Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 33 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 33

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 33

ईशान जैसे ही बुटीक के अंदर जाता है तो देखता है कि तानिया किसी क्लाइंट के साथ थी और उसे एक ड्रेस की डिजाइन समझा रही थी। तो ईशान दूर ही बैठ जाता है और तानिया के फ्री होने का इंतजार करता है। तानिया बहुत busy थी, तो उसका ध्यान ही नही रहता है कि कब ईशान आकर सोफे पर बैठ जाता है। थोड़ी देर बाद तानिया जैसे ही फ्री होती है तो सीधा अपने रिसेप्शनिस्ट की तरफ देखकर बोलती है कि;

तानिया - ये ईशान और पूजा वापस आए थे क्या? तभी रिसेप्शनिस्ट ईशान की तरफ देखती है तो तानिया की नजर भी उस ओर जाती है। 

तानिया - ईशान, तुम कब आए? उसने ईशान के पास जाते हुए बोला। 

ईशान - बस अभी आया ही था। आप अपनी डिजाइंस बताने वाली थी ना! 

तानिया - हां, पर तुम busy हो गए थे इसलिए..........तभी ईशान बोलता है कि;

ईशान - सॉरी, मैं आपको बिना बताए चला गया था। 

तानिया - इसमें सॉरी कैसा? हम तुम्हारे लिए इतने इंपोर्टेंट थोड़े ना है, जो तुम हमे बताकर जाओगे! वैसे पूजा अच्छी लड़की है। हम नही पता था कि तुम्हारी फ्रेंड है।

ईशान थोड़ी देर कुछ नही बोलता है, फिर बोलता है कि;

ईशान - मैने पूजा के साथ बहुत गलत किया है, तानिया जी! 

तानिया को बिल्कुल भी उम्मीद नही थी कि ईशान ऐसा कुछ बोलेगा, फिर वो पूछती है कि;

तानिया - क्या कह रहे हो ईशान ? तुम कैसे किसी के साथ गलत कर सकते हो! एक मिनट, कही पूजा तुम्हारी गर्लफ्रेंड तो नही थी। 

ईशान - नही नही, ऐसे नही! उसके बाद ईशान,तानिया के साथ पूजा वाली सारी बातें शेयर कर देता है। पता नही क्यों, लेकिन ईशान, अपने बारे में सब कुछ बताना चाहता था तानिया को! बस ईशान, तानिया को यह नही बताता है कि उसने पूजा के सामने एक्सेप्ट किया था कि वो किसी और को प्यार करता है। 

तानिया - वैसे हमे लग रहा था उसके चेहरे के भाव देखकर, कि वो तुम्हे देखकर थोड़ा शर्मा रही थी और उसकी आंखों में तुम्हे देखकर एक सुकून सा दिख रहा था। पर हमने फिर इग्नोर किया। 

ईशान - पर मैं उससे प्यार नही करता हूं, यह बात अब तो उसे समझनी चाहिए न! ऐसा कहकर ईशान ने अपना सिर, हाथों के सहारे घुटने पर टेक दिया। तानिया को समझ आ गया था कि ईशान तंग आ चुका है। पर वो इसमें क्या ही कर सकती थी, तो वो जाकर ईशान के पास बैठती है और उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे कंसोल करने की कोशिश करती है। जैसे ही तानिया का हाथ ईशान को छूता है, वो पूजा को बिल्कुल भूल जाता है और उसे बहुत अच्छी फीलिंग आने लगती है, तानिया के छुने से! अब प्यार जो करने लगा था ईशान, हमारी तानिया से! फिर ईशान बोलता है कि; 

ईशान - तानिया जी, आप बस एक वादा कीजिए कि पूजा को कभी पता मत चलने देना कि मैने आपको इस सबके बारे में बता दिया है। आप बस उसे जैसे पहले बिहेव करते थे, वैसे ही कीजिए! इसमें सबसे ज्यादा सहन उसी ने किया है। पर इसमें मेरी गलती भी नही है, सच्ची!  गलती हालात की है। पता नही यह प्यार बनाया ही क्यों है भगवान जी ने? सब होश खो बैठते है इसमें! 

ईशान की इस बात से तानिया को अचानक से आकाश याद आ जाता है, और उसके चेहरे की हंसी गायब हो जाती है। आखिर कोई अपनी गलती इतनी जल्दी कैसे भूल सकता है। और आकाश उसकी सबसे बड़ी भूल थी। 

तानिया - सही कहा तुमने, प्यार होता ही ऐसा है कि सभी की लाइफ खराब कर देता है। फिर थोड़ी देर दोनो में चुप्पी रहती है। फिर ईशान बोलता है कि;

ईशान - आपको आज घर नही जाना है क्या? ईशान का मूड भी थोड़ा उतर गया था तो वो भी अब घर जाना चाहता था। तभी वो देखता है कि तानिया का चेहरा उदास है तो वो टेंशन में आ जाता है और पूछता है कि;

ईशान - तानिया जी, प्लीज आप मेरी वजह से उदास मत हो। मेरी ही गलती है, मुझे यहां आना ही नही चाहिए था। ईशान अपने आप को कोसने लगता है। 

तानिया - अरे नही ईशान, हम उदास नही है। बस कुछ सोचने लग गए थे। चलो, हमे भी देर हो रही है। सिमरन और साहिल हमारा घर पर इंतजार कर रहे होंगे। उसके बाद ईशान और तानिया दोनो एक दूसरे को कैजुअल बाय बोलकर अपने अपने रास्ते चले जाते है। 

ईशान बाइक पर जा रहा होता है, और आज जो भी हुआ, वो सब सोच रहा था। उसे कही न कही गिल्ट फील हो रहा था, पर सबसे ज्यादा उसे इस बात की चिंता थी, कि अगर वो तानिया से रोज मिलता है तो उसे पूजा से भी मिलना पड़ेगा। क्योंकि अब वो वही पर काम करती है। यही बात वो समझ नही पा रहा था। एक तरफ उसे तानिया से नजदीकियां बढ़ानी थी, और एक तरफ उसे पूजा से दूर रहना था। 

इधर तानिया आकाश के बारे में सोच रही थी तभी वो मन में सोचती है कि, उसे अब आकाश के बारे में सोचकर अपना मूड ऑफ नही करनी चाहिए। तानिया अपना ध्यान भटकाने के लिए अपनी गाड़ी में म्यूजिक चला देती है। फिर थोड़ी देर बाद वो सोचती है कि;

तानिया मन में सोचते हुए - वैसे ईशान गलत नही है। यह हमारे दिमाग में आकाश आ गया तो हम ईशान को ठीक से समझा भी नही पाए! पर हां, अगर वो पूजा से प्यार ही नही करता है, तो कैसे उसका प्यार एक्सेप्ट कर सकता है। यह तो पूजा के प्यार की ही बेइजत्ती होगी। हमे भी लग रहा है कि ईशान ने सही किया, पूजा को सब साफ साफ बताकर! पर पूजा के साथ इतना बुरा हुआ है, बस उसे जल्दी ही कोई और पार्टनर मिल जाए, जो उसकी लाइफ में खुशियां लाए! यही सब सोचते हुए कब तानिया घर पहुंच जाती है, उसे पता भी नही चलता है। 

इधर सिमरन और साहिल भी प्रोडक्शन हाउस से अपने घर की और निकल जाते है। साहिल गाड़ी चला रहा होता है और सिमरन उसके साइड वाली सीट पर बैठी होती है।  सिमरन आज बहुत खुश थी, उसकी खुशी उसके चेहरे पर झलक रही थी, जिससे उसका चेहरा और भी खिला हुआ नजर आ रहा था। तभी साहिल की नजर सिमरन पर जाती है, और वो बोलता है कि; 

साहिल - डायरेक्टर बहुत इंप्रेस थे तुम्हारी आवाज से! 

सिमरन अपने ख्यालों में खोई हुई थी। वो आज का पूरा दिन याद कर रही थी। उसने पहली बार किसी डायरेक्टर के सामने खुद के लिए गाया था। जब वो खुद की फैमिली के प्रोडक्शन हाउस में गाती थी, तो उस समय सर्फ गिने चुने लोग होते थे, और कोई भी उसे प्रोत्साहन नही देता था। पर उसकी आवाज रिकॉर्ड हुई और उसे घर भेज दिया जाता था। तभी साहिल उसे कंधे से हिलाता है और बोलता है कि;

साहिल - कहां खो गई थी तुम सिमरन, मैं कबसे तुम्हे बुला रहा हूं। साहिल ने ड्राइविंग की तरफ ध्यान देते हुए बोला। 

सिमरन - बस आज के दिन की यादों को समेट रही थी। तुम्हे पता है साहिल, आज पहली बार किसी डायरेक्टर ने मेरी तारीफ करी है। तुम नही जानते हो कि मुझे कितनी खुशी हुई है। सिमरन एक्साइटमेंट में बोले जा रही थी और साहिल उसे खुशी से सुनते जा रहा था। ऐसे में कब उनका घर आ जाता है, उन्हे पता ही नही चलता है। सिमरन तो अब तक बताए ही जा रही थी कि आज उसे कैसा फील हुआ। जैसे ही गाड़ी रुकती है तो साहिल बोलता है कि; 

साहिल - चले मैम! आपका घर आ गया है। 

सिमरन - यह कब हुआ? अभी तो हम गाड़ी में बैठे ही थे ना! 

साहिल - हां बिल्कुल, बस आपके उस अभी को गुजरे हुए आधा घंटा हो चुका है। यह बोलकर साहिल हंसने लगता है। साहिल को हंसता हुआ देखकर सिमरन उसकी तरफ देखकर उसे डाटने लगती है, पर जैसे ही उसकी नजर साहिल के मुस्कुराते हुए चेहरे पर जाती है तो वो उसे देखने लग जाती है। उसे खुद नही पता होता है लेकिन उसे साहिल को ऐसे खिलखिलाकर हंसते हुए देखना बहुत अच्छा लग रहा था। 

क्रमश: