Bandhan - 67 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 67

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 67

chapter 67 

खुशी की अपनी हंसी को कंट्रोल कर कर दुर्गा को अपने पास बुलाती है और उसे सवाल करती है 

बच्चा आपको यह रिश्ता मंजूर है, अगर आपको यह रिश्ता मंजूर है तो ही हम आगे बढ़ेंगे, ठीक है।

उनकी बात सुनकर दुर्गा पहली बार शर्म आती है उसके होंठ पर हल्की मुस्कान आती है जिसकी वजह से उसके गाल पर एक छोटी सी डिंपल पड़ती है दुर्गा अपनी पलकों को नीचे झुका कर रखती है। क्योंकि अभी उसे इतनी शर्म आ रही थी कि उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या बोले ....

ab aage 

दुर्गा को यूं शरमाते देखकर सभी लोगों को समझ में आ गया कि उसका जवाब क्या है। पर सब लोग उसे के मुंह से सुनना चाहते थे।

तभी आरोही के मन में कुछ आता है तो वह धीरे से जाकर दुर्गा को कंधे से पकड़कर , सब की तरफ देखकर  सीरियस वे  में बोलती है..... "आई थिंक दुर्गा को यह रिश्ता मंजूर नहीं है। इसलिए तो वह इतनी देर से खामोश है। कि वह उसे समझ नहीं आ रहा होगा कि वह कैसे इस रिश्ते को मना करें..........आई एम राइट दुर्गा।

आरोही इतना बोलकर सब की तरफ आंख मार देती है जिसे देखकर सब लोग समझ जाते हैं कि वह मजाक कर रही है लेकिन दुर्गा नहीं देख पाती है क्योंकि उसने तो आंखें नीचे कर कर रखी हुई थी।


आरोही की बात सुनकर दुर्गा एकदम से हड़बड़ा कर बोली "किसने कहा कि मुझे रिश्ता मंजूर नहीं है ।मैं तैयार हूं ,कार्तिक से शादी करने के लिए।

दुर्गा को ऐसे हड़बड़ा आते देखकर सभी को अपनी हंसी पर कंट्रोल नहीं होता और वह हंसने लगते हैं हां-हां हां हां 😀😀

जीसे देखकर दुर्गा को और शर्म आती है और वह शर्मा कर वहां से भाग जाती है उसके पीछे-पीछे आरोही, सांची और पलकी भी जाते हैं।

दुर्गा को ऐसे शर्म आते देखकर खुशी की बोली... "पता नहीं आज सूरज कहां से निकला है जिसकी उम्मीद नहीं थी वह भी आज पूरा हो गया इस लड़की को शरमाना भी आता है यह आज हमें पता चल गया वरना हमेशा यही सोच कर परेशान होती थी कि इसकी दबंग अंदाज को कैसे कंट्रोल करें,,।

उनकी बात सुनकर संजना जी बोली.... माझी शादी है एक ऐसी चीज होती है कि जिस लड़की हो या लड़का... कितने भी दबंग हो शर्मा ही जाते हैं। नवीन जी को ही देख लीजिए यह भी तो हमारी शादी की बात सुनकर मुझसे ज्यादा शर्म आ रहे थे।

संजना जी की बात सुनकर नवीन जी को और शर्म आती है। जिसकी वजह से वह बात पलटने के लेहजे़ में कहते हैं .... "यह सब छोड़िए आज का दिन तो बहुत शुभ निकला इसी बात पर मुंह मीठा कीजिए, इतना बोलकर टेबल पर रखे हुए मिठाई के डब्बे से मिठाई लेकर अरनव की और खुशी जी को खिलाते हैं उसके बाद सभी लोग एक दूसरे को बधाई देकर मिठाई खिलाते है।

एक इंसान दीवार के पीछे छुपकर या सब वीडियो कॉल पर किसी को दिखा रहा था।(कमेंट बॉक्स में बताना कि यह इंसान कौन है और क्या इस इंसान के इरादे ठीक है या नहीं)

यहां सब लोग खुशी मना रहे थे तो कहीं दूर पर कोई और था जो इन खुशियों को नजर लगाने के लिए बैठा हुआ था।

कश्मीर 

कश्मीर, जिसे 'धरती का स्वर्ग' कहा जाता है, अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, बर्फ से ढकी पहाड़ियों, हरे-भरे घाटियों, और शांत झीलों के लिए प्रसिद्ध है।

ऊँचे हिमालयी पर्वत, हरी-भरी घाटियाँ और क्रिस्टल जैसी साफ झीलें इसे स्वर्ग बनाती हैं। 

यह क्षेत्र हिमालय की गोद में बसा है और अपनी विविध वनस्पतियों, पश्मीना शॉल, और केसर के लिए भी जाना जाता है।

इसी सुंदर जगह के एक जंगली इलाके में जहां झरना को बहते देखकर मन को एक अजीब सी शांति मिलती है और यह झरना उसे जगह को और भी ज्यादा खूबसूरत बना रहा था।उसी के बाजू  एक सुंदर सी लकड़ी से बना हुआ कोठी बना था।

इस कोठी के आजू-बाजू हरियाली थी। लेकिन फिर भी इतनी सुंदरता होने के बावजूद भी यह जगह किसी भूतिया डरावनी जगह से काम नहीं लग रही थी। यहां का वातावरण बहुत ही ज्यादा ठंडा और कप कपाने देने वाला था। 

उसे कोटि के चारों ओर जंगली बेल लटक रही थी। इसी कोठी के एक कमरे के अंदर एक आदमी बैठकर कपाड़िय मेंशन में सबको यूं हंसते मुस्कुराते देखकर अपनी मुट्ठी को कस रहा था उसके माथे की हल्की नीली नसें गुस्से से एकदम फुल चुकी थी।

उसे आदमी के हाथ में एक वाइन की गिलास थी। जो उसे आदमी की मजबूत पकड़ की वजह से चकनाचूर हो चुकी थी और पूरा वाइन उसे आदमी के कपड़े और आजू-बाजू पर फैल गया था।

उसे आदमी के आंखों में अपने सामने स्क्रीन पर चल रही सीन को देखकर उसकी काली आंखें सुर्ख लाल हो गई थी।

वह आदमी दांत पीसते हुए अपने आप से बोला "यह खुशियां बस चंद पाल की मेहमान है जी भर कर इस खुशियों को जीलो  क्योंकि मैं लौटकर आ रहा हूं तुम लोगों की खुशियों को ग्रहण लगाने के लिए।

एक बार फिर से तुम लोगों की जिंदगी को मातम बनाने के लिए मैं लौट कर आ रहा हूं इतना कह कर वह आदमी अपने हाथों को फैला कर जोर-जोर से हंसने लगता है। उसे आदमी की हंसी में एक पागलपन दिख रहा था।

इतना बोलकर वह आदमी अपनी नजरों को चारों तरफ कर कर देखता है जहां दीवार पर कपाड़िया खानदान के बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए थे। यहां पर सब की तस्वीर पर अजीब से निशान थे।।

तो वहीं दूसरी तरफ कपाड़िया मेंशन में। 
सभी लोग खाना खाकर अपने-अपने घर के लिए जा रहे थे ।शर्मा फैमिली तो पहले ही जा चुकी थी। 

नवीन जी और संजना जी सबसे मुस्कुराते हुए अपने घर जाने के लिए विदाई लेते है। सभी लोग उन्हें घर से बाहर तक छोड़ने आते हैं। 

कार्तिक जैसे ही अपने परिवार को बाहर आते देखा है तो वह बेसब्र होकर पूछता है मॉम क्या दुर्गा शादी के लिए मान गई!? इस समय कार्तिक की बातों में एक्साइटमेंट और डर के मिले-जुले  भाव थे। 

संजना जी अपने बेटे की आंखों में साफ-साफ जवाब जानने की उत्सुता देख रही थी । उसकी आंखों में हाँ में जवाब जानने की उम्मीद थी।

पर वह अपने भाव को शांत कर कर थोड़ी सी मायूस आवाज में बोलती है" उसने कहा है कि उसे अभी और टाइम चाहिए जवाब देने के लिए,,।

संजना जी की बात सुनकर कार्तिक के चेहरे पर जो 440 वोल्ट का चमक थी वह अब गायब हो गई थी। उसे चमक की जगह एक उदासी ने ले ली थी। 

नवीन जी अपने बेटे की उदासी देख पा रहे थे और साथ में यह भी देख पा रहे थे कि संजना जी अपने बेटे की उदासी नहीं देख पा रही है जिसकी वजह से वह कार्तिक को सच्चाई ना बता दे।।

इसलिए वह बात को संभालने के लिए बोलते" है इतने उदास क्यों हो रहे हो ,तुम उसने ना नहीं कहा है ।।  उसने कहा उसे टाइम चाहिए। अपनी शक्ल को ऐसे बनाया है जैसे उसने तूमे रिजेक्ट किया हो,,?

अपने पापा की बात सुनकर कार्तिक अपनी शक्ल को लटका कर बोला" पर पापा उसने हां भी तो नहीं कहा है। अगर उसका जवाब ना हुआ तो मैं तो भरी जवानी में ही संत बन जाऊंगा इतना बोलकर शिवाय के कंधे पर सर रखता है।

जो संजना जी कार्तिक की मायूसी देखकर उदास थी वह उसकी बातें सुनकर मुस्कुराती है।

नवीन जी एक गहरी सांस लेकर अपने सर को झटकते हुए बोले इतनी नकारात्मक बातें तुम सोच कैसे लेते हो उसका जवाब हां भी तो हो सकता है ना । कभी कभार तुम्हारी बातें सुनकर मुझे तो यह शक होने लगता है कि तुम हमारे बेटे हो या नहीं इतना बोलकर वह वहां से चले जाते हैं।

उनकी बात सुनकर कार्तिक अपनी आंखों को छोटी कर कर उन्हें  जाते हुए देखता है। उनके जाते ही वह संजना जी की तरफ देखकर अपनी आंखों को मासूम बनाकर बोलता है मॉम समझ लीजिए अपने पति को यू बार-बार मुझे परेशान कर कर उन्हें क्या मजा आता है।

संजना जी अपने बेटे की नौटंकी देखकर उसके बालों पर हाथ फेरते हुए बोली कोई बात नहीं अगर दुर्गा की जवाब ना हुआ भी तो मैं तेरे लिए एक से बढ़कर एक लड़की ढूढ़ूंगी इतना बोलकर वह भी वहां से चली जाती है।

अपने मॉम डैड को जाते देखकर कार्तिक शिवाय की तरफ देखा है। 

शिवाय अपने हाथों को फोल्ड कर कर कार्तिक को मजाक भरी आंखों से देखते हुए बोलता है" मेरे ना होने वाले जीजा जी आपको नहीं लगता कि आपको भी यहां से नौ दो ग्यारह हो जाना चाहिए,,।

शिवाय की बात सुनकर कार्तिक शिवाय के गले पर हाथ लपेटे हुए बोला देख यार यह दुनिया उधर की इधर क्यों ना हो जाए मैं तेरा जीजा बनके रहूंगा और तुझे अपना साला बना कर रहूंगा चाहे अब तेरी बहन से शादी उसकी मर्जी से हो या जबरदस्ती से मेरी शादी होगी तो सिर्फ तेरी बहन से इतना बोलकर वह भी एक आप मारकर वहां से चला जाता है।

कार्तिक की बात सुनकर शिवाय का चेहरा देखने लायक था । शिवाय ने कार्तिक की आंखों में दुर्गा के लिए पजेसिवनेस अच्छे से देख ली थी। जिसे देखकर उसे एक राहत मिलती है और वह घर के अंदर की तरफ चला जाता है। 

आखिर क्यों किसी ने भी कार्तिक को दुर्गा के जवाब के बारे में नहीं बताया है। 
कौन है वह इंसान जो कपड़ियास की पाल-पाल खबर किसी और को दे रहा है जाने के लिए पड़ी है अगला चैप्टर तब तक के लिए बाय।

रिडल्स आगे साइड चैप्टर का रेगुलर नहीं मिल पाएंगे क्योंकि मेरे पास अभी फोन का रिचार्ज खत्म हो गया है। बट डॉन'टी वरी जब मैं तेरा फोन का रिचार्ज हो जाएगा तो मैं डेली चैप्टर अपलोड करूंगी तब तक के लिए आपको चैप्टर कभी कबार ही मिल पाएंगे। 

ओंस अगेन आई एम सो सॉरी।