Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 40 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 40

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 40

जबसे नक्ष इंडिया आया था, ईशान अपना ज्यादातर समय उसी के साथ बिताता था। ईशान ने उस दिन की सारी बात नक्ष को बताता है तो नक्ष बोलता है कि;

नक्ष - पागल हो गया है क्या ईशान, उन्हे कितना बुरा लगा होगा तेरे ऐसे बिहेवियर से! 

ईशान - तो तू ही बता कि मैं क्या करता? वो ऐसे ही हमेशा मेरे सवालों को इग्नोर करते रहते है। तूझे पता है, जब वो मेरे करीब थे, तब मैंने उनकी दिल की धड़कनों को सुना है। उनका भी दिल धड़कता है, जब वो मेरे करीब होती है। तो इस बात को मानती क्यों नही है? उसने मायूसी से बोला। 

नक्ष - हे भगवान, आप ना मुझे ऊपर ही उठा लो। ऐसा इडियट दोस्त मिला है कि क्या बताऊं! उसने ईशान का मूड हल्का का के लिए थोड़े मजाकिया अंदाज में बोला।

ईशान - तू नही समझ पा रहा है यार, कि मेरे मन में क्या चल रहा है। अगर सच में वो मुझे पसंद नही करती है तो मेरी परवाह क्यों करती है? मैं उनसे जवाब चाहता हुं। ईशान यह बोलते हुए थोड़ा रूआंसा हो गया था। 

नक्ष - पागल है क्या तू? ऐसा नही होता है ईशान, लड़कियां इतना जल्दी अपने खुद के मन की बात नही जान पाती है। और तू सोच, उनके खुद के मन में कितने सवाल चल रहे होंगे। उनको थोड़ा समय दे और उनसे अच्छे से बात कर। पहले खुद तो अपनी फीलिंग्स के बारे में खुलकर बता उन्हे! 

ईशान - हां, शायद तू सही कह रहा है। मैने कुछ ज्यादा ही ओवर रिएक्ट कर दिया था। पर मेरा उनसे दूर रहना ही सही है यार! वरना ऐसे तो मैं सच्ची में पागल हो जाऊंगा। और फिर ईशान चला जाता है। नक्ष उसे पीछे से बुलाने की कोशिश करता है पर ईशान दूर से ही बाय बोल देता है और बोलता है कि थोड़ी देर में वापस आऊंगा। 

बाहर मीडिया में अब यह खबर भी फैल जाती है कि सिंगर किरण और बिजनेस मैन विपिन अब अपनी वेडिंग का ग्रैंड रिसेप्शन ऑर्गेनाइज करने वाले है। यह बात उड़ते उड़ते साहिल और सिमरन को भी पता चलती है। तो वो एक तरह से खुश हो जाते है। साहिल को ऐसा ही मौका चाहिए था, और वो विपिन और किरण उन्हे सामने से दे रहे थे। तभी साहिल सिमरन को बोलता है कि;

साहिल - सिमरन, तुमने ईशान को बताया या नही इसके बारे में? 

सिमरन - नही साहिल, मैने किसी को नही बताया है। क्योंकि हमे यह बात बहुत सीक्रेट रखनी होगी। 

साहिल - हां,लेकिन इस प्लान में हमे ईशान और तानिया दीदी की मदद चाहिए होगी। 

सिमरन - हां साहिल, हम उन पर पूरा भरोसा कर सकते है। हम दोनो अभी ही उनसे सब बात शेयर कर लेते है। 

इधर आचार्य हाउस में;

विपिन ऑफिस जाने के लिए तैयार हो रहा होता है और किरण उस पर थोड़ा सा नाराज हो रही होती है। 

विपिन - तुम समझो न बेबी, मुझे काफी टाइम हो गया है ऑफिस गए हुए, तो जाना होगा! मैं जल्दी ही आ जाऊंगा। 

किरण - तुम्हारी तबियत अभी भी सही नही हुई है जान, और तुम्हे काम की पड़ी है। ऊपर से अभी हमारा वेडिंग रिसेप्शन है, तो तुम्हे मेरे साथ होना चाहिए न! किरण ने थोड़ा नाराज होते हुए बोला। 

यह देखकर विपिन, किरण के पास आकर बैठता है और बोलता है कि;

विपिन - जान, जरूरी काम है, मैं पक्का जल्दी आने की कोशिश करूंगा। और विपिन ऑफिस के लिए निकल जाता है। 

विपिन अपने ऑफिस जाते ही सीधा अपने केबिन में चला जाता है तो उसकी मैनेजर उसके पीछे पीछे चली जाती है। 

रीमा - वेलकम सर! काफी दिन बाद आप ऑफिस आए है। अब कैसी तबीयत है आपकी? उसने मुस्कुराते हुए पूछा।

विपिन - हां, अब मैं बिल्कुल ठीक हुं। रीमा, जरा वो टेबल पर रखी फाइल लाना इधर! 

रीमा - हां सर, और जैसे ही वो फाइल लेकर विपिन के पास जाती है तो विपिन उसे खींचकर अपनी गोदी में बिठा लेता है, और बोलता है कि अब पूरी तरह से तबियत सही हुई है मेरी डार्लिंग! उसके बाद विपिन, रीमा के कपड़े उतारकर अपनी गंदी प्यास बुझाने लगता है। 

रीमा - क्या आप भी सर, आते ही शुरू हो गए। उसने हंसते हुए बोला और विपिन की छुअन का मजा लेने लगी। 

तभी उन्हे बाहर से आवाज आती है कि; गुड मॉर्निंग किरण मैम! जिससे उन्हें पता चलता है कि किरण उसके ऑफिस में आई है तो विपिन जल्दी से रीमा को झटका देता है। रीमा भी जल्दी से अपने आधे कपड़ों को फिर से पहनती है और अपने आप को सही करके अपने हाथ में एक फाइल पकड़ लेती है और बाहर जाने वाली होती है। तभी सामने से किरण ही दरवाजा खोलकर अंदर आ जाती है। पहले तो उसे रीमा को देखकर थोड़ा सा अजीब लगता है पर वो नॉर्मल ही लेती है। क्योंकि उसे पता होता है कि रीमा, विपिन की मैनेजर है। किरण कभी विपिन पर शक कर भी नही सकती थी, प्यार जो करती थी इतना!

उसके बाद रीमा बाहर चली जाती है, तो विपिन पूछता है कि;

विपिन - बेबी, तुम अभी यहां पर? अभी तो मैं आया ही था बस! 

किरण - मेरा मन नही माना तो मैं तुम्हारे पीछे पीछे आ गई, तुम्हारी तबियत सही नही है और तुम ऐसे काम पर आए हो। और किरण उसके पास जाकर उसके गालों पर हाथ रखकर बोलती है कि - तो बस तुम्हे देखने आ गई मैं!

विपिन - तो फिर लो, और देखो! ऐसा कहकर विपिन किरण को अपनी बाहों में ले लेता है और रीमा के साथ जो अधूरी ख्वाहिश रह गई थी, उसे किरण से पूरा करने लगता है। किरण तो विपिन के इतने गंदे होने के बारे में जानती तक नही थी। 



इधर सिमरन, ईशान को फोन करके अपने घर बुला लेती है और साहिल भी तानिया को बुटीक से घर बुला लेता है। तानिया जल्दी ही आ जाती है, पर उसे नही पता होता है कि ईशान भी आने वाला है। 

तानिया - बोलो भाई, हमे ऐसे अर्जेंट में बुलाया तुमने, तो सब ठीक तो है न? उसने थोड़ी सी टेंशन लेते हुए बोला!

साहिल - हां दीदी, सब ठीक है। बस आप लोगो को कुछ बताना था।अभी ईशान आता ही होगा, तो साथ में ही बात करते है फिर! ईशान आने वाला है, यह सुनकर तानिया के दिल में एक हलचल होने लगती है, जिसे वो इग्नोर कर देती है।

सिमरन - लो आ गए जनाब, सिमरन ने दरवाजे की ओर देखकर कहा जहां से ईशान अंदर की तरफ आ रहा था। जैसे ही ईशान आता है और cool रहने की कोशिश करता है। पर वो खुद जानता था कि उसके मन में क्या चल रहा है। पर ईशान, तानिया को बिल्कुल इग्नोर कर रहा होता है, और सिमरन और साहिल से बात कर रहा होता है। 

ईशान - दीदी,आप फोन पर कह रही थी कि कोई जरूरी बात करनी है, वो क्या है? 

साहिल - हमने एक प्लान बनाया है, और उसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। उसके बाद साहिल, तानिया और ईशान को सब कुछ समझा देता है। 

ईशान - वाह जीजू, अब आएगा न मजा! मुझे तो कबसे इसी दिन का इंतजार था, और देखना हम जरूर कामयाब होंगे।

सिमरन - हां, पर मुझे थोड़ा सा डर लग रहा है, ईशान! कही कुछ गडबड ना हो जाए!

तानिया - नही सिमरन, तुम ऐसा मत सोचो। सब अच्छा ही होगा और जैसा कि ईशान ने कहा है, हम जरूर कामयाब होंगे क्योंकि हम गलत नही है। इस वक्त ईशान, तानिया को ही देख रहा होता है,तो जैसे ही तानिया की नज़र ईशान पर पड़ती है, तो दोनो का eye contact होता है, और दो मिनट दोनो एक दूसरे को देखते है। फिर तानिया अपनी नजरें फेर लेती है।

साहिल - हां, आपने बिल्कुल सही कहा दीदी। अब हम सभी अपने अपने काम में लग जाते है, क्योंकि हमारे पास टाइम बहुत कम है। ईशान, तुम और तानिया दीदी भी जल्दी से चले जाना और मुझे खबर करते रहना। 

सिमरन - चलो साहिल, और उसके बाद सिमरन और साहिल दोनो गाड़ी में बैठकर कही चले जाते है। पर ईशान और तानिया अब भी वही पर बैठे होते है, और दोनो में से कोई कुछ नही बोल रहा होता है। फिर ईशान ही चुप्पी तोड़ता है और बोलता है कि;

ईशान - चले तानिया जी, कही हमे लेट ना हो जाए। 

क्रमश :