबपे प्यार से लुटाती थी। 

ज्ञानेद्रीय सर बस की तरफ़ बढने को एक क़दम उठाए ही  थे की मस्ती रियू को रेस्टोरेंट के अंदर एंट्री लेते देख उनकी तरफ बढ़ गए।

मस्ती रियू उनको अपनी ओर आता देख अपनी जगह पर खड़ी रह गई।

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( >💜💜💜 हे मस्ती देवी क्या होगा आगे? 

🤪 मस्ती देवी "अगले ep में जान लेना मूर्ख वत्स,, मिलते हैं जल्द ही"