Tere Mere Darmiyaan - 17 in Hindi Love Stories by Neetu Suthar books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियाँ - 17

Featured Books
Categories
Share

तेरे मेरे दरमियाँ - 17

बहुत खूब!
अब कहानी एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है —
जहाँ रिश्ते और सपने दोनों अपनी परीक्षा में हैं।


---

✨ तेरे मेरे दरमियाँ – एपिसोड 17

"जब ख्वाब काग़ज़ पर उतरने लगते हैं…"


---

🕊️ सीन 1: सुबह की चाय और नई शुरुआत

सुबह की चाय की चुस्कियों के बीच,
आरव बालकनी में बैठा अखबार पढ़ रहा था,
और संजना डायरी में कुछ-कुछ नोट कर रही थी।

"क्या लिख रही हो अब?"
आरव ने मुस्कुराते हुए पूछा।

"बस… कुछ अधूरी बातें,
जो शायद कभी किताब बन जाएं…"

आरव चुप हो गया —
और फिर वहीं से उसने अपना मोबाइल उठाया।

"तो किताब छपवाने का प्लान भी है?"

"नहीं… अभी नहीं।
सोचा है, पर इतना कॉन्फिडेंस नहीं आता…"

"तुम्हारा कॉन्फिडेंस तुम्हारी कलम है, संजना।
एक बार लिखना शुरू करो,
बाकी सब अपने आप हो जाएगा।"


---

📬 सीन 2: एक अनजाना मेल – “कहानी जो दिल छू गई”

दोपहर में एक मेल आया:

> Subject: “A Proposal for Your First Book”

Dear Sanjana,

We are from BlueQuill Publishing.
We heard your podcast and read your article.
Your thoughts have emotional depth.
We believe your story deserves a wider audience.

We'd like to offer you a chance to write a debut fiction novel with us.
We’d love to meet and discuss more.

Warm regards,
Aarush Mehta
Senior Editor, BlueQuill.



संजना की उंगलियाँ स्क्रीन पर थम गईं।

"Aarush Mehta…?"

नाम कहीं सुना सा लग रहा था —
फिर याद आया, वो रूही की जान-पहचान में से था।


---

📞 सीन 3: रूही से बात

"रूही… तू Aarush Mehta को जानती है?"

"हाँ, बहुत अच्छा इंसान है।
पब्लिशिंग में टैलेंट खोजने में माहिर है।
तुझे सीरियसली मिलना चाहिए उससे।"

"पर मैं एक किताब लिख पाऊँगी?"

"संजू, तू बस वो लिख जो तुझे बेचैन करता है…
बाकी सब संभल जाएगा।"


---

🏙️ सीन 4: पब्लिशिंग हाउस की पहली मीटिंग

BlueQuill का ऑफिस किताबों और कहानियों से भरा हुआ था।
वहाँ बैठा Aarush Mehta बेहद सरल और विनम्र था।

"मैंने आपका पॉडकास्ट सुना —
आपकी आवाज़ में एक रूह है।
ऐसे लोग बहुत कम होते हैं जो शब्दों से सच्चाई कह सकें।"

"Thank you… पर मैं सिर्फ एक beginner हूँ।"

"Every author is a beginner,
जब तक वो अपने पहले पन्ने से डरता है।
आप बस वो लिखिए,
जो आपने जिया है।
सच्चाई सबसे बेहतरीन कहानी होती है।"

Aarush ने उसे एक कॉन्ट्रैक्ट और डेट दी:

"3 महीने में पहला ड्राफ्ट चाहिए।
और हाँ, नाम आप चुनिएगा —
कहानी आपकी है।"


---

🛋️ सीन 5: आरव और संजना – छोटे-छोटे सपनों की बात

रात को दोनों सोफे पर बैठे थे।

"किताब लिखने जा रही हूँ…"
संजना ने धीरे से कहा।

"मुझे तुम पर गर्व है, संजना।
लेकिन एक बात याद रखना —
तुम्हारे हर शब्द में तुम्हारा सच होना चाहिए।
बाकी सब पाठक खुद समझ जाएंगे।"


---

✍️ सीन 6: “तेरे मेरे दरमियाँ” — किताब की शुरुआत

संजना ने किताब लिखनी शुरू की:

> "तेरे मेरे दरमियाँ –
एक लड़की जिसकी पहचान सिर्फ किसी की पत्नी नहीं थी,
और एक लड़का जिसने किसी के सपनों को खुद से बड़ा माना।"



हर शब्द में उसका अपना रिश्ता था,
हर पंक्ति में उसकी अपनी लड़ाई।

वो लिखती रही,
कभी हँसते हुए,
कभी रोते हुए।


---

💔 सीन 7: एक पुराना राज — एक अनपढ़ा खत

एक दिन पुराने ट्रंक को साफ़ करते हुए,
संजना को एक डायरी मिली —
आरव की पुरानी।

उसमें एक पन्ना था:

> “Avni… तुम चली गईं,
पर जो खालीपन तुमने छोड़ा,
उसे शायद कोई नहीं भर सकेगा।”



संजना का दिल हल्का सा डगमगाया।

"तो वो सिर्फ कॉलेज की कहानी नहीं थी…"


---

🌙 सीन 8: आरव से सवाल

"तुमने अवनि से सिर्फ दोस्ती का ज़िक्र किया था,
पर तुम्हारे लिखे शब्द कुछ और ही कहते हैं।"

आरव चुप।

"तुम मुझसे क्या छुपा रहे हो, आरव?"

"कुछ भी नहीं… बस वो बीता हुआ हिस्सा है…
जिसे मैं खुद भी भूलना चाहता हूँ।
हाँ, एक वक़्त पर मैं उसे चाहता था…
पर अब वो मेरी ज़िंदगी में कहीं नहीं है।
तुम हो।"

"पर जब तक सच्चाई पूरी ना हो…
विश्वास अधूरा लगता है।"


---

📖 सीन 9: किताब में टकराव

संजना की कहानी अब और गहराई ले रही थी।

उसने अपनी नायिका को एक ऐसे मोड़ पर ला दिया
जहाँ वो अपने पति के अतीत से जूझ रही थी।

"क्या रिश्ते अतीत से परे हो सकते हैं?"

"या हर बीती कहानी,
आज की हकीकत को कहीं न कहीं प्रभावित करती है?"


---

🕯️ सीन 10: आरव का चुपचाप तोहफ़ा

एक शाम आरव ने संजना के टेबल पर एक लिफाफा रखा।

उसमें एक खत था:

> **"संजना,

मैं चाहता था कि तुम मुझे मेरे आज से जानो,
इसलिए बीते को ज़िक्र नहीं किया।
पर तुम सही हो —
सच्चाई के बिना भरोसा नहीं बनता।

अवनि मेरी अधूरी कहानी थी,
तुम मेरी मुकम्मल किताब हो।

तुम्हारा – सिर्फ तुम्हारा,
आरव"**




---

❤️ सीन 11: अंत और एक नया आरंभ

संजना की आँखों से आँसू बह रहे थे।
उसने खत को अपनी डायरी में रख लिया —
और किताब के आखिरी चैप्टर में लिखा:

> **"प्यार वही नहीं होता जो बिना दर्द के हो,

बल्कि वही होता है जो

दर्द के बाद भी साथ बना रहे…"**




---

🔚 एपिसोड 17 समाप्त


---

🔔 एपिसोड 18 में:

📚 पांडुलिपि की पूरी होने की खुशी
📸 किताब की शूटिंग और मीडिया में पहला इंटरव्यू
🖤 और एक अजनबी की एंट्री — जो कहानी का भूला हुआ सिरा जोड़ सकता है…


---