Three best forever - 35 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 35

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 35

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( >💜💜💜 आओ आओ मेरे यारों और उनकी चुड़ेलो आ गया हु next ep लेकर चलो साथ पढ़ते है। 

"सर इसके कान में आपकी आवाज नही गई जरा और जोर से चिल्लाओ" धनेशी बोली तो ज्ञानेद्रीय सर उसे इग्नोर कर अपनी जगह आकर बैठ गए।
धनेशी और बाकी सब देखते रह गए। अब आगे,,,

सभी हैरानी से "ज्ञानेद्रिय सर इसे क्यू  नही उठाए ?" 

"क्युकी ए अपनी मर्जी की मालकिन है कितना भी गला फाड़ लो या काट लो नही उठेगी" रियु बेपरवाही से बोली।

सभी हैरानी हुए मुंह पर हाथ रख "क्या बात कर रही,,,? तो फिर ए कैसे उठेगी?" 

रियू जम्हाई लेते हुए बोली "इसे सिर्फ एक ही महान स्त्री उठा सकती है" 

धनेशी फट से "और वो मोहिंता मेम होगी,,है ना है ना?" 

रीयु उसे दस सेकंड तक घुरी फिर बोली "ह,,नही,,,?" धनेशी का मुंह बन गया। 

सभी उत्सुकता से आखें बड़ी बड़ी कर "तो फिर वो महान स्त्री है कौन कौन कोई,,,?" 

"इनकी माता श्री,," मनीष वहा आकर हाथ जोड़ कर जवाब दिया।
सभी समस्या में पड़ गए की अब मस्ती की माता श्री को कहा से लाए वो तो बिचारी घर पर चिंता में सर पीटते हुए इसकी राह देख रही होगी। 

मनीष सबकी शक्ल देखा और हस पड़ा सभी उसे हस्ते सुन सब उसकी ओर कन्फ्यूज होकर देखे जैसे
पूछ रहे हो "हस क्यू रहा,,,?" 

स्ट्रॉन्ग बोला "समस्या का समाधान इंपोसिबल है इसलिए कही पगला तो नही गया,,?" 

"रूको जरा,,," ये बोलते हुए मनीष ने अपने फ़ोन से मम्मी जी नाम वाले no पर कॉल किया।
रींग जा रही थी तभी किसी ने कॉल पिक किया मनीष ने कॉल स्पीकर पर रखा ।
उधर से एक औरत की आवाज आई "हेलो मनीष बेटा कैसे हो ? रियू कैसी है? ट्रिप कैसी गई ?" 

"आराम से मम्मी जी आराम से सब ठीक है डोंट वरी पर मस्ती,,," मनीष बोलते हुए जानबूझकर चुप हो गया।

ये सुन दूसरी फोन की दूसरी तरफ मस्ती की मम्मी (सुनीता ) जी चिल्लाई "हे भगवान,,,"  ये आवाज सुन मस्ती की नींद कौए की तरह उड़ गई।

सभी हैरान उसे देखे और सबको ये भी लग रहा था की माता श्री अपनी बेटी के लिए परेशान हो गई है दुखी हैं  उसकी फिक्र हो रही हैं और अब रोना धोना गाना करेगी। 

पर तभी सुनीता जी ने सबकी सोच का गला घोंटते हुए आगे कहा "अब कौन सा कांड कर दिया उस मस्ती की नानी ने ? हे राम जी ये लड़की बार बार अपने टीचर्स के सामने मेरा नाक कान जबान सब कटवाती रहती है,, आने दो करमजली को बहुत मस्ता गई है हाथ पैर बांध कर चबूतरे पर लटका कर चप्पल से मारूंगी तब समझ में आएगा उसे" 

ये सुन मस्ती की हालत मरियर रोग से भी ज्यादा बत्तर हो गई थी तो वही सब लोग भी सदमे में थे।

मनीष मस्ती की तरफदारी करते हुए "मम्मी जी ऐसा कुछ नहीं हुआ है don't vary मस्ती सो गई थी इसलिए आपको कॉल किया" 

दूसरी तरफ से सुनीता जी बोली "अच्छा ऐसी बात है पहले ही बता देता फालतू मेरा हाजमा खराब हो गया" 

मनीष खिसियानी हसी हस्ते हुए "सॉरी मम्मीजी,," 

सुनिता जी भी हस्ते हुए "चल ठीक है कोई बात नहीं,,तुम सब जल्दी आओ,," 

"जी मम्मी जी" ये बोल मनीष कॉल कट करने वाला होता है की सुनिता जी फिर बोली "बेटा सुनो चिकन पकोड़े खाना है या बिरयानी मस्ती से पूछ कर बता दो मैं बना लेती हु" 

मनीष मस्ती को देखा जो राहत की सास ले रही थी। फिर सबको देखा सभी होठों पर जीभ फेरते हुए ललचाई नज़रों से उसे देखने लगे जैसे कहना चाहते हो "दोनों ही बनवा लो" मनीष सबको घुरकर देखा इससे पहले वो कुछ बोलता रियु sweet ली बोली "प्यारी मम्मी जी हम आके बताते हैं ok बाय" 

"ठीक है बाय बेटा ध्यान से आना" ये बोल सुनीता जी कॉल कट कर दी।

सभी चेहरा लटका कर रियू को देखे 
रियू कंधे उचकाते हुए "क्या,,? लालच करना बुरी बला,,क्या स्कूल में सीखा नही?" 

इस बात पर सबका मुंह बन गया।

"देखा इंपोसिबल पॉसिबल छोड़ हमे कोशिश करते रहना चाहिए तभी समस्या का समाधान निकलता है " मनीष ने कॉन्फिडेंस में कहा तो सभी बैल की तरह मुंडी हां में हिला दिए।

मस्तानी उपर देख बोली "थैंक्स गॉड बच गई वरना आज मेरी तो वाट लगने वाली थी"  

धनेशी तिरछी स्माइल कर बोली "लग जाती अगर मनू बिच में न आता तो,, ह तुम्हे तो उसे थैंक्स बोलना चाहिए" 

मस्ती एक आईब्रो उच्का कर उसे घुरी और 
बोली "क्यू,,,?" 

धनेशी उसे घुरकर "क्युकी उसने तुम्हे बचाया" 

"बचाया तो,,,?" मस्ती फिर उसी तरह बोली।

"बहरी हो क्या,,,? बोली ना उसने तुम्हें तुम्हारी सो कॉल्ड मॉम से बचाया तो,,तुम्हे तो उसे थैंक्स बोलना चाहिए इतनी सी बात समझ में नहीं आती,,ओह वन सेकेंड,,समझदारी बेच खाई हो क्यों है ना" मस्ती के ऐसे सवाल करने धनेशी खीज उठी और जो मन में भड़ास था वो सबके समक्ष प्रस्तुत कर दी।

सभी हैरान उसे देख रहे थे तो वही तीन लोग गुस्से में उसे घुर रहें थे। 

और वो थे रियू,,मस्ती,, मनीष,,

"ए बेवकूफ लड़की बेवकूफ की बेवकूफ ही रहेगी मुझे तो शक होता है ये मेरी सगी बहन है,,हूं अपनी इतनी असलियत कोई दिखाता है,,खैर मुझे क्या जो हो रहा उसमे मेरा ही फायदा है" राहुल मन में उसे कोसते हुए हस रहा था।

सबके ऐसे घूरने से धनेशी को रिलाइज हुआ उसने अपने इज्जत का भाजी पाला कचरा सब कर दिया है।

उसने उन तीनों को देखा जो आखों में अंगारे लिए उसे घुर रहे थे मानो अभी उसे जलाकर कोयला बना देंगे।

"So,, sorry मनी,,," धनेशी आगे बोलती की 

मस्ती कमर पर हाथ रख उसे घुरकर बोली "तेरा सॉरी गया भाड़े का तेल लेने,, चिपकली कही की तेरी हिम्मत भी कैसे हुई मेरी प्यारी मम्मी को ऐसा बोलने की ,,हा है मेरी मम्मी so कॉल्ड तो,,,? तू कौन होती है उन्हे जज करने वाली और कौन सी मम्मी अपने बच्चों पर गुस्सा नही होती या उनकी भलाई के डाटती नही " 

राहुल गुस्से का दिखावा कर मस्ती की साइड लेकर भड़कते हुए "क्या अनाप शनाप बक रही थीं बेवकूफ लड़की सोच समझ कर नही बोल सकती" 

पर धनेशी का ध्यान मनीष के गुस्से से भरे चेहरे पर ही था वो राहुल को इग्नोर कर मनीष से बोली "मनीष,, मनीष प्लीज मुझे माफ कर दो मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था मैं बस चिढ़ गई और ये सब,,,प्लीज मनीष माफ कर दो" 

"Oohh really,,, हमे कोई फर्क नहीं पड़ता की तुम्हरा इरादा क्या था,,? तुम क्या बोलना चाहती थीं? Let me explain one thing to you, तुझे किसी ने हक नहीं दिया की तू हमारी मम्मी जी को कुछ भी कहे" रियू एक एक शब्द गुस्से में दात पिस्ते हुए बोली।

मनीष सीरियस एक्सप्रेशन लिए बोला "जाने दो रियू,,ये पहली बार है और दोस्त हो इसलिए पहली गलती समझ कर माफ कर रहा आगे से मेरे सामने सोच समझ कर बोलना of elders  full Respect उनकी इंसल्ट मैं बर्दास्त नही करूंगा Did you understand?" 

"yes,,yes i understand very very sorry" धनेशी फट से बोली जैसे उसे जेल से रिहा मिल गई हो।


आधा घंटा खत्म हो गया । 
और बस रुका दस स्टूडेंट बाय बाय करते हुए अपने स्टॉप पर उतर गए । ऐसे ही हर पांच मिनट बाद एक एक कर सब अपने स्टॉप पर उतरने लगे।

अब बस में सिर्फ आठ स्टूडेंट्स थे। 

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( >💜💜💜क्या होगा आगे जानेंगे next ep में बने रहे मेरे जैसे हैंडसम के साथ 😎 मिलते हैं जल्द ही😘