Three best forever - 36 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 36

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 36

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( >💜💜💜ऐ next ep पढ़ ले।😎 

से ही हर पांच मिनट बाद एक एक कर सब अपने स्टॉप पर उतरने लगे।

अब बस में सिर्फ आठ स्टूडेंट्स थे। अब आगे,,,,

"अगला स्टॉप धनेशी,,रिचा और राहुल मनीष का है अपना अपना बोरिया बिस्तर उठाकर तैयार रहो" स्ट्रॉन्ग ने कहा। 

ये सुन धनेशी उसे घूरते हुए अपना बैग उतारने लगी 
बोली "रिचा डार्लिंग चल अपना बैग पकड़ अपना स्टॉप आने वाला है" 

तभी मस्ती रियू साथ में बोली "तेरी डार्लिंग बस में ही बसने वाली है" 

"व्हाट,,,?" हैरानी से बोल वो रिचा को देखी जो बेख्याली मेकअप पोत रही थी उसने अपना सिर पीट लिया एक तो पहले ही मनीष के सामने उसके इज्जत का कचरा हो गया था इससे उसका मूड बहुत खराब था और रिचा की इस हरकत ने उसके खराब मूड को और भड़का दिया। 

वो गुस्से में भड़कने वाली थी की कुछ सोच कर शांति से उसके कंधे को झंझकोर वर्ल्ड को लंबा खींचते 
हुए ऊची आवाज में बोली "रिचा,,, डा,,,,र्लिंग" 

रिचा चिहुंक कर "क्या हुआ,,ऐसे डरा क्यू रही?" 

धनेशी जबर्दस्ती स्माइल कर "स्टॉप आने वाला है उतरना है या यही अपने सॉफ्ट ब्यूटी का धरना लेकर बैठना है?" 

रिचा बैग उठाकर अपने पीठ पर लटकाते हुए "ह हा पता है चल रही हू ना ताना मारने की क्या जरूरत है "  

धनेशी उसे घुर कर देखी जैसे कह रही हो "मैं बस से उतर कर चली भी जाती तब भी तुझे पता नहीं चलता" उसकी बिन कहे बात समझ में आते ही रिचा जबरदस्ती हस पड़ी।

बस रुकी और दोनो बस से उतरने को हुए की धनेशी रुक कर राहुल से बोली "भाई तुम नही आ रहे ?" 

राहुल मन में "तुझसे मतलब,,," फिर उससे बोला "मैं मनीष के साथ आ जाऊंगा तुम दोनो जाओ" उसकी बात सुन मस्तानी और रियू एक दूसरे को देखे और ना में सिर हिला दिए। और एक दूसरे के कंधे पर हाथ थपथपाया जैसे एक दूसरे को दिलासा दे रहे हो।

वो दोनो नही चाहते थे की उनके और मनु के बीच में ये कलमुहा घुस आए। 
लेकिन वो मनीष को हर्ट नही करना चाहते थे। माना की वो दोनो उसके लिए बहुत अहमियत रखते हैं लेकिन राहुल  भी उसके लिए बहुत अहमियत रखता है। मनीष उसे भी सच्चे दिल से अपना best friend मानता है और जब वो किसीको दिल से कुछ मान ले तो उसके दिल में उस हर एक व्यक्ति के लिए जगह बन जाती हैं । तो फिर किसी एक को भी कैसे हर्ट कर सकता था। 

"पूरा दिन नही पड़ा है जो बस खड़ी रहेगी जल्दी उतरो जिसका स्टॉप है वरना उठाकर बाहर फेक दूंगा" ज्ञानेद्रीय सर भड़कते हुए बोले।

सभी सहम गए। वही रिचा धनेशी जल्दी जल्दी चल हड़बड़ाते हुए बस से उतर कर गिरते गिरते बचे दोनो डर से सहम गए थे। उन्के साथ सभी को लगा आज तो उनका सिर फूटा फूटा फूटा,,,पर शुक्र है भगवान का बच गई।

"ठीक हो ना तुम दोनो" मनीष पूछा तो रिचा जवाब देने जा रही थी धनेशी बीच में चहकते हुए बोली "हा हा मनीष बिल्कुल ठीक हु,, I am absolutely fine डोंट वरी" 

"Ok by by ध्यान से जाना दोनो" मनीष बाय करते हुए बोला तो धनेशी कान तक स्माइल किए सर हा में जल्दी जल्दी हिलाई।
लेकिन जल्द ही उसकी स्माइल आबरा का डाबरा गीली गीली छू हो गई।

"ही ही ही,,हा सभल कर जाइयो खासकर तुम रिचा डार्लिंग,,कही लीपा पोती के चक्कर में नाली गडर में गिर जाइयो" मस्ती खिसियानी हसी हंसकर बोली। सभी के साथ मनीष की भी हसी छूट गई। 

बस फिर चल पड़ी अपने आखिरी स्टॉप की ओर,,, वही रिचा धनेशी बस को घूरती रह गई जब तक उनकी आखों से ओझल न हो गई।

बस अपनी रफ्तार तेज करते हुए सड़क पर उचक उचककर दौड़े जा रही थी क्युकी सड़क छोटे छोटे पत्थरों से लदा था।

वही मस्ती रियू राहुल का उनके साथ आना ये सोच अपना सिर पीट रही थी की 
उत्साह बोला "मस्ती मुझे भी आंटी के हाथ का बना खाना चखना है प्लीज मैं भी आ जाऊ?" 

समजीत हाथ उपर उठाए उछलते हुए "अरे मैं मैं मैं भी आऊंगा" 

"मैं भी आ सकता हूं क्या ? वैसे भी मैं तुम्हारे बड़े भइया के उम्र का हु मुझे मना नही कर सकती" स्ट्रॉन्ग पूछकर कमर पर हाथ रख पुरी हिम्मत दिखाते हुए हक जमाने लगा। उसकी हरकत देख मस्ती हौले से हस पड़ी। तभी अचानक उसकी हसी गायब हो गई। जब 

राहुल इतराते हुए बोला "मुझे तो पूछने की जरूरत ही नहीं मनीष जाएगा तो मैं भी जाऊंगा ही" उसकी बात सुन उत्साह,, समजीत और स्ट्रॉन्ग जलन भरी नज़रों से उसे घूरने लगे।

राहुल हड़बड़ा गया और बोला "ऐसे मत घूरो कोई गाली नही दिया हु,,सही तो बोला मनीष जाएगा तो मैं भी जाऊंगा ही क्यों मनीष,,,?" उसकी बात सुन सभी का रुख अब मनीष की तरफ हो गया। मनीष सबको देखा सब उसे रिक्वेस्ट भरी नज़रों से जैसे कह रहे हो "हमे भी ले चल" 

तो वही मनीष भी उन्हे इशारों में मस्ती की ओर इशारा किया जेसे कह रहा हो "उससे पूछो वही है अपनी मर्जी की मालकिन" 

अब सब मस्ती की ओर देखे जो बड़े आराम से रियु के कंधे पर सर टिकाए बैठी जम्हाई ले रही थी। 

सब लड़के एक साथ बोले "मस्ती प्लीज मना मत करना"

मस्ती सीधे बैठती हुई बोली "मना तो नही करूंगी पर,,," 

सब ना समझी से "पर,,,?

मस्ती डेविल स्माइल कर "पर बदले में रिश्वत लूंगी,,बोलो क्या दोगे,,,?" 

सभी  हैरान मुंह खोले उसे ताकने लगे। 
और मन में बोले "इस मस्ती की मस्ती खत्म क्यों नहीं होती खुले बस में रिश्वत मांगने पर उतर आई,,हे भगवान आपका शुक्र है की अभी बस में है सड़क पर होते और इसकी ये खतरनाक बाते कोई सुन लेता तो पक्का हम सब अभी जेल के अंदर चक्कर काट रहे होते"  
सबके दिमाग यही एक ही बात चल रही थी।

की तभी सब टीचर्स वहा आकर बोले "हमे भी चखना है सुनीता जी के हाथ का बना खाना,,,बताओ क्या रिश्वत दे?" 

सभी हैरान आखें बड़ी बड़ी कर टीचर्स को देखने लगे।

सभी टीचर्स कन्फ्यूज होकर एक दूसरे को देखे फिर साथ में बोले "ऐसे क्या हैरान होकर देख रहे हम भी इंसान ही है,," 

"ह,, हा पता है हम कहा कुछ बोले है" सभी हड़बड़ाते हुए नॉर्मल होकर बोले।

ज्ञानेद्रीय सर सबको आंखे छोटी कर घूरते है "लेकिन अभी आखें तो ऐसे फैला रहे थे जैसे हम दूसरे ग्रह से टपके हैं,,और लजीजदार खाना खाने का हमे कोई हक ही नहीं है हूं" 

"अरे सर ऐसी कोई बात नही वो वो,,, मस्ती बता दू क्या,,,?" मनीष बोलते हुए मस्ती से पूछा 

मस्ती बेपरवाही से बोली "बक दे,,," तो रियू उसके सिर एक चपत लगाई तो मस्ती दात चमका दी।

मनीष मुस्कराते हुए बोला "मस्ती का प्लान आप सभी टीचर्स को खाने पर इन्वाइट करना ही था लेकिन,,," 

मनीष की बात बीच में काटकर रियु मनीष को छोड़ चारों लड़को को घुरकर बोली "लेकिन आपको बताने से पहले ये सब लालची नमूने टपक पड़े बीच में " 

ये सुन राहुल , उत्साह, समजीत , स्ट्रॉन्ग का मुंह बन गया।

प्रिंसीबल सर हाथ बांधे सवाल किए "हा तो बताओं मस्ती क्या रिश्वत लोगी?" 

मस्ती चालाकी से हस्ते हुए "ही ही ही ज़्यादा कुछ नहीं बस आप टीचर्स से एक रिक्वेस्ट है,,,,


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( >💜💜💜 क्या रिक्वेस्ट है मस्ती की ? ये जानेंगे हम next ep में मिलते हैं जल्द ही 💜💜💜🤪