💼 तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 15
"जब मोहब्बत को वक़्त की कसौटी से गुजरना पड़ा…"
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“शादी के बाद की असल कहानी वही होती है,
जहाँ प्यार और ज़िम्मेदारियाँ साथ चलते हैं —
कभी एक-दूसरे का हाथ थामे,
तो कभी सवालों में उलझे।”
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☀️ सीन 1: सुबह की शुरुआत – शादी के बाद पहला दिन
सुबह की रौशनी कमरे में हल्के-हल्के दस्तक दे रही थी।
आरव की आँखें खुलीं — सामने संजना।
कंधे तक बिखरे बाल, सिंदूर की हल्की रेखा,
और होठों पर एक मुस्कान।
"गुड मॉर्निंग मिसेज़ अग्रवाल…"
आरव ने मुस्कुराते हुए कहा।
"अब तुम मुझे ये नाम हर सुबह बुलाओगे क्या?"
"हर सुबह, हर शाम, हर सांस में… क्योंकि अब तुम मेरा नाम हो।"
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☕ सीन 2: किचन की हलचल – नई बहू का पहला दिन
संजना पहली बार किचन में गई।
आरव की माँ पहले से मौजूद थीं।
"कुछ मदद कर दूँ माँ?"
"आज नहीं… बस देखो और याद रखो।
तुम्हारा समय धीरे-धीरे आएगा।"
संजना चुपचाप बैठ गई।
हल्की-सी बेचैनी,
जैसे एक नई ज़िंदगी की शुरुआत का डर।
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📱 सीन 3: कॉल – ऑफिस से बुलावा
आरव का फोन बजा —
“Mr. Aarav, congratulations on your wedding. But you’ll have to report early for your Delhi project.”
"Sir, it’s my first week of marriage..."
"That’s why we’re trusting you. You’ll get leadership exposure there. Take it or leave it."
आरव ने फोन रखा।
चेहरा तनाव से भर गया।
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🛋️ सीन 4: लिविंग रूम – आरव और संजना की बात
आरव संजना के पास बैठा।
"दिल्ली जाना होगा… कुछ दिनों के लिए।
नई पोस्टिंग, बड़ा प्रोजेक्ट…"
संजना कुछ पल चुप रही।
फिर मुस्कुरा कर बोली —
"तो फिर देर किस बात की?
जाओ और अपना सपना पूरा करो।"
"तुम नाराज़ नहीं हो?"
"नाराज़ क्यों होती?
तुम्हारी उड़ान अगर रुक जाए, तो फिर हम दोनों की ज़िंदगी अधूरी लगेगी।
बस एक वादा करो…"
"क्या?"
"हर दिन एक बार — चाहे जितना बिज़ी हो —
मुझे याद करना मत भूलना।"
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🧳 सीन 5: स्टेशन – विदाई का दूसरा पल
आरव ट्रेन में चढ़ रहा था।
संजना उसे देखने आई थी।
इस बार वो विदाई अलग थी —
न डोली थी, न आँसू…
बस दो आँखों में भरोसा था।
"जल्दी लौट आना…"
"तुम्हारे बिना यहाँ चैन नहीं आएगा।"
ट्रेन चली —
संजना पीछे खड़ी रही…
जब तक आरव की झलक दिखी,
उसने अपनी आँखों से उस रेखा को समेटे रखा।
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🏙️ सीन 6: दिल्ली – काम और अकेलापन
आरव दिनभर ऑफिस में मीटिंग्स,
रात में अकेले होटल के कमरे में।
संजना की भेजी हुई तस्वीरें, वॉयस नोट्स —
उन्हीं से उसका दिन शुरू होता और ख़त्म भी।
"आज माँ ने मुझे आलू की सब्ज़ी बनाना सिखाया…
तुम्हें पसंद है न?"
"इतना याद मत दिलाया करो…
वरना मैं काम छोड़कर लौट आऊँगा।"
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📖 सीन 7: संजना की डायरी – अकेलेपन की शुरुआत
> "*कभी-कभी साथ होते हुए भी दूरी महसूस होती है,
और अब दूर होकर साथ रहने का मतलब समझ आ रहा है।
शादी के बाद सब कहते हैं —
नई ज़िंदगी शुरू होती है…
पर मेरे लिए तो जैसे एक इम्तिहान शुरू हुआ है।*"
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📱 सीन 8: कॉल की कमी – संजना की बेचैनी
एक शाम आरव का फोन नहीं आया।
संजना ने कॉल किया —
स्विच ऑफ।
मैसेज किया — डिलीवर नहीं हुआ।
रात बीत गई।
सुबह तक उसने सौ बार फोन देखा।
"कुछ हुआ तो नहीं…?"
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📞 सीन 9: आखिरकार कॉल आया – लेकिन…"
अगली दोपहर कॉल आया।
"सॉरी संजना… लैपटॉप चोरी हो गया।
फोन गुम हो गया।
मैं 24 घंटे बिज़ी रहा FIR में…
तुम्हें बताया तक नहीं।"
संजना की आँखें भर आईं।
"मुझे कुछ नहीं चाहिए…
बस इतना कि अगर तुम तकलीफ़ में हो,
तो मुझे बताना।
मैं तुमसे सिर्फ हँसी नहीं, दर्द भी बाँटना चाहती हूँ आरव।"
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💬 सीन 10: रूही की सलाह
रूही आई मिलने।
"कैसी है मेरी नवविवाहिता?"
"कभी ठीक… कभी खाली।"
"तो अब खुद को सिर्फ बीवी मत समझ,
एक लड़की भी है अंदर —
अपने लिए कुछ कर।
पढ़ाई, नौकरी, सपना — कुछ भी।"
संजना को लगा —
शायद यही वक़्त है अपने ख्वाबों को फिर से ज़िंदा करने का।
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💻 सीन 11: संजना की नई शुरुआत
संजना ने एक ऑनलाइन कोर्स जॉइन किया —
“Creative Content Writing”
पहली क्लास में टीचर ने कहा:
“लिखो वो, जो तुम्हारे दिल में दबी बात बनकर बैठा है।”
संजना ने टाइप करना शुरू किया:
> "उसने जब पहली बार मेरा हाथ पकड़ा,
मुझे नहीं पता था कि वो मुझे सिर्फ थामेगा नहीं,
बल्कि मेरे अंदर की लड़की को फिर से ज़िंदा करेगा।"
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🕊️ सीन 12: आरव की वापसी – दो महीने बाद
स्टेशन पर इस बार संजना अकेली नहीं थी।
उसके हाथ में एक छोटी-सी डायरी थी।
आरव उतरा।
चेहरे पर थकान थी, पर आँखों में वही चमक।
"क्या लेकर आई हो?"
"एक अधूरी किताब…
जिसका अगला चैप्टर अब तुम्हारे साथ मिलकर लिखना है।"
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🏡 सीन 13: घर वापसी – नई समझ, नया रिश्ता
उस रात, बालकनी में बैठे दोनों।
**"अब समझ आया…" आरव बोला।
"क्या?"
"कि शादी सिर्फ साथ रहने से नहीं होती,
शादी तब होती है जब हम दूर रहकर भी
एक-दूसरे की रूह को महसूस करते हैं।"
संजना ने उसकी हथेली थामी —
"और जब सपनों को भी साथ जीने की जगह मिले…"
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🔚 एपिसोड 15 समाप्त
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🔔 एपिसोड 16 में:
✍️ संजना का पहला पब्लिश्ड आर्टिकल
💔 एक नई महिला किरदार की एंट्री
🕯️ और फिर से रिश्तों में एक मोड़ —
जिसमें आरव और संजना के बीच उठेगा एक बड़ा सवाल…
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