महल के ऊपरी कमरे में जियाना अपने कुछ विश्वासपात्र साथियों के साथ बैठी थी. उसकी आँखों में गुस्सा और जलन दोनों झलक रहे थे.
मैं यह हार कभी नहीं मानूँगी, उसने फुसफुसाते हुए कहा.
एक साथी ने पूछा, तो अब क्या करना चाहती हो, जियाना?
जियाना ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा,
सैरिन को पकडना होगा. अगर वह कबीर के पास रहेगी, तो उनका प्यार और ताकत हमारे हर खेल को नाकाम कर देगा. आज रात हम उसे महल के किसी गुप्त स्थान पर ले जाएँगे।
इस बीच, कबीर मल्होत्रा अपने खूबसूरत, लक्जरी और पूरी तरह काले- सफेद रंग के कमरे में खडा था. महँगी घडी उसकी कलाई में चमक रही थी, महँगा परफ्यूम हवा में हल्का खुशबू फैला रहा था, और उसका मोबाइल नवीनतम तकनीक से लैस था. हर चीज उसकी अमीरी और स्टाइल को दर्शा रही थी.
कबीर ने सैरिन के लिए कमरे की खिडकी से झील की ओर देखते हुए कहा,
सैरिन. मेरी दुनिया सिर्फ तुम्हारे लिए है. चाहे कितनी भी चालें चलें, चाहे कितने भी रहस्य सामने आएँ, मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोडूँगा।
सैरिन ने उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कान दी,
कबीर. आज हम सिर्फ प्यार के लिए नहीं, बल्कि अपनी हिम्मत और सच्चाई के लिए लड रहे हैं. और मैं जानती हूँ कि तुम हर हाल में मेरा साथ दोगे।
महल की गुप्त गलियों में जियाना अपने साथियों के साथ सैरिन को घेरने की तैयारी कर रही थी.
याद रखो, उसने कहा, कोई गलती नहीं. उसे पकडो और कबीर के सामने अपनी जीत का सबूत रखो।
साथियों ने सिर हिलाया, और सब धीरे- धीरे महल के बगीचे की ओर बढने लगे. उनकी चालें चुपचाप थीं, लेकिन उनकी नीयत खतरनाक थी.
कबीर ने कमरे की दरवाजा खोलते हुए सैरिन की तरफ देखा,
सैरिन. चाहे जो भी खेल हो, चाहे कितनी भी चालें चलें, मेरी अमीरी और मेरा साहस तुम्हें हमेशा बचाएगा. हम जीतेंगे. हमेशा।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर रखकर कहा,
कबीर. अब हमें हर अंधेरे, हर चाल और हर रहस्य का सामना करना होगा. लेकिन मुझे यकीन है, हमारी जीत तय है।
महल के चारों ओर अब सस्पेंस और रोमांस की हवा घुल गई थी. जियाना की चालें, कबीर की अमीरी और सैरिन की हिम्मत सब मिलकर एक नई, रोमांचक लडाई की शुरुआत कर रहे थे.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपने साथियों के साथ सैरिन को पकड पाएगी? क्या कबीर अपनी अमीरी, हिम्मत और प्यार से सैरिन को बचा पाएगा?
महल के सबसे ऊपरी हिस्से में, कबीर मल्होत्रा का कमरा अपने आप में एक अलग दुनिया थी. काले और सफेद रंगों का साम्राज्य—दीवारें, फर्नीचर, और सजावट—सभी में केवल दो रंग थे. कोई रंग का अंश नहीं था, केवल काले- सफेद का सामंजस्य. विशाल खिडकियों से झील की चाँदनी कमरे में घुस रही थी, और हर चीज पर हल्की चमक डाल रही थी.
कमरे के बीचों- बीच एक भव्य बिस्तर रखा था, सफेद लिनेन और काले परदे उसके चारों ओर झूल रहे थे. कमरे के एक कोने में महँगी घडी और महँगा मोबाइल रखा था, जो पूरी तरह उसकी अमीरी और स्टाइल को दर्शा रहा था. महँगा परफ्यूम हवा में हल्की खुशबू फैला रहा था, और कमरे की हर चीज उसकी शाही शान और ठाट का प्रतीक थी.
कबीर खडा होकर खिडकी की ओर देख रहा था. उसकी आँखों में आग और प्यार दोनों झलक रहे थे. उसने धीरे से कहा,
सैरिन. मेरी दुनिया सिर्फ तुम्हारे लिए है. चाहे कितनी भी चालें चलें, चाहे कितने भी रहस्य सामने आएँ, मैं तुम्हें कभी अकेला नहीं छोडूँगा।
सैरिन कमरे में उसके पास आई. उसका चेहरा हल्का डर और जिज्ञासा लिए था. उसने धीरे से कहा,
कबीर. कल रात की घटनाओं ने मेरे दिल में सवाल पैदा कर दिए हैं. क्या हम सच में सब चालों और रहस्यों से बच पाएँगे?
कबीर ने मुस्कुराते हुए उसका हाथ पकडते हुए कहा,
सैरिन. डर को भूल जाओ. आज रात मैं तुम्हें दिखाऊँगा कि मेरी अमीरी और ताकत केवल दिखावा नहीं हैं. यह कमरा, मेरी दुनिया. सब तुम्हारे लिए है. और कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
सैरिन ने उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कान दी,
तो अब देखना है. तुम्हारी असली ताकत और मेरी हिम्मत इस खेल को कैसे जीतते हैं।
कमरे के भीतर का माहौल पूरी तरह फिल्मी और रोमांचक था. झील की रौशनी, महँगा परफ्यूम, काले- सफेद रंगों की चमक, और महँगी घडी की टिक- टिक सभी कुछ मिलकर एक अजीब सा सस्पेंस पैदा कर रहे थे.
तभी कमरे का दरवाजा धीरे- धीरे खुला. जियाना अपने कुछ साथी के साथ अंदर आई. उसकी आँखों में जलन और गुस्सा दोनों झलक रहे थे.
कबीर. आज तुम्हारा प्यार और तुम्हारी अमीरी मेरी चालों का सामना करेगी. देखना, क्या तुम और सैरिन मिलकर इसे पार कर पाएंगे।
कबीर ने सैरिन को पास खींचते हुए कहा,
सैरिन. डरने की जरूरत नहीं. चाहे कितनी भी चालें चलें, चाहे कितने भी खतरे सामने आएँ, मैं तुम्हें हर हाल में बचाऊँगा. हमारी जीत तय है।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर रखकर कहा,
कबीर. अब हमें हर अंधेरे, हर चाल और हर रहस्य का सामना करना होगा. लेकिन मुझे यकीन है, हमारी जीत ही हमारी कहानी का हिस्सा है।
जियाना ने ठंडी मुस्कान के साथ अपने साथियों की ओर देखा.
याद रखो. कोई गलती नहीं. अगर हम सैरिन को पकड लेते हैं, तो कबीर की अमीरी और ताकत भी बेकार साबित होगी. आज रात हमारा खेल उन्हें हराने के लिए है।
सैरिन ने कबीर की आँखों में देखते हुए कहा,
कबीर. मुझे डर लग रहा है. क्या हम इसे संभाल पाएँगे?
कबीर ने हल्की हँसी दी और कमरे में रखी महँगी घडी की ओर इशारा करते हुए कहा,
सैरिन. यह घडी, यह कमरा, मेरी अमीरी. सब दिखाते हैं कि चाहे कितनी भी चालें चलें, मेरा प्यार और हिम्मत कभी कमजोर नहीं होगी. अब देखो, हमारी जीत कैसे होती है।
तभी जारिन महल के बाहर से अंदर झांकती हुई बोली,
सैरिन. तुम्हारी नजदीकी मुझे बहुत चोट पहुँचा रही है. लेकिन आज तुम्हें और कबीर को ऐसे मोड पर फँसाऊँगी, कि यह रात हमेशा याद रहेगी।
कबीर ने सैरिन का हाथ कसकर थामते हुए कहा,
सैरिन. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. कोई भी साजिश, कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी,
तो अब देखना है. कौन जीतता है, कौन हारता है, और हमारी कहानी का असली मोड क्या होगा।
महल की खिडकियों से तेज हवा चली और झील की रौशनी झिलमिला उठी. कमरे में काले- सफेद रंगों की चमक, महँगी घडी, परफ्यूम की खुशबू और लक्जरी सजावट ने पूरे दृश्य को एकदम फिल्मी और रोमांटिक बना दिया.
तभी जियाना के कुछ साथी धीरे- धीरे कमरे की ओर बढे. उनकी चालें खतरनाक थीं. क्या वे सैरिन को पकड पाएँगे? क्या कबीर अपनी अमीरी, ताकत और प्यार से सैरिन को बचा पाएँगा?
कबीर ने अपनी आंखों में आग भरी और सैरिन की तरफ झुकते हुए कहा,
सैरिन. आज रात हम सिर्फ प्यार के लिए नहीं, बल्कि अपनी हिम्मत और दुनिया के लिए लडेंगे. कोई भी चाल हमें रोक नहीं सकती।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाते हुए कहा,
तो अब देखना है. हमारी हिम्मत और प्यार इस खेल को कैसे जीतते हैं।
कमरे के चारों ओर सस्पेंस, रोमांस और ड्रामा घुल गया. महल की खिडकियों से आती हवा, झील की चाँदनी, काले- सफेद रंगों का साम्राज्य, और कबीर की अमीरी—सब मिलकर एक रोमांचक दृश्य बना रहे थे.
जियाना और उसके साथी अब कमरे में प्रवेश करने ही वाले थे. क्या कबीर सैरिन को समय रहते बचा पाएगा? क्या उनकी अमीरी, हिम्मत और प्यार जियाना की चालों को नाकाम कर पाएंगे?
कमरे के बीच में खडा कबीर अपने लक्जरी और स्टाइलिश काले- सफेद कमरे में पूरी ताकत और साहस के साथ तैयार था. उसकी अमीरी, महँगी घडी, महँगा परफ्यूम और शानदार स्टाइल—सब यह दिखा रहे थे कि कोई भी चाल या साजिश इसे कमजोर नहीं कर सकती.
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाया और हल्की मुस्कान दी,
तो अब हमारी जीत निश्चित है. चाहे कितनी भी चालें चलें, हमारा प्यार और हमारी हिम्मत उन्हें हराएगी।
महल के अंदर अब हर कोने में सस्पेंस और रोमांस फैल चुका था. जियाना की साजिश, कबीर की अमीरी और सैरिन की हिम्मत—सब मिलकर कहानी को अगले रोमांचक मोड पर ले जा रहे थे.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना और उसके साथी सैरिन को पकड पाएंगे? क्या कबीर अपनी अमीरी, ताकत और प्यार से सैरिन को बचा पाएगा? और क्या उनका काला- सफेद लक्जरी कमरा उन्हें इस लडाई में फायदा देगा?
जानने के लिए सुनते रहिए, Pocket FM का सबसे चर्चित शो—“ सोने का पिंजरा” क्योंकि अब कहानी का असली मोड, रोमांस और सस्पेंस आपके सामने आने वाला है.
महल की गुप्त गलियों में जियाना अपने साथियों के साथ सैरिन की ओर बढ रही थी. उसकी आँखों में ठंडी चमक और गुस्सा दोनों झलक रहे थे.
याद रखो, आज रात हमें उसे पकडना है. अगर वह कबीर के पास रहेगी, तो हमारा पूरा प्लान फेल हो जाएगा।
सैरिन कमरे में खडी थी, उसकी साँसें तेज थीं. उसने कबीर की तरफ देखते हुए कहा,
कबीर. मुझे डर लग रहा है. क्या हम इन चालों और साजिशों का सामना कर पाएँगे?
कबीर ने मुस्कुराते हुए उसका हाथ थामते हुए कहा,
सैरिन. डर को छोड दो. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
तभी महल के गुप्त दरवाजे से जियाना और उसके साथी अचानक कमरे में घुसे.
अब तुम्हारा खेल खत्म, सैरिन, जियाना ने ठंडी आवाज में कहा.
सैरिन ने डरते हुए पीछे हटते हुए कहा,
कबीर. ये सब कैसे रोका जाएगा?
कबीर ने कमरे के काले- सफेद लक्जरी माहौल का लाभ उठाया. महँगी घडी, परफ्यूम की खुशबू, और उसके सजाए गए कमरे की सुंदरता—सब इस लडाई में उसका हथियार बन गए.
सैरिन. बस मेरी तरफ देखो और विश्वास करो. आज तुम्हारा डर खत्म होगा. हम जीतेंगे।
जियाना ने तेजी से सैरिन की तरफ कदम बढाया, लेकिन कबीर ने अपने लक्जरी कमरे के फर्नीचर और सजावट का फायदा उठाते हुए अपने शाही अंदाज में लडाई शुरू कर दी.
उसने एक हाथ से जियाना के साथी को रोका, दूसरे हाथ से सैरिन को अपनी तरफ खींचा.
सैरिन. मेरा प्यार, मेरी अमीरी और मेरी ताकत—सब तुम्हारे लिए हैं. अब डरने की जरूरत नहीं।
सैरिन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,
कबीर. मैं तुम पर विश्वास करती हूँ. अब मुझे कोई नहीं रोक सकता।
महल के अंदर तेज हवा और झील की चाँदनी ने सस्पेंस और रोमांस दोनों को बढा दिया. जियाना ने पीछे हटते हुए कहा,
कबीर. यह हार सिर्फ आज नहीं, बल्कि हमेशा के लिए मेरी याद रहेगी।
कबीर ने ठंडी मुस्कान देते हुए कहा,
जियाना. आज की रात तुम्हारी चालें और साजिश सब बेअसर हैं. मेरा प्यार और मेरी हिम्मत हमेशा सैरिन के साथ है।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर रखकर कहा,
तो अब देखना है. हमारी हिम्मत और प्यार इस खेल को कैसे जीतते हैं।
जियाना और उसके साथी पीछे हटते हुए महल की गलियों में घुस गए. लेकिन कबीर और सैरिन अब सुरक्षित थे. कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल उनकी जीत का प्रतीक बन चुका था. महँगी घडी, महँगा परफ्यूम और शानदार स्टाइल—सब यह दिखा रहे थे कि कोई भी चाल या साजिश उन्हें कमजोर नहीं कर सकती.
सैरिन ने धीरे से मुस्कुराते हुए कहा,
कबीर. आज हमने सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि साहस और हिम्मत से भी जीत हासिल की।
कबीर ने उसका हाथ कसकर थामा और कहा,
सैरिन. हमारी दुनिया, हमारी अमीरी, हमारी हिम्मत और हमारा प्यार—सबके लिए एक मिसाल बन गया. अब कोई भी अंधेरा हमें अलग नहीं कर सकता।
महल की खिडकियों से झील की रौशनी कमरे में फैल रही थी. काले- सफेद रंगों के कमरे ने इस रोमांचक और सस्पेंस भरे दृश्य को और फिल्मी बना दिया.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपनी अगली चाल चल पाएगी? क्या कबीर और सैरिन की जीत हमेशा के लिए पक्की है, या आने वाली रातों में नए रहस्य और साजिशें फिर से उनके रास्ते में खडी होंगी?
महल की ऊँची छतों से चाँदनी झील की सतह पर पड रही थी. कमरे की खिडकियों से तेज हवा भीतर आती थी, और काले- सफेद कमरे का लक्जरी माहौल पूरी तरह नजरों में चमक रहा था. महँगी घडी की टिक- टिक और परफ्यूम की खुशबू हर कोने में फैली थी.
सैरिन और कबीर अभी भी कमरे में थे. सैरिन ने धीरे से कहा,
कबीर. मुझे डर लग रहा है. जियाना और उसके साथी फिर से कोई चाल चल सकते हैं।
कबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कान दी,
सैरिन. डरने की कोई जरूरत नहीं. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. अब कोई भी साजिश हमें अलग नहीं कर सकती।
तभी महल की गुप्त गलियों से तेज कदमों की आवाज आई. जियाना ने फिर से बदला लेने की ठानी थी. वह अपने कुछ भरोसेमंद साथियों के साथ कमरे के बाहर खडी थी.
आज तुम्हारी जीत सिर्फ अस्थायी होगी, कबीर, उसने फुसफुसाया. सैरिन अब मेरी पकड में जाएगी।
कबीर ने कमरे के काले- सफेद फर्नीचर का इस्तेमाल करते हुए अपनी रणनीति बनाई.
सैरिन, पीछे हटो. अब मेरी अमीरी और ताकत ही हमें बचाएगी। उसने महँगी घडी की ओर इशारा किया और कमरे के पीछे छिपे शाही दरवाजे से बाहर निकला.
सैरिन ने डरते हुए पूछा,
कबीर. यह सब कैसे सम्भव होगा?
कबीर ने उसकी बाँह में हाथ डालते हुए कहा,
सैरिन. मेरी दुनिया, यह लक्जरी कमरा, हर चीज—सब तुम्हारे लिए है. अब देखो, हमारी जीत कैसे होती है।
महल की गलियों में जियाना और उसके साथी तेजी से बढ रहे थे. उनकी चालें खतरनाक थीं, लेकिन कबीर ने अपने कमरे की खूबसूरती और सजावट का फायदा उठाते हुए उन्हें हर मोड पर रोकना शुरू किया.
कबीर ने झील की तरफ देखते हुए सैरिन से कहा,
सैरिन. हमारी अमीरी, हमारा प्यार और हमारी हिम्मत—सभी मिलकर यह लडाई जीतेंगे. अब तुम्हें डरने की जरूरत नहीं।
सैरिन ने हल्की मुस्कान देते हुए कहा,
कबीर. मैं जानती हूँ कि तुम हमेशा मेरा साथ दोगे. अब हमें हर चाल, हर साजिश का सामना करना होगा. लेकिन हमारी जीत तय है।
तभी महल के एक पुराने तहखाने का दरवाजा खुला. कमरे के काले- सफेद रंग और लक्जरी माहौल ने इस दृश्य को अद्भुत फिल्मी और रोमांचक बना दिया.
जियाना ने देखा कि कबीर का कमरा केवल लक्जरी का प्रतीक नहीं, बल्कि उसकी साहस और शक्ति का केंद्र भी है. उसने सोचा,
अगर मैं अब भी कोशिश करूँ, तो यह प्यार और ताकत मेरे हाथ से निकल सकती है।
कबीर ने सैरिन को अपनी बाँह में कसते हुए कहा,
सैरिन. आज रात हमारे प्यार की ताकत और मेरी अमीरी हर चाल और साजिश को हराएगी. कोई भी जियाना की योजना हमें रोक नहीं सकती।
सैरिन ने उसकी आँखों में देखते हुए फुसफुसाया,
तो अब देखना है. हमारा प्यार, हमारी हिम्मत और तुम्हारी अमीरी इस खेल को कैसे जीतती है।
महल के कमरे में काले- सफेद रंग, महँगी घडी, लक्जरी फर्नीचर और परफ्यूम की खुशबू—सब मिलकर रोमांस और सस्पेंस का एक नया दृश्य बना रहे थे.
जियाना और उसके साथी अब कमरे में प्रवेश करने ही वाले थे. लेकिन कबीर और सैरिन का प्यार और हिम्मत उनके हर कदम को चुनौती दे रही थी.
सैरिन. अब हमारी जीत निश्चित है, कबीर ने कहा.
कबीर. मुझे यकीन है, हमारी हिम्मत और प्यार हर साजिश पर भारी पडेगा, सैरिन ने जवाब दिया.
महल की खिडकियों से आती हवा, झील की चाँदनी, कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल—सब मिलकर इस सीन को फिल्मी, रोमांचक और रोमांटिक बना रहे थे.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपनी अगली चाल चला पाएगी? क्या कबीर अपनी अमीरी, प्यार और हिम्मत से सैरिन को पूरी तरह बचा पाएगा?
और महल के काले- सफेद कमरे की शानदार लक्जरी क्या उन्हें इस लडाई में फायदा देगी?
महल की गुप्त गलियों में जियाना और उसके साथी सैरिन को घेर चुके थे. चाँदनी की रोशनी उनके चेहरे पर भय और ठंडी चमक दोनों उभार रही थी.
आज तुम्हारी जीत खत्म होगी, सैरिन, जियाना ने ठंडी आवाज में कहा.
सैरिन ने डरते हुए पीछे हटते हुए कहा,
कबीर. ये सब कैसे रोका जाएगा?
कबीर मल्होत्रा अपने काले- सफेद लक्जरी कमरे में खडा था. महँगी घडी उसकी कलाई में चमक रही थी, महँगा परफ्यूम हवा में हल्की खुशबू फैला रहा था, और कमरे का हर फर्नीचर उसकी अमीरी और ताकत को दर्शा रहा था. कमरे की विशाल खिडकियों से झील की चाँदनी भीतर गिर रही थी, और कमरे की काले- सफेद सजावट ने माहौल को पूरी तरह रोमांचक और सस्पेंस भरा बना दिया.
कबीर ने सैरिन का हाथ कसकर थामते हुए कहा,
सैरिन. डरने की जरूरत नहीं. आज मैं तुम्हें बचाऊँगा. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
लेकिन जियाना के साथियों ने अचानक कमरे में प्रवेश करने की कोशिश की. कबीर ने अपने लक्जरी कमरे का लाभ उठाते हुए उन्हें रोकना शुरू किया. उसने पीछे खडे महँगे फर्नीचर और बडे झूमर का इस्तेमाल करते हुए उनके रास्ते रोक दिए.
सैरिन, बस मेरे पीछे आओ. अब तुम्हें कोई नहीं छू पाएगा, उसने कहा.
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर रखकर फुसफुसाया,
कबीर. मैं तुम पर विश्वास करती हूँ. अब हमें सिर्फ साहस और प्यार की ताकत पर भरोसा करना होगा।
जियाना ने पीछे हटते हुए कहा,
तुम मुझे मात नहीं दे सकते, कबीर. इस बार मैं जीतूंगी. और सैरिन. तुम मेरी पकड में आओगी।
कबीर ने उसकी तरफ ठंडी मुस्कान के साथ देखा,
जियाना. चाहे कितनी भी चालें चलो, चाहे कितनी भी साजिशें बनाओ, मेरा प्यार और मेरी अमीरी हमेशा सैरिन के साथ है।
महल की खिडकियों से तेज हवा और झील की चमक कमरे में फैली. कबीर ने अचानक अपने लक्जरी कमरे की बडी खिडकी खोल दी, और सैरिन को अपने पीछे खींचते हुए कहा,
सैरिन. बाहर चलो! हम इस खेल को वहीं खत्म करेंगे।
सैरिन ने डरते हुए पूछा,
कबीर. ये सुरक्षित होगा?
कबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,
सैरिन. आज हमारी अमीरी, हमारा प्यार और हमारी हिम्मत हर खतरे को मात देगी. अब कोई नहीं रोक सकता।
दोनों कमरे से बाहर निकले और झील की ओर भागे. जियाना और उसके साथी उनके पीछे थे, लेकिन कबीर ने महल की गुप्त गलियों और अपनी तेज चाल का फायदा उठाया.
सैरिन, मेरी दुनिया, मेरा प्यार और मेरी अमीरी—सब तुम्हारे लिए हैं. अब देखो, हमारी जीत कैसे होती है, कबीर ने फुसफुसाया.
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाते हुए कहा,
कबीर. मैं तुम पर पूरा भरोसा करती हूँ. अब हमें बस हिम्मत और प्यार का साथ चाहिए।
महल की गलियों में तेज कदमों की आवाज, झील की रौशनी, और कमरे की काले- सफेद लक्जरी सजावट—सब मिलकर फिल्मी, रोमांचक और रोमांटिक दृश्य बना रहे थे.
तभी जियाना ने अपने साथियों के साथ नया जाल बिछाया. क्या वह सैरिन को पकड पाएगी? क्या कबीर अपनी अमीरी, ताकत और प्यार से उसे बचा पाएगा?
कबीर ने सैरिन को सुरक्षित स्थान पर खडा किया और अपने महँगे परफ्यूम की खुशबू और कमरे की लक्जरी सजावट का फायदा उठाते हुए जियाना के साथ एक रोमांचक आमने- सामने की लडाई शुरू की.
जियाना. आज तुम देखोगी कि मेरी अमीरी और मेरी ताकत Kiss तरह साजिशों को नाकाम कर देती है।
सैरिन ने हल्की मुस्कान देते हुए कहा,
कबीर. अब देखना है कि हमारा प्यार और हमारी हिम्मत इस खेल को कैसे जीतती है।
महल की झील, कमरे की काले- सफेद लक्जरी सजावट, महँगी घडी, और परफ्यूम की खुशबू—सब मिलकर इस सीन को सस्पेंस, रोमांस और रोमांच से भर रहे थे.
कबीर ने जियाना के साथियों को हर मोड पर मात देते हुए सैरिन को पूरी तरह सुरक्षित रखा.
सैरिन. हमारी अमीरी, हमारा प्यार और हमारी हिम्मत—सब मिलकर यह लडाई जीतेंगे. अब कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाते हुए कहा,
कबीर. आज हमने सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि साहस और हिम्मत से भी जीत हासिल की।
महल की खिडकियों से आती हवा, झील की चाँदनी, और काले- सफेद कमरे का लक्जरी माहौल—सब मिलकर इस रोमांचक सीन को और फिल्मी बना रहे थे.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपनी अगली चाल चला पाएगी? क्या कबीर अपनी अमीरी और ताकत से सैरिन को हमेशा के लिए बचा पाएगा?
और महल के काले- सफेद लक्जरी कमरे की शानदार सजावट क्या उन्हें आने वाले रहस्यों में मदद करेगी?
महल की बर्फीली हवा ने रात को और ठंडी बना दिया था. झील की सतह पर चाँदनी झिलमिला रही थी, और काले- सफेद कमरे की खिडकियों से अंदर आती हल्की रौशनी ने सैरिन के चेहरे पर डर और जिज्ञासा दोनों उभर दिए.
कबीर कमरे के बीच में खडा था. उसका लक्जरी कमरा, पूरी तरह काले और सफेद रंग में सजा हुआ था. महँगी घडी टिक- टिक कर रही थी, महँगा परफ्यूम हल्की खुशबू फैला रहा था, और कमरे का हर कोना उसकी अमीरी और शक्ति का प्रतीक था.
सैरिन ने उसकी तरफ देखते हुए कहा,
कबीर. लगता है जियाना ने इस बार कुछ बडा प्लान बनाया है. मैं डर रही हूँ।
कबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए मुस्कान दी,
सैरिन. डर को भूल जाओ. मेरी अमीरी, मेरी ताकत, और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. अब देखो, हम इसे कैसे मात देते हैं।
तभी महल की गुप्त गलियों से तेज कदमों की आवाज आई. जियाना अपने कुछ भरोसेमंद साथियों के साथ आई थी. उसने ठंडी आवाज में कहा,
सैरिन. अब तुम्हें बचाने वाला कोई नहीं. इस बार मेरी चालें तुम्हें पकडने में कामयाब होंगी।
कबीर ने सैरिन को अपनी बाँह में खींचा और कहा,
सैरिन. पीछे रहो. मैं हर चाल को नाकाम कर दूँगा. मेरी दुनिया, मेरी अमीरी, मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं।
महल की गलियों में लडाई शुरू हुई. जियाना के साथी जल्दी से आगे बढे, लेकिन कबीर ने अपने कमरे की लक्जरी सजावट और फर्नीचर का फायदा उठाते हुए उन्हें चौंका दिया. झूमर गिरा, फर्नीचर का रास्ता बदल गया, और कबीर ने अपनी तेज चाल से विरोधियों को पीछे धकेल दिया.
सैरिन ने धीरे से कहा,
कबीर. मैं अब भी डर रही हूँ. क्या हम इसे संभाल पाएँगे?
कबीर ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया,
सैरिन. हमारी हिम्मत और प्यार हर अंधेरे पर भारी पडेगा. अब बस मेरे साथ रहो।
झील के पास कमरे की खिडकियों से रोशनी की झलक ने माहौल को और रोमांचक बना दिया. महल की बर्फीली हवा, झील की चाँदनी, और कमरे की काले- सफेद लक्जरी—सब मिलकर यह दृश्य एकदम फिल्मी और सस्पेंस भरा बना रहे थे.
जियाना ने गुप्त दरवाजा खोला और एक बार फिर हमला किया. कबीर ने अपनी अमीरी और तेज सोच का इस्तेमाल करते हुए उसे मात दी. उसने सैरिन को पास खींचते हुए कहा,
सैरिन. अब कोई हमें अलग नहीं कर सकता. मेरी ताकत और प्यार हमेशा तुम्हारे साथ हैं।
सैरिन ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,
कबीर. आज रात हमने सिर्फ प्यार ही नहीं, बल्कि साहस और हिम्मत से भी जीत हासिल की. अब देखना है जियाना क्या करेगी।
महल की खिडकियों से आती हवा, झील की रौशनी, और कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल—सब मिलकर इस सीन को रोमांच, सस्पेंस और रोमांस से भर दिया.
कबीर ने सैरिन का हाथ कसकर थामते हुए कहा,
सैरिन. हमारी जीत सिर्फ आज रात के लिए नहीं, बल्कि हमेशा के लिए है. कोई भी चाल हमें रोक नहीं सकती।
सैरिन ने मुस्कुराते हुए कहा,
तो अब देखना है. हमारी हिम्मत, प्यार और ताकत जियाना की हर चाल पर कैसे भारी पडेगी।
जियाना और उसके साथी महल की गलियों में पीछे हट गए, लेकिन उनकी आखिरी नजरें कबीर और सैरिन पर टिक गई थीं.
कबीर ने सैरिन को पास खींचते हुए कहा,
सैरिन. यह रात हमारी अमीरी, ताकत और प्यार का सबूत बन गई. अब कोई अंधेरा हमें अलग नहीं कर सकता।
महल की झील, कमरे की काले- सफेद लक्जरी सजावट, महँगी घडी, और परफ्यूम की खुशबू—सब मिलकर इस रोमांचक और रोमांटिक सीन को यादगार बना रहे थे.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपनी अगली चाल चला पाएगी? क्या कबीर और सैरिन की जीत हमेशा के लिए पक्की होगी, या महल में नए रहस्य और साजिशें फिर से उनके रास्ते में खडी होंगी?
महल के ऊपर से तेज हवाएँ चल रही थीं. झील की सतह पर चाँद की परछाई नाच रही थी और बगीचे की रोशनी कमरे तक आती हुई डर और सस्पेंस दोनों को बढा रही थी.
सैरिन खडी थी, उसकी साँसें तेज थीं. उसने काँपते हुए कहा,
कबीर. जियाना अब कुछ भी कर सकती है. मुझे डर लग रहा है।
कबीर ने उसका हाथ कसकर पकडा.
सैरिन. अब डरने की कोई जरूरत नहीं. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. आज हम उसकी चालों को मात देंगे।
महल की गुप्त गलियों से जियाना ने अपने सबसे भरोसेमंद साथियों के साथ अचानक हमला कर दिया.
आज तुम्हारा अंत होगा, सैरिन, जियाना ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा.
कबीर ने तुरंत अपनी रणनीति बनाई. कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल, महँगी घडी, महँगा परफ्यूम, और झूमर—सब हथियार बन गए. उसने झूमर गिराकर और फर्नीचर की स्थिति बदलकर जियाना के साथियों को रोका.
सैरिन. पीछे रहो. अब हमारी जीत तय है।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाया और फुसफुसाया,
कबीर. मैं तुम पर विश्वास करती हूँ. अब हमें सिर्फ हिम्मत और प्यार की ताकत चाहिए।
जियाना ने दरवाजा खोलते हुए एक नई चाल चली.
कबीर. इस बार तुम हारोगे. सैरिन अब मेरी पकड में है।
लेकिन कबीर ने झील की रौशनी का फायदा उठाया.
जियाना. मेरी अमीरी और ताकत केवल सैरिन के लिए हैं. हमारी जीत कैसे होती है।
महल की खिडकियों से तेज हवा अंदर घुस रही थी. काले- सफेद कमरे की लक्जरी सजावट और महँगा परफ्यूम लडाई का माहौल और बढा रहे थे.
कबीर ने अपने तेज कदमों और कमरे की सजावट का इस्तेमाल करते हुए जियाना के साथियों को हर मोड पर मात दी. उसने सैरिन को अपनी बाँह में कसकर रखा.
सैरिन. अब कोई हमें रोक नहीं सकता. मेरी ताकत और प्यार हमेशा तुम्हारे साथ हैं।
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी और बोली,
कबीर. अब देखना है हमारी हिम्मत और प्यार जियाना की चालों पर कैसे भारी पडेगा।
महल की गलियों में जियाना और उसके साथियों की आखिरी कोशिशें भी नाकाम हो गईं. कबीर और सैरिन अब सुरक्षित थे. कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल, झील की रौशनी, महँगी घडी और परफ्यूम—सब मिलकर इस रोमांचक और रोमांटिक दृश्य को यादगार बना रहे थे.
कबीर ने सैरिन की आँखों में देखते हुए कहा,
सैरिन. हमारी जीत सिर्फ आज रात के लिए नहीं, बल्कि हमेशा के लिए है. कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी और बोली,
तो अब देखना है. हमारा प्यार और हमारी हिम्मत जियाना की आखिरी चालों पर कैसे भारी पडेगी।
लेकिन महल के भीतर अब भी एक रहस्य छुपा था. कमरे की खिडकियों से झील की रौशनी पर एक अजीब चमक पड रही थी. यह संकेत था कि आने वाले मोड में और भी बडा रहस्य और साजिशें उनके सामने आने वाली हैं.
तो अब सवाल यही है—क्या जियाना अपनी आखिरी चाल चला पाएगी?
क्या कबीर और सैरिन की जीत हमेशा के लिए पक्की होगी, या महल में नए रहस्य और साजिशें फिर से उनके रास्ते में खडी होंगी?
महल की छत पर चाँदनी पूरी तरह बिखरी हुई थी. झील की सतह पर चाँद की परछाइयाँ तैर रही थीं और तेज हवाएँ महल के गुप्त गलियारों में रहस्यमय आवाजें पैदा कर रही थीं.
सैरिन खडी थी, उसकी आँखों में डर और जिज्ञासा एक साथ चमक रही थी. उसने फुसफुसाया,
कबीर. अब जियाना कुछ भी कर सकती है. मुझे डर लग रहा है कि कहीं वह हमें अलग न कर दे।
कबीर ने उसका हाथ कसकर थामा और धीरे से कहा,
सैरिन. अब डरने का समय नहीं है. मेरी अमीरी, मेरी ताकत और मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. आज हम उसकी चालों को मात देंगे. और इस बार. कोई भी हमारे रास्ते में खडा नहीं रह सकेगा।
तभी महल की गुप्त गलियों से तेज कदमों की आवाज आई. जियाना अपने साथियों के साथ पूरी ताकत के साथ हमला करने आई थी.
आज तुम्हारी हार निश्चित है, सैरिन, उसने ठंडी मुस्कान के साथ कहा.
कबीर ने तुरंत अपनी रणनीति बनाई.
सैरिन. मेरे पीछे रहो. मेरी दुनिया, मेरी अमीरी, मेरा प्यार—सब तुम्हारे लिए हैं. अब देखो, हमारी जीत कैसे होगी।
कबीर ने अपने कमरे के काले- सफेद लक्जरी फर्नीचर, महँगी घडी और झूमर का इस्तेमाल करते हुए जियाना के साथियों को हर मोड पर रोक दिया. झूमर गिरा, फर्नीचर का रास्ता बदल गया, और कबीर ने अपने तेज कदमों से विरोधियों को पीछे धकेल दिया.
सैरिन ने डरते हुए कहा,
कबीर. क्या हम इसे संभाल पाएँगे?
कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा,
सैरिन. हमारी हिम्मत और प्यार हर अंधेरे पर भारी पडेंगे. अब बस मेरे साथ रहो।
लेकिन जियाना की चाल अब और भी खतरनाक थी. उसने महल के तहखाने का गुप्त दरवाजा खोल दिया और वहाँ से सैरिन को पकडने की कोशिश की.
अब तुम मेरी पकड में हो, सैरिन, जियाना ने ठंडी आवाज में कहा.
कबीर ने झील की चमक का फायदा उठाया. उसने सैरिन को अपनी बाँह में खींचा और कहा,
जियाना. मेरी अमीरी और ताकत केवल सैरिन के लिए हैं. अब देखो, हमारी जीत कैसे होती है।
महल की खिडकियों से तेज हवा और झील की रौशनी कमरे में फैल रही थी. काले- सफेद लक्जरी कमरे का माहौल लडाई को और रोमांचक और सस्पेंस भरा बना रहा था.
कबीर ने अपने तेज कदमों और कमरे की सजावट का इस्तेमाल करते हुए जियाना और उसके साथियों को हर मोड पर मात दी.
सैरिन. अब कोई हमें रोक नहीं सकता. मेरी ताकत और प्यार हमेशा तुम्हारे साथ हैं।
सैरिन ने उसकी बाँह में सिर टिकाते हुए कहा,
कबीर. अब देखना है कि हमारा प्यार और हमारी हिम्मत जियाना की चालों पर कैसे भारी पडेगा।
लेकिन महल में छुपा एक रहस्य अब सामने आने वाला था. कमरे की खिडकियों से झील पर अजीब चमक पड रही थी. यह संकेत था कि महल के तहखाने में कुछ छिपा हुआ है, जो अब कहानी का नया मोड ले सकता है.
कबीर ने सैरिन की आँखों में देखते हुए कहा,
सैरिन. हमारी जीत सिर्फ आज रात के लिए नहीं, बल्कि हमेशा के लिए है. कोई भी चाल हमें अलग नहीं कर सकती।
सैरिन ने हल्की मुस्कान दी और बोली,
तो अब देखना है. हमारी हिम्मत, प्यार और ताकत जियाना की आखिरी चालों पर कैसे भारी पडेगी।
जियाना और उसके साथी महल की गलियों में पीछे हट गए, लेकिन उनकी आखिरी नजरें कबीर और सैरिन पर टिक गई थीं.
सैरिन. यह रात हमारी अमीरी, ताकत और प्यार का सबूत बन गई. अब कोई अंधेरा हमें अलग नहीं कर सकता।
महल की झील की रौशनी, कमरे का काला- सफेद लक्जरी माहौल, महँगी घडी और परफ्यूम की खुशबू—सब मिलकर इस रोमांचक और रोमांटिक सीन को यादगार बना रहे थे.
जानने के लिए पढ़ते रहिए, Matrubharti का सबसे चर्चित शो—“ सोने का पिंजरा” क्योंकि अब कहानी का असली मोड, रहस्य और रोमांस सामने आने वाला है.
शहर की रौनक और कबीर का जलवा
शहर की सुबह.
सडकें शोर से गूंज रही थीं. गाडियों का हॉर्न, ऊँची- ऊँची इमारतों की चमक, और दुकानों के शटर उठते ही फैलती रौनक—सब कुछ जैसे जिन्दगी की तेज रफ्तार को बयान कर रहा था.
इसी भीड और चकाचौंध के बीच कबीर मल्होत्रा का नाम हर दीवार, हर होर्डिंग और हर अखबार पर चमक रहा था.
सिटी ऑफ ड्रीम्स का सबसे बडा बिजनेसमैन—कबीर मल्होत्रा।
लोग कहते थे, इस शहर की धडकनें भी कबीर की अमीरी के इशारों पर चलती हैं.
काले रंग की रोल्स रॉयस धीरे- धीरे शहर की चौडी सडक पर दौड रही थी. गाडी के शीशे पर सुबह की धूप की किरणें चमक रही थीं. ड्राइवर की सीट पर बैठा आदमी गाडी चला रहा था, लेकिन पीछे की सीट पर बैठे कबीर और सैरिन की मौजूदगी ही असली शोभा थी.
सैरिन ने खिडकी से बाहर झाँकते हुए कहा,
कबीर. ये शहर कितना अजीब है. भीड में सब दौड रहे हैं, लेकिन किसी के चेहरे पर सुकून नहीं है।
कबीर ने हल्की मुस्कान के साथ जवाब दिया,
यही तो असली खेल है, सैरिन. सब दौड रहे हैं. लेकिन जीत सिर्फ उसी की होती है, जिसके पास ताकत और अमीरी हो. और इस शहर में वो सब मेरे पास है।
सैरिन ने उसकी ओर देखा.
लेकिन ताकत सिर्फ डराने के लिए नहीं होती, कबीर. कभी- कभी लोगों को अपनाने के लिए भी चाहिए।
कबीर ने उसके हाथ पर हाथ रखते हुए धीमे स्वर में कहा,
तुम्हारे लिए मैं सब करूँगा. डराने वाला कबीर सबने देखा है. लेकिन अब उन्हें वो कबीर देखना होगा, जो अपनी ताकत से इस शहर को बदल देगा।
गाडी एक भव्य इमारत के सामने रुकी.
मल्होत्रा एम्पायर।
सौ मंजिला इस टॉवर की चमक सूरज की रौशनी को भी फीका कर रही थी. इमारत के सामने भीड जमा थी. मीडिया के कैमरे चमक रहे थे.
जैसे ही कबीर और सैरिन गाडी से उतरे, सबने एक साथ शोर मचाया:
कबीर सर! कबीर सर! एक पिक्चर प्लीज!
सर, आप ही इस शहर का भविष्य हैं!
कबीर ने गहरे नीले सूट में, महँगी घडी पहने, आत्मविश्वास भरे कदमों से चलते हुए इमारत की ओर बढना शुरू किया. उसके पीछे बॉडीगार्ड्स का काफिला था.
कॉन्फ्रेंस हॉल – मल्होत्रा एम्पायर
सैकडों लोग जमा थे. बिजनेस टायकून, फिल्मी सितारे, राजनेता, और मीडिया—हर कोई कबीर की ताकत का गवाह बनने आया था.
कबीर ने मंच पर खडे होकर माइक उठाया.
ये शहर मेरी ताकत की नींव है. और आज मैं ऐलान करता हूँ. आने वाले पाँच सालों में, इस शहर की हर ऊँचाई, हर सफलता, और हर जीत ‘मल्होत्रा एम्पायर’ के नाम होगी।
तालियों की गडगडाहट गूँज उठी.
सैरिन ने किनारे खडी होकर कबीर को देखा. उसकी आँखों में गर्व और हल्की चिंता दोनों थीं.
भीड में छुपी जियाना की नजरें कबीर पर टिकी थीं. उसने धीमे स्वर में अपने साथी से कहा,
देखा. ये आदमी सिर्फ अमीर नहीं, बल्कि लोगों का भगवान बन रहा है. लेकिन मैं इसे गिराऊँगी. इसके साम्राज्य की जडें हिलाऊँगी।
उसके साथी ने पूछा,
कैसे?
जियाना की आँखों में खतरनाक चमक थी.
हर ताकत के पीछे एक रहस्य होता है. और कबीर के रहस्य मुझे ढूँढने हैं. महल के तहखाने की रोशनी. वही इस आदमी की असली कमजोरी बनेगी।
शहर की रात
कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद, कबीर और सैरिन शहर की सबसे ऊँची इमारत की टेरेस पर खडे थे. नीचे पूरे शहर की रौनक थी—हजारों गाडियाँ, चमकते सिग्नल, और नीयन लाइटों की जगमगाहट.
सैरिन ने नीचे देखते हुए कहा,
ये सब जैसे तुम्हारी हथेली पर है, कबीर।
कबीर ने धीमे स्वर में जवाब दिया,
और तुम मेरी धडकन हो, सैरिन. अगर ये शहर मेरी ताकत है, तो तुम मेरी जान हो।
सैरिन मुस्कुरा दी. लेकिन उसकी मुस्कान में हल्की चिंता थी.
कबीर. क्या तुम्हें लगता है कि जियाना इतनी आसानी से हार मान जाएगी?
कबीर ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,
वो चाहे जितनी चालें चले. इस शहर की भीड मेरी ढाल है, मेरी अमीरी मेरी ताकत है, और तुम. मेरी सबसे बडी जीत।
ड्रामा – अचानक आई खबर
तभी कबीर के फोन पर एक नोटिफिकेशन आया. स्क्रीन पर लिखा था:
ब्रेकिंग न्यूज: मल्होत्रा एम्पायर की जमीनों को लेकर कानूनी जाँच शुरू. कबीर मल्होत्रा पर गंभीर इल्जाम।
सैरिन ने घबराकर कहा,
ये. ये कैसे हो सकता है?
कबीर ने फोन को कसकर पकडते हुए गहरी साँस ली.
जियाना.
सैरिन की आँखों में डर था.
मतलब उसने हमला शुरू कर दिया है?
कबीर ने शहर की चमकती लाइटों की ओर देखते हुए धीमे स्वर में कहा,
तो अब असली खेल शुरू होगा. ये शहर सिर्फ मेरी ताकत नहीं. मेरी जिम्मेदारी भी है. और कोई भी जियाना इस ताकत को मुझसे छीन नहीं सकती।
सीन का अंत – सस्पेंस भरा मोड
रात गहरी हो चुकी थी. शहर की सडकें अभी भी भाग रही थीं.
लेकिन कहीं दूर, एक अंधेरी गली में जियाना और उसके साथी तहखाने की चाबियाँ लिए खडे थे.
जियाना ने धीमे स्वर में कहा,
कबीर. अब तेरे राज सामने आएँगे. और जिस दिन तेरे राज खुले, उसी दिन तेरी अमीरी तेरे लिए जहर बन जाएगी।
कैमरा धीरे- धीरे ऊपर उठता है—शहर की रौनक, कबीर की ताकत, और जियाना की चाल—सब मिलकर कहानी को एक नए, रोमांचक मोड पर ले जाते हैं.
अब सवाल यह है—क्या कबीर अपनी अमीरी और ताकत से जियाना की चालों को मात देगा? या फिर इस शहर की रौनक के पीछे छुपा उसका राज उसकी बर्बादी बनेगा?
भीड से भरा प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉल.
चारों तरफ कैमरों की चमक, माइक की कतारें और टीवी चैनलों की लाइव कवरेज.
मंच पर कबीर मल्होत्रा खडा था, अपने आत्मविश्वास भरे अंदाज में. पर तभी हॉल के पिछले दरवाजे से दो चेहरे प्रकट हुए—जियाना और जरीन खान.
दोनों की एंट्री ने माहौल में तूफान ला दिया. भीड फुसफुसाने लगी—
जरीन खान. ये तो पुराना दुश्मन है कबीर का!
और जियाना? ये तो हाल ही में उसकी हार खा चुकी थी!
दोनों ने आगे बढकर माइक पकडा और पूरे हॉल की नजरें अपनी ओर खींच लीं.
जियाना का हमला
जियाना ने तीखी नजरों से कबीर की ओर देखा और कहा,
कबीर मल्होत्रा! तुम कहते हो कि तुम इस शहर के मालिक हो. पर सच ये है कि तुम्हारे पास ताकत है झूठ छुपाने की. क्या तुम ये मानोगे कि कभी तुम इस शहर की गलियों में भिखारी बने घूमते थे?
हॉल में खामोशी छा गई. कैमरे तुरंत कबीर पर फोकस हो गए.
जरीन खान की चाल
जरीन खान ने आगे बढते हुए कहा,
लोगों को जानना चाहिए कि एक अरबपति अचानक भिखारी क्यों बन गया था. कौन सी ऐसी मजबूरी थी कि कबीर मल्होत्रा को अपनी पहचान मिटाकर जमीन पर बैठना पडा? क्या तुम्हारी अमीरी सिर्फ एक दिखावा है? या फिर तुमने ये दौलत किसी गलत रास्ते से हासिल की?
भीड में सनसनी फैल गई.
पत्रकारों ने चिल्लाना शुरू किया—
कबीर सर, जवाब दीजिए!
क्या ये सच है कि आप भिखारी बने थे?
कबीर का पहला जवाब
कबीर ने भीड की ओर देखा, फिर गहरी साँस ली. उसकी आँखों में वो दर्द झलक रहा था, जिसे उसने सालों से छुपा रखा था.
हाँ. ये सच है।
पूरा हॉल चौंक उठा.
मैं, कबीर मल्होत्रा, इस शहर की गलियों में भिखारी बना था. लेकिन उसके पीछे की मजबूरी. वो कहानी इतनी आसान नहीं है, जितनी तुम सोच रहे हो।
अतीत का परदा उठना
कबीर की आवाज भारी हो गई.
वो दौर था जब मैंने सब कुछ खो दिया था. मेरा बिजनेस, मेरा परिवार. सब मुझसे छिन गया था. और इस सबके पीछे कौन था? वही लोग जो आज मेरे सामने खडे हैं।
भीड जरीन और जियाना की ओर देखने लगी.
कबीर ने आगे कहा,
जरीन खान, तुम्हें याद है? जब तुमने मेरे पिता के कारोबार पर झूठे केस डलवाए थे? सरकारी दफ्तरों में रिश्वतें दी थीं, ताकि मल्होत्रा नाम मिट जाए? और जियाना. तुम्हारे पिता का हाथ भी इसमें शामिल था. उस साजिश ने हमें सडकों पर ला खडा किया।
नया किरदार – कबीर का पुराना दोस्त
भीड में से एक बुजुर्ग आदमी खडा हुआ. उसका नाम था हसन अली.
वो कबीर का बचपन का दोस्त और उसके परिवार का वफादार नौकर रह चुका था.
हसन अली ने ऊँची आवाज में कहा,
मैं गवाह हूँ! मैंने अपनी आँखों से देखा था कि कैसे मल्होत्रा परिवार को फँसाकर सब कुछ छीना गया. कबीर को बचाने के लिए उसकी माँ ने अपनी सारी जायदाद बेच दी थी. लेकिन जब कुछ नहीं बचा, तब कबीर को गलियों में भिखारी बनना पडा. ताकि लोग उसे पहचान न सकें. ताकि दुश्मन उसकी जान तक न ले सकें।
सैरिन का दर्द
सैरिन की आँखों में आँसू आ गए. उसने कबीर का हाथ थामते हुए कहा,
कबीर. तुमने ये सब मुझसे क्यों छुपाया?
कबीर ने उसकी ओर देखते हुए कहा,
क्योंकि ये राज मेरी ताकत भी था और मेरी सबसे बडी कमजोरी भी. अगर दुनिया को पता चलता कि मैं भिखारी बना था, तो मेरी अमीरी का मजाक उडाया जाता. पर अब. अब सच सामने आने का समय है।
सस्पेंस की परतें
कबीर ने भीड की ओर देखकर कहा,
मैंने भिखारी का वेश इसलिए बनाया था. क्योंकि मुझे उस वक्त शहर की असली सच्चाई जाननी थी. अमीरी के पीछे छुपे गरीबी के जख्म देखने थे. और सबसे बढकर. मुझे अपने दुश्मनों की चालें पकडनी थीं. वो गलियाँ, जहाँ मैंने भिखारी बनकर दिन बिताए, वहीं से मुझे सबूत मिले कि असली गद्दार कौन है।
जरीन की आँखें लाल हो गईं.
झूठ! सब झूठ!
कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा,
अगर ये झूठ है, तो क्यों तुम्हारा नाम उन सबूतों में बार- बार आता है? तुम्हारी कंपनी के खातों से निकली वो ब्लैक मनी. तुम्हारी तस्वीरें उन मीटिंग्स में. सब मेरे पास है।
क्लाइमेक्स की ओर
भीड में हलचल मच गई. पत्रकार चिल्लाने लगे.
जरीन खान, क्या ये सच है?
अगला सीन – सच का टकराव
भीड का शोर बढता जा रहा था. कैमरों की चमक, रिपोर्टरों के सवाल और लोगों की आँखों में उभरी हैरानी—सब कुछ माहौल को और तनावपूर्ण बना रहा था.
मंच पर कबीर के सामने अब उसकी सबसे बडी दुश्मन जियाना और उसके साथ जारिन खान खडे थे.
जियाना ने माइक थामा और पूरी भीड को संबोधित करते हुए कहा—
देख लो सब लोग! जिस आदमी को तुम भगवान समझते हो, वो असल में वो है जिसने कभी खुद को इस शहर की गलियों में भिखारी बनाया. अब सवाल ये है. इतनी बडी अमीरी के मालिक को भिखारी बनने की क्या जरूरत पडी?
पूरा हॉल एकदम खामोश हो गया.
जारिन खान ने तिरस्कार से हँसते हुए कहा—
कबीर मल्होत्रा, आज ये सबके सामने बता ही दो. तुम्हारी असलियत क्या है? कौन सी ऐसी मजबूरी थी, जिसने तुम्हें गंदी गलियों में झुकने पर मजबूर किया? या फिर ये तुम्हारा कोई और झूठ था, ताकि लोग तुम्हारे झूठे साम्राज्य पर विश्वास करें?
कबीर का जवाब
कबीर ने माइक उठाया. उसकी आँखों में आंसुओं और गुस्से का मिला- जुला तूफान था.
हाँ. ये सच है. मैं भिखारी बना था. इस शहर की गलियों में, मंदिर के बाहर, रेलवे स्टेशन पर. मैंने हाथ फैलाया था. लेकिन ये मेरी हार नहीं थी. ये वो मजबूरी थी, जिसने मुझे वो ताकत दी जो आज तुम सब देख रहे हो।
भीड में हलचल होने लगी. पत्रकारों ने चिल्लाकर पूछा—
कौन सी मजबूरी, कबीर?
आप जैसे अरबपति को सडक पर भिखारी क्यों बनना पडा?
अतीत का खुलासा
कबीर की आवाज भारी हो गई.
सालों पहले. जब मेरा परिवार इस शहर के सबसे बडे घरानों में गिना जाता था, तब हमें बर्बाद कर दिया गया. मेरी आँखों के सामने मेरी माँ रो- रोकर अपने गहने बेच रही थी. मेरे पिता. उन्हें जेल में डाल दिया गया. और ये सब किसके इशारों पर हुआ? जारिन खान और उसके गिरोह के।
जारिन गुस्से से उबल पडा—
झूठ! बेबुनियाद इल्जाम!
कबीर ने उसकी ओर इशारा करते हुए कहा—
सच कभी छुपता नहीं, जारिन! तुम्हारी चालों ने मेरे परिवार को बरबाद किया. जब मेरे पास न घर था, न दौलत, न पहचान. तब मुझे अपनी जिंदगी बचाने के लिए भिखारी बनना पडा. मैं सडकों पर सोया, भीख माँगी, ताकि तुम जैसे गिद्ध मुझे पहचान न सको. और उसी वक्त मैंने इस शहर का असली चेहरा देखा।
नया खुलासा – गुप्त संगठन
भीड में से अचानक एक बुजुर्ग आदमी उठ खडा हुआ. उसका नाम था हसन मिर्जा, जो पहले मल्होत्रा परिवार के वकील रह चुके थे.
हसन ने ऊँची आवाज में कहा—
मैं गवाह हूँ! जब मल्होत्रा परिवार को गिराने की साजिश रची गई, तो जारिन खान ने एक गुप्त संगठन ‘अल- शफाक’ से हाथ मिलाया था. इसी संगठन ने कबीर के पिता पर झूठे केस डलवाए और सबूत मिटा दिए. ये लोग चाहते थे कि मल्होत्रा परिवार हमेशा के लिए इस शहर से मिट जाए।
भीड एकदम चौंक उठी. पत्रकारों ने तुरंत कैमरे जारिन पर घुमा दिए.
जियाना ने गुस्से से दाँत भींचे और कहा—
हसन झूठ बोल रहा है! ये सब कबीर का प्लान है!
सैरिन की भावनाएँ
सैरिन की आँखों से आँसू बह निकले. उसने कबीर का हाथ कसकर पकडते हुए कहा—
तो ये सच है. जब तुम मुझे अपने अतीत के बारे में कुछ नहीं बताते थे, तब तुम अपने इस राज को छुपा रहे थे?
कबीर ने उसकी ओर देखा और धीमे स्वर में कहा—
हाँ, सैरिन. क्योंकि वो दर्द सिर्फ मेरा नहीं था. वो मेरे पूरे परिवार की बेइज्जती थी. और मैं नहीं चाहता था कि ये कलंक तुम्हारी जिंदगी को भी छुए।
क्लाइमेक्स – भीड की प्रतिक्रिया
भीड में खुसर- पुसर शुरू हो गई.
तो कबीर असली में भिखारी था.
लेकिन उसने वो सब क्यों सहा?
क्या सच में जारिन खान ने मल्होत्रा परिवार को बर्बाद किया था?
पत्रकार चिल्लाने लगे—
जारिन खान, क्या आप इन आरोपों को मानते हैं?
जियाना, क्या आपके पास कोई सबूत है कबीर को झूठा साबित करने का?
जारिन की आँखों में गुस्सा और डर दोनों दिख रहे थे.
कबीर का वादा
कबीर ने भीड की ओर देखते हुए कहा—
मैं आज सबके सामने कसम खाता हूँ. जिस तरह मैंने भिखारी बनकर सच को देखा है, उसी तरह अब मैं अपनी ताकत और अमीरी का इस्तेमाल इस शहर की सच्चाई सामने लाने के लिए करूँगा. और जारिन खान. तुम्हारी चालों का हिसाब अब खुलेआम होगा. तुम्हारी असलियत का चेहरा इस भीड देखेगी. अब खेल मेरे नियमों पर होगा।
सस्पेंस का मोड
तभी अचानक हॉल की बडी स्क्रीन पर एक वीडियो चल पडा. वीडियो में दिख रहा था—कबीर मल्होत्रा, भिखारी के भेष में, किसी गुप्त बैठक में बैठे हैं जहाँ शहर के बडे नेता और व्यापारी काले धन की डील कर रहे थे.
भीड में सनसनी मच गई.
जियाना ने हँसते हुए कहा—
देखा! अब सच सामने आ गया. भिखारी बनने की असली वजह ये थी—ताकि तुम गुप्त बैठकों में घुस सको. लेकिन अब ये वीडियो तुम्हें ही गुनहगार साबित करेगा।
कबीर ने स्क्रीन की ओर देखा. उसकी आँखों में डर नहीं, बल्कि और भी गहरी दृढता थी.
अब सवाल ये है—क्या ये वीडियो कबीर को ही अपराधी साबित करेगा, या फिर इसी वीडियो में छुपा है जारिन खान और जियाना की बर्बादी का असली सबूत?
अगला सीन – कबीर की असली मजबूरी
हॉल में स्क्रीन पर चल रहा वीडियो अब सबकी आँखों का केन्द्र बन चुका था.
भीड हंगामा कर रही थी—
कबीर गुनहगार है!
नहीं, ये सबूत है कि वो झूठा है!
जियाना और जारिन खान मुस्कुरा रहे थे. उन्हें लग रहा था कि अब कबीर की साख हमेशा के लिए मिट जाएगी.
लेकिन तभी कबीर ने माइक थामा. उसकी आवाज में ठहराव और आँखों में पुराना दर्द साफ झलक रहा था.
कबीर का सच बोलना शुरू
कबीर ने गहरी साँस ली और बोला—
तुम सब सोचते हो कि मैं गुनहगार हूँ. कि मैं भिखारी इसलिए बना ताकि किसी गलत खेल में शामिल हो सकूँ. लेकिन असली सच इससे कहीं ज्यादा गहरा है. आज मैं वो राज बताऊँगा जो मैंने सालों से छुपा रखा था।
भीड एकदम शांत हो गई. हर कैमरा सिर्फ कबीर पर टिका था.
बचपन की चोट
मैं पैदा हुआ था सोने की थाली में. मल्होत्रा नाम इस शहर में इज्जत और ताकत की पहचान था. लेकिन जब मैं सत्रह साल का था, तब मेरे परिवार पर ऐसा वार हुआ जिसने सबकुछ तोड दिया.
उस रात. पुलिस ने हमारे महल पर धावा बोला. मेरे पिता पर ब्लैक मनी और मर्डर का झूठा केस लगाया गया. मेरी माँ चीख रही थी, मेरी छोटी बहन को धक्का देकर गिरा दिया गया. और मैं सब देख रहा था.
मुझे समझ ही नहीं आया कि हमारे साथ इतना बडा धोखा किसने किया।
कबीर की आवाज भारी हो चुकी थी. सैरिन की आँखों से आँसू बहने लगे.
असली गुनहगार
कबीर ने सीधे जारिन खान की ओर देखा.
वो धोखा किसी और ने नहीं. जारिन खान ने दिया था. उसके लालच ने मेरे पिता को जेल में डाल दिया. उसकी चालों ने हमारे खातों को फ्रीज करवा दिया. और उस रात, मेरे पिता ने कहा था—
‘बेटा, इस नाम को जिंदा रखना. चाहे जैसे भी। ’
लेकिन अगले ही दिन. मेरे पिता जेल में रहस्यमयी हालातों में मारे गए।
भीड में सनसनी मच गई.
भिखारी बनने की मजबूरी
कबीर ने आगे कहा—
पिता के जाने के बाद मैं माँ और बहन के साथ सडक पर आ गया. हमारे पास न घर था, न पैसे. माँ बीमार पड गई और इलाज के लिए मेरे पास कुछ नहीं था. उस वक्त मैंने हाथ फैलाया. हाँ, मैं भिखारी बना.
लोगों ने मुझे लात मारी, गालियाँ दीं. बच्चे मुझ पर पत्थर फेंकते थे. लेकिन मैंने सब सहा. क्यों? क्योंकि मैं जिंदा रहना चाहता था. मैं ताकतवर बनना चाहता था. मैं अपने दुश्मनों को उनकी औकात दिखाना चाहता था.
भिखारी का वो भेष. मेरी मजबूरी थी, लेकिन उसी ने मुझे इस शहर की असली सच्चाई दिखाई. मुझे पता चला कि असली ताकत सिर्फ अमीरी में नहीं, बल्कि लोगों की नजरों में जगह बनाने में है।
नया खुलासा – गुप्त Mission
कबीर ने स्क्रीन की ओर इशारा किया जहाँ वीडियो चल रहा था.
जो वीडियो तुम देख रहे हो, जिसमें मैं भिखारी बनकर गुप्त बैठक में शामिल हूँ. वो मेरी चाल थी.
मैंने महीनों तक भिखारी बनकर इस शहर की गलियों में जिया, ताकि मैं उन गद्दारों की असली पहचान तक पहुँच सकूँ, जिन्होंने मेरे पिता की मौत करवाई थी. और हाँ. उस गुप्त बैठक में मैं भिखारी के कपडों में इसलिए था क्योंकि उन्हीं गलियों से मुझे उनके काले धंधों के सबूत मिले।
भीड की प्रतिक्रिया
भीड में लोग फुसफुसाने लगे—
मतलब ये वीडियो उसकी सच्चाई है, गुनाह नहीं.
तो कबीर तो अपने पिता के कातिलों को बेनकाब करने निकला था.
क्या ये सब सच है?
पत्रकारों ने तुरंत सवाल दागे—
कबीर सर, क्या आपके पास सबूत है कि जारिन खान इसके पीछे है?
कबीर ने गहरी नजरों से जारिन की ओर देखा और कहा—
हाँ. सबूत भी है और गवाह भी. और मैं आज नहीं, अगले अध्याय में ये सबूत पूरी दुनिया के सामने लाऊँगा।
जारिन खान का गुस्सा
जारिन खान ने गुस्से से मेज पर मुक्का मारा.
कबीर! तुम्हारी ये ड्रामेबाजी अब ज्यादा देर तक नहीं चलेगी. तुम्हारा साम्राज्य भी ढह जाएगा और ये भीड तुम्हें पत्थर मारेगी।
कबीर ने शांत स्वर में कहा—
भीड वही पत्थर मारती है जो झूठा हो. लेकिन जब सच सामने आता है, तो यही भीड भगवान बना देती है. और अब. इस शहर की भीड मेरी ढाल है।
सस्पेंस का मोड
अचानक स्क्रीन पर दूसरा वीडियो चल पडा. उसमें दिख रहा था—
जारिन खान किसी अँधेरे कमरे में कुछ दस्तावेज जलाता हुआ. उसके साथ कुछ नकाबपोश आदमी खडे थे.
भीड में हडकंप मच गया.
जियाना चौंक उठी, जारिन के चेहरे पर पसीना छलक गया.
कबीर ने ठंडी मुस्कान के साथ कहा—
ये वीडियो मैंने ही रिकॉर्ड करवाया था, जब मैं भिखारी के भेष में था. और यही सबूत तुम्हारे साम्राज्य को अब खत्म करेगा।
अब सवाल यह है—क्या कबीर इन सबूतों को अदालत तक पहुँचा पाएगा, या फिर जारिन खान और जियाना की अगली चाल उसके लिए नई मुसीबत बन जाएगी?
अगला सीन – अदालत का रण
सुबह का समय.
शहर की सबसे बडी अदालत के बाहर भीड का सैलाब उमड पडा था.
हर चैनल, हर अखबार का कैमरा वहाँ मौजूद था.
एक ही नाम सबकी जुबान पर था—
कबीर मल्होत्रा बनाम जारिन खान।
काले- चमकदार सूट में कबीर अदालत की सीढियाँ चढ रहा था. उसके साथ सैरिन, वकील और बॉडीगार्ड थे.
भीड चिल्ला रही थी—
कबीर सर, क्या आप सच में भिखारी थे?
क्या आज राज खुल जाएगा?
क्या जारिन खान जेल जाएगा?
कबीर ने रुककर भीड की ओर देखा और शांत स्वर में कहा—
आज सच का फैसला होगा. झूठ कितना भी ताकतवर क्यों न हो. एक दिन टूट ही जाता है।
अदालत के भीतर
जज अपनी कुर्सी पर बैठे थे.
बाएँ ओर कबीर और उसके वकील, दाएँ ओर जारिन खान और उसकी टीम.
जियाना पहली कतार में बैठी थी, उसकी आँखों में जलन और गुस्सा था.
जज ने हथौडा बजाया—
कोर्ट की कार्यवाही शुरू की जाए।
जारिन खान का पहला वार
जारिन का वकील उठा और बोला—
माननीय न्यायाधीश, कबीर मल्होत्रा एक ठग है. उसने लोगों को बेवकूफ बनाया. अरबपति होकर भिखारी का वेश धारण किया और गुप्त बैठकों में शामिल होकर ब्लैक मनी का सौदा किया. ये वीडियो सबूत है।
स्क्रीन पर फिर वही वीडियो चलाया गया जिसमें कबीर भिखारी के कपडों में किसी गुप्त बैठक में बैठा था.
भीड में फुसफुसाहट शुरू हो गई.
जारिन ने मुस्कुराकर कहा—
अब देखो, कबीर. तुम्हारी कहानी यहीं खत्म होगी।
कबीर का जवाब
कबीर शांत खडा हुआ. उसने वकील को इशारा किया और खुद माइक थाम लिया.
माननीय न्यायाधीश, ये वीडियो सच है. लेकिन इसका मतलब वो नहीं जो ये दिखाना चाहते हैं.
हाँ, मैं भिखारी बना. मैंने गलियों में दिन बिताए. लेकिन ये मजबूरी थी, गुनाह नहीं. मैं भिखारी बना ताकि असली गुनहगारों तक पहुँच सकूँ. और इस वीडियो की असली कहानी अभी आप सबने सुनी ही नहीं।
नया वीडियो सबूत
कबीर ने अपने सहायक को इशारा किया.
अचानक स्क्रीन पर दूसरा वीडियो चला.
उसमें साफ दिख रहा था—
जारिन खान उन्हीं नकाबपोश लोगों से पैसे लेते हुए और एक फाइल में हस्ताक्षर करते हुए.
पीछे से उसकी आवाज आ रही थी—
मल्होत्रा परिवार को हमेशा के लिए मिटाना होगा. उनके पास कोई सबूत न बचे।
भीड एकदम खामोश.
जज ने भौंहें चढा लीं.
जियाना की प्रतिक्रिया
जियाना चौंक कर खडी हो गई.
ये झूठ है! ये वीडियो एडिट किया गया है!
कबीर ने उसकी ओर देखा और ठंडी हँसी के साथ कहा—
अगर ये झूठ है तो तुम इतनी घबराई क्यों हो, जियाना? या फिर तुम्हें डर है कि अगला राज तुम्हारे परिवार का खुलेगा?
जियाना की आँखों में डर साफ झलक गया.
सैरिन का मोनोलॉग
सैरिन ने धीरे से फुसफुसाते हुए कहा—
ये सिर्फ केस नहीं. ये तो कबीर के अतीत और उसके दर्द की लडाई है. अगर आज सच जीत गया, तो वो सिर्फ अदालत की जीत नहीं होगी. बल्कि कबीर की जिंदगी की सबसे बडी जीत होगी।
क्लाइमेक्स की ओर
जारिन का चेहरा लाल हो चुका था. उसने गुस्से में कहा—
कबीर! तुम सोचते हो कि सिर्फ एक वीडियो से मैं हार जाऊँगा? मेरे पास ऐसी ताकतें हैं जो तुम्हें बर्बाद कर देंगी. अदालत से बाहर निकलने से पहले तुम्हारा नाम मिट जाएगा।
कबीर ने उसकी आँखों में आँखें डालकर कहा—
ताकत? असली ताकत सबूतों और सच्चाई में होती है, जारिन. और तुम्हारे खिलाफ दोनों हैं. तुम हार चुके हो।
सस्पेंस मोड
जज ने कार्यवाही रोकते हुए कहा—
अगली सुनवाई में अदालत तय करेगी कि इन वीडियो को सबूत माना जाए या नहीं. तब तक के लिए दोनों पक्षों को चेतावनी दी जाती है कि कोई भी चालाकी बर्दाश्त नहीं होगी।
हथौडे की आवाज गूँजी.
लेकिन उसी वक्त अदालत के बाहर अचानक बम धमाके जैसी आवाज आई.
भीड चीख उठी.
पुलिस दौड पडी.
कबीर ने चौककर बाहर की ओर देखा और धीमे स्वर में कहा—
खेल अभी खत्म नहीं हुआ. ये जारिन की नई चाल है।
अब सवाल ये है—क्या धमाके के पीछे जारिन खान का हाथ है? या फिर कोई नया खिलाडी इस खेल में उतर चुका है?
अदालत की दीवारें अब भी गूँज रही थीं उस धमाके की आवाज से. बाहर अफरातफरी मच चुकी थी. लोग भाग रहे थे, पुलिस लोगों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही थी. कबीर तेजी से बाहर निकला, सैरिन उसके पीछे- पीछे. जारिन खान के चेहरे पर एक खतरनाक मुस्कान तैर रही थी, जैसे वो पहले से जानता हो कि ये सब होगा.
कबीर ने बाहर पहुँचते ही कहा, ये सिर्फ डराने की कोशिश नहीं है. ये हमें चुप कराने की चाल है।
सैरिन ने घबराकर उसकी ओर देखा, लेकिन ये काम कौन कर सकता है? जारिन?
जारिन अदालत से बाहर निकलते हुए हँसा, कबीर, मैं इतना भी बेवकूफ नहीं कि अदालत के बाहर धमाका करूँ. ये किसी और का खेल है. और मुझे मजा आ रहा है ये देखकर कि तुम्हारा चेहरा कैसे पीला पड गया है।
कबीर ने गुस्से में उसकी ओर इशारा किया, तू कितना भी इनकार कर ले, इस खेल के धागे तेरे ही हाथ में हैं. लेकिन अब खेल बदल चुका है. अब सिर्फ अदालत में ही नहीं, सडकों पर भी सच की जंग होगी।
भीड में हलचल हुई. तभी पुलिस कमिश्नर अरमान वहाँ पहुँचा. वो कबीर का पुराना दोस्त था, लेकिन लंबे वक्त से मुलाकात नहीं हुई थी. अरमान ने गंभीर लहजे में कहा, कबीर, तुम्हें अदालत की सुरक्षा में रहना चाहिए. ये धमाका तुम्हें चेतावनी देने के लिए किया गया है. और मुझे शक है कि इसके पीछे न तो सिर्फ जारिन है और न ही जियाना।
कबीर चौंक पडा, मतलब? और कौन हो सकता है?
अरमान ने इधर- उधर देखा और धीमी आवाज में कहा, शहर में एक नया नाम उभर रहा है—रियाज खान. जारिन का चचेरा भाई. सालों पहले दुबई भाग गया था और अब भारी ताकत और हथियारों के साथ वापस आया है. उसका मकसद सिर्फ एक है—तुम्हें मिटाना और इस शहर पर राज करना।
सैरिन के होश उड गए. मतलब खेल और बडा हो चुका है।
कबीर ने अपने भीतर उठते तूफान को दबाया. रियाज खान. मुझे लग रहा था कि पीछे कोई छुपा हुआ हाथ है. अब सब साफ हो गया।
जारिन वहीं खडा मुस्कुरा रहा था. तो आखिरकार तुम्हें भी खबर लग गई. लेकिन याद रखना, रियाज सिर्फ मेरा साथी नहीं, मेरी ताकत है. तुम्हें अदालत से बच भी गए तो सडकों पर जिंदा नहीं रहने देगा।
कबीर ने आँखों में ठंडी आग भरते हुए कहा, जारिन, चाहे रियाज हो या तू. मैं तुम्हें तुम्हारे गुनाहों की सजा दिलाकर ही दम लूँगा।
भीड में तनाव और डर की लहर फैल चुकी थी. पुलिस ने कोर्ट परिसर को सील कर दिया. लेकिन कबीर का दिमाग अब और भी ज्यादा भडक चुका था.
रात का समय. कबीर अपने महलनुमा घर में बैठा था. सामने उसके पिता की पुरानी तस्वीर रखी थी. उसने धीमे स्वर में कहा, पापा, जिस रास्ते पर मैंने कदम रखा है, वो अब और खतरनाक हो चुका है. भिखारी बनकर मैंने जो राज खोले, वो तो बस शुरुआत थी. अब असली लडाई सामने है।
सैरिन उसके पास आई. कबीर, तुम हर बार अकेले लडते हो. लेकिन ये लडाई अब अकेले लडना नामुमकिन है. तुम्हें अपनी टीम बनानी होगी. ऐसे लोग जो तुम पर जान छिडकते हों।
कबीर ने उसकी ओर देखा, सैरिन, तुम्हें नहीं पता. मेरे पास पहले से ऐसे लोग हैं. पुराने साथी, जिनका कर्ज मैं अब तक चुका नहीं पाया. अब वक्त आ गया है उन्हें फिर से साथ लाने का।
दूसरी तरफ जारिन खान एक आलीशान फार्महाउस पर रियाज से मिल रहा था. रियाज लंबा, डरावना शख्स था, उसकी आँखों में खून झलकता था. उसने कहा, कबीर को अब और सांस लेने मत देना. धमाका तो बस शुरुआत थी. अगली चाल में उसका दिल तोडना है. उसके करीबियों को निशाना बनाओ।
जारिन ने हँसते हुए कहा, तो फिर सबसे पहले सैरिन को. वो उसकी सबसे बडी कमजोरी है।
रियाज ने सिर हिलाया, सही कहा. जब उसके दिल पर चोट लगेगी, तब वो खुद टूट जाएगा. और हमें उसके महल, उसकी दौलत और उसके नाम पर कब्जा करने से कोई नहीं रोक पाएगा।
उधर कबीर अपने पुराने दोस्तों को इकट्ठा कर रहा था. एक था आदित्य, जो पहले उसका बाडीगार्ड था लेकिन अब पुलिस इंस्पेक्टर. दूसरा था समीर, जो हैकर था और सालों पहले कबीर की मदद करता था. और तीसरी थी नूरा, कबीर की बचपन की दोस्त, जो अब क्राइम जर्नलिस्ट थी.
कबीर ने सबको अपने घर बुलाया और कहा, ये लडाई अब सिर्फ अदालत की नहीं रही. ये जंग है. और हमें इसे जीतना ही होगा. जारिन और रियाज दोनों को बेनकाब करना होगा।
नूरा ने कहा, लेकिन ये आसान नहीं होगा. रियाज के पास हथियार, पैसा और गुंडों की फौज है. और जारिन के पास राजनीतिक ताकत. तुम्हें पता है न, ये खेल जानलेवा हो सकता है।
कबीर ने गहरी सांस ली, मुझे मौत से डर नहीं लगता, नूरा. मैंने भिखारी बनकर भी जिंदगी देखी है.
इसी बीच आदित्य ने खबर दी, कबीर, इंटेलिजेंस रिपोर्ट कह रही है कि कल रात जारिन और रियाज की एक गुप्त Meeting होगी. वहाँ किसी बडे डील का प्लान है. अगर हम उस Meeting तक पहुँच गए, तो असली सबूत हाथ लग सकता है।
कबीर की आँखों में चमक आ गई. तो कल रात खेल का असली मोड आएगा. अबकी बार मैं भिखारी बनकर नहीं, बल्कि अपने असली चेहरे के साथ वहाँ जाऊँगा।
अगली रात, शहर के किनारे पर एक पुरानी फैक्ट्री में Meeting हो रही थी. चारों ओर बंदूकधारी पहरेदार खडे थे. अंदर जारिन और रियाज बडे- बडे सूटकेस खोल रहे थे जिनमें नोटों की गड्डियाँ और हथियार भरे थे.
रियाज बोला, ये डील पूरी हो गई तो पूरे शहर पर हमारा कब्जा होगा. कोई हमें चुनौती नहीं दे पाएगा।
तभी अचानक दरवाजा खुला और कबीर अंदर दाखिल हुआ. उसके साथ आदित्य और समीर थे.
जारिन हक्का- बक्का रह गया. कबीर? तू यहाँ कैसे?
कबीर मुस्कुराया, जहाँ गुनाह होगा, वहाँ मैं जरूर पहुँचूँगा. तुम्हारे खेल का अब अंत होने वाला है।
रियाज ने गुस्से में बंदूक उठाई, तू ज्यादा होशियार बन रहा है!
लेकिन उसी वक्त नूरा कैमरे के साथ अंदर घुस आई. ये सब लाइव जा रहा है. पूरा शहर तुम्हें देख रहा है, रियाज खान. तुम्हारा हर गुनाह अब लोगों के सामने है।
जारिन ने घबराकर इधर- उधर देखा. उसके माथे पर पसीना चमकने लगा. रियाज चीखा, ये सबूत किसी काम के नहीं आएंगे! और गोली चलाने ही वाला था कि अचानक पुलिस की गाडियाँ फैक्ट्री को चारों तरफ से घेर लेती हैं.
अरमान कमिश्नर अंदर आता है. रियाज खान, जारिन खान—तुम दोनों को गिरफ्तार किया जाता है. तुम्हारा खेल अब खत्म है।
गोली चलने की आवाज गूँजी. और अंधेरे में कहानी वहीं ठहर गई.
क्या वो नया खिलाडी था?
क्या गोली कबीर को लगी या किसी और को?
ये रहस्य अगले मोड के लिए बच गया.
जारी है