Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 23 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 23

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 23

तानिया उस ड्रेस को अच्छे से पैक करवा लेती है और ईशान को दे देती है। इधर ईशान को तो तानिया के साथ चलने में ही मजा आ रहा था। वो सोच रहा था कि यह काम इतना जल्दी क्यों हो गया यार! तभी तानिया बोलती है कि;

तानिया - ईशान , यह लो तुम्हारी ड्रेस! हमने इसे पैक भी करवा दिया है। अब और कोई तैयारी बाकी है क्या, कल के लिए?

ईशान - थैंक्यू, अब तो सब कुछ हो चुका है। बस कल का इंतजार है। सिमरन दीदी को अपना यह सरप्राइज़ पसंद तो आएगा ना ? 

तानिया - हां ईशान, बिल्कुल उसे बहुत पसंद आएगा। तुम देखना, वो बहुत खुश होगी कि उसके भाई ने उसके लिए इतना सब कुछ किया है। 

ईशान - मैं यह सब जीजू और आपकी मदद से ही कर पाया हूं तानिया जी! दीदी बिल्कुल सही कहती है कि आप दोनो बहुत हेल्पफुल हूं। अब मुझे कोई चिंता नही है सिमरन दीदी की, क्योंकि मुझे पता है कि साहिल जीजू उनका ध्यान बहुत अच्छे से रखेंगे! ईशान की यह बात सुनकर तानिया कुछ सोचने लगती है, और फिर बोलती है कि;

तानिया - हां बिल्कुल, हमे अपने भाई पर पुरा भरोसा है। सच कहे तो साहिल भी बहुत लकी है, क्योंकि उसे सिमरन से अच्छी लाइफ पार्टनर मिल ही नही सकती है, बस वो दोनो खुद ये बात समझ जाए। तानिया की बात ईशान को थोड़ी अजीब लगती है लेकिन वो इग्नोर करता है। 

ईशान - अब मैं चलता हूं तानिया जी! कल मिलते है। 

तानिया - हां हम भी बस थोड़ा सा काम बाकी है, वो करके घर चले जायेंगे! और दोनो थोड़े से confusing और थोड़े से satisfy होकर अपने अपने घर चले जाते है। 

ईशान बाइक चलता हुआ तानिया के साथ जो उसने समय बिताया था, उसके बारे में सोचे जा रहा था। उसे दिल से खुशी हो रही थी, कि तानिया ने उसकी इतनी हेल्प की और उसके साथ इतने अच्छे से बात की। इधर तानिया सोच रही थी कि ईशान पता नही क्या सोच रहा होगा, एक तो हम ऐसे गिर गए, ऊपर से काफी देर तक उठे ही नही!  हमे उस वक्त हो क्या गया था? फिर वो खुद को कहती है कि तानिया, तुम आजकल ज्यादा सोचने लगी हो। ऐसा कुछ नही सोच रहा होगा ईशान, और फिर अपने काम में लग जाती है। 

साहिल के घर पर; 

सिमरन अपने कमरे में बैठकर साहिल के बारे सोच रही होती है, और साहिल अपने कमरे से निकलकर आता है। तभी उसका मन करता है कि वो सिमरन से जाकर कुछ देर बातें करे तो वो उसके कमरे का दरवाजा नॉक करता है, जिससे सिमरन दरवाजा खोलती है। साहिल जैसे ही सिमरन को देखता है तो उसे सिमरन के चेहरे पर एक मुस्कान दिखती है, जिसे देखकर साहिल के चेहरे पर भी स्माइल आ जाती है, और उसके दिल की धड़कन तेजी से बढ़ने लगती है। 

सिमरन - साहिल, तुम ऑफिस नही गए? मुझे लगा कि घर पर मैं अकेली ही हूं। 

साहिल - हां, बस अभी जा ही रहा था, तो सोचा कि एक बार तुमसे मिल लूं।

सिमरन - मतलब, मुझसे क्यों मिलना था तुम्हे?कोई काम था क्या? सिमरन ने सोचते हुए पूछा।

साहिल - यह क्या बात हुई सिमरन, क्या हम सिर्फ काम के लिए ही एक दूसरे से मिलते है क्या? 

सिमरन - क्या साहिल, तुम भी! मेरे कहने का मतलब यह था कि तुम कही लेट ना हो जाओ अपने काम के लिए! इसलिए मैने जल्दी में पूछ लिया कि कोई इंपोर्टेंट काम तो नही है, तुम्हे मुझसे! 

साहिल - अच्छा, कोई नही! मैं तो सिर्फ तुमसे मिलने आया था। घर पर और तो कोई है ही नही, चलो साथ में लंच करते है। उसके बाद में चला जाऊंगा। 

सिमरन - हां बिल्कुल, चलो साथ में खाना खाते है। उसके बाद सिमरन और साहिल साथ मे लंच करते है, और ढेर सारी बातें करते है, जिससे उन्हे टाइम का पता ही नही चलता है और खाना खाने के बाद भी वो वही डाइनिंग टेबल पर बैठकर बातें ही करते रहते है। साहिल अपनी प्रोडक्शन कंपनी के बारे में बता रहा होता है, और सिमरन अपने गाने के एक्सपीरियंस के बारे में बता रही होती है। अब दोनो इसी field से होते है, तो उन्हे एक दूसरे से यह discuss करते हुए मजा आ रहा था। शांता ताई उन्हे बातें करते हुए देखकर मुस्कुराती है, और अपने काम में लग जाती है। 

तभी तानिया भी घर पर आ जाती है और हॉल में आते ही उसके कानों में हंसने की आवाजें आती है, तो वो भी डाइनिंग टेबल के उधर ही चली जाती है। वहां जाते ही वो देखती है कि साहिल और सिमरन एक दूसरे से हंसकर और खुलकर बातें कर रहे थे। और दोनो इतना खोए हुए थे, कि उन्हें ध्यान ही नही था कि तानिया वहां पर आ चुकी है। तभी तानिया बोलती है कि;

तानिया - आज तो हमारे बिना ही गप्पे मारे जा रहे है। क्या बात है! 

तभी साहिल और सिमरन की नजरें तानिया पर पड़ती है तो वो दोनो एक दम से झेंप जाते है। तभी साहिल पूछता है कि;

साहिल - दीदी, आप कब आए? 

तानिया - जब तुम दोनो एक दूसरे से बातें करने में मशगूल थे, और वो आंख मारती है। 

सिमरन - हां दीदी, वो साहिल मुझे अपनी कंपनी के बारे में बता रहा था। और फिर ऐसे ही इधर उधर की बातें कर रहे थे।

तानिया - पर क्या तुम जानते हो, कि थोड़ी देर में डिनर का टाइम भी होने वाला है।और वो हंसते हुए कमरे में चली जाती है। 

सिमरन - आज तो पता ही नही चला कि कब समय निकल गया, है ना साहिल! पर तुम्हे तो कही जाना था ना काम से?

साहिल - अरे नही, वो मुझे मैसेज आ गया था मैनेजर का, कि अब मुझे वहां जाने की जरूरत नही है। इसलिए मैने कोई जल्दबाजी नही की, पर समय का तो मुझे भी पता नही चला। 

सिमरन - चलो, अब मैं अपने कमरे में जाती हूं, काम है मुझे! और वो साहिल को बाय कहकर चली जाती है। 

साहिल मन में सोचता है कि तुम्हारे साथ समय का पता कैसे चलेगा सिमरन! मैं तो तुम्हारे साथ अपनी जिंदगी भर का समय बिताने को तैयार हूं। तभी वो पीछे से सिमरन को जाते हुए देखता है, तो उसकी दिल की धड़कन फिर तेज होने लगती है। और वो अपने दिल पर हाथ रखकर उन्हें महसूस करने लगता है। फिर सोचता है, कि मुझे कोई जल्दी नही है, मैं इंतजार करूंगा उस दिन का, जिस दिन तुम मेरी फीलिंग्स समझने लगोगी। पर उससे पहले मुझे तुम्हारे साथ जिन्होंने बुरा किया है, उनसे बदला लेना है। और यह हम मिलकर करके रहेंगे! यही सब सोचते हुए साहिल भी अपने कमरे में चला जाता है। 

इधर आचार्य मेंशन में; 

किरण हॉल में बैठी हुई होती है और बस यही सोच रही होती है कि आखिर वो कैसे अब अपना करियर सेट करे, क्योंकि अब उसे सिमरन की आवाज का सपोर्ट भी नही है। फिर वो सोचती है कि वो खुद ही अब से अपने गाने गाएगी, और उसकी आवाज भी लोगो को पसंद आएगी! तभी बाहर से ईशान आता है और किरण को देखकर, उसे इग्नोर करते हुए अपने कमरे में जा रहा होता है। तभी किरण की नजर उस पर पड़ती है तो वो उसे बुलाती है;

किरण - ईशान, क्या ऐसे बिना बोले जा रहे हो, आओ ना इधर, और मेरे पास बैठो!

ईशान - नही , मुझे कुछ काम है अभी, तो मैं आपसे बाद में बात करता हुं, और वो फिर से जाने लगता है। यह देखकर अब किरण को भी गुस्सा आ जाता है और वो बोलती है कि;

किरण - यह क्या बात हुई ईशान, तुम जबसे आए हो, तबसे एक बार भी तुमने सही से बात नही की है मुझसे, या किसी से भी! हो क्या गया है तुम्हे आजकल, पहले तो तुम ऐसे नही थे? अब इतने क्यों बदल गए हो अचानक? 

ईशान - बदला तो और भी बहुत कुछ है दीदी, लेकिन मैं भी तो उस बदलाव के साथ चल रहा हूं ना! 

किरण - क्या बदला है ईशान, तुम क्यों इस तरह से behave कर रहे हो। 

तभी ऊपर से विपिन उन दोनों को ऐसे बात करते हुए देखकर खुश हो रहा होता है। और मन में सोचता है, कि अच्छा हुआ जो किरण को भी अब ईशान के ऊपर गुस्सा आने लगा है। और वो हंसता है, जिसे ईशान की नजर ऊपर चली जाती है तो ईशान के देखते ही वो अपनी हंसी को छुपा लेता है। यह देखते ही ईशान को गुस्सा आता है लेकिन वो बिना कुछ बोले अपने कमरे में चला जाता है। किरण उसे पीछे से बुलाती है, पर वो फिर भी अनसुना करके चला जाता है। तभी किरण ऊपर देखती है तो उसे विपिन दिखता है तो वो यह सोचती है कि शायद विपिन की देखकर ही ईशान बिना बोले चला गया। और विपिन तो यह सब देखकर बहुत खुश हो रहा होता है पर किरण के देखते ही वो नीचे आकर बोलता है कि; 

विपिन - कोई बात नही जान, अभी ईशान नही समझ रहा है लेकिन वो बाद में समझ जाएगा। 

किरण - पता नही विपिन, लेकिन मुझे सच में ईशान का ऐसा behaviour मुझे नही पसंद आ रहा है। तुम जानते हो ना कि मुझे ईशान के साथ मस्ती करना कितना पसंद था, लेकिन उस सिमरन की वजह से ईशान शुरू से, मुझसे ज्यादा ध्यान उस पर देता था। और अब सिमरन नही है, फिर भी ईशान मुझसे दूर ही है। 

विपिन कुछ नही बोलता है और किरण को कंसोल करने के लिए गले लगा लेता है। और उसके पीछे मुस्कुराता है। 

क्रमश: