Three best forever - 52 in Hindi Comedy stories by Kaju books and stories PDF | थ्री बेस्ट फॉरेवर - 52

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थ्री बेस्ट फॉरेवर - 52

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( >💜💜💜 Next ep में पधारो,
मेरे नमूने यारों,,,💜💜💜

"हा जाओ और टैंशन फ्री रहो,,मैं भी जा रही पड़ोस में चुगली करने टाटा बच्चो" बेपरवाही से बोल सुनिता जी दरवाजे की ओर बढ़ गई। अब आगे,,,,

वही रूम के अंदर तीनो बेधड़क घुस गए तो देखा मस्ती बेड पर सफेद कंबल के अंदर दुबकी हुई थी। 

राहुल और मनीष को लग रहा था रो रही है। तो वही रियू बेपरवाह खड़ी थी माथे पर एक शिकन तक नहीं । 

राहुल मुंह बनाए बोला "मम्मी जी ने तो कहा था मजे कर रही होगी पर ये तो भूत बने रो रही,, ये मम्मो जी भी ना बेटी को रोता छोड़कर खुद चुगली करने चली गई" 

मनीष से अब रहा नही गया तो वो मायूसी से बोला "मस्ती कितना रोएगी तबियत खराब हो जायेगी चुप हो जा" 

राहुल भी इंप्रेसिंग जमाते हुए "हा यार चुप होजा उस दूध वाले को मैं कल सबक सिखाऊंगा अच्छेसे तू चुप होजा" 

इन दोनों की बेवकूफी भरी बात सुन रियू माथा पीट कर आइज रोल करते हुए मन में बोली "ये देखो इन दोनों गधेड़ो को,,रोने की आवाज तक नहीं आ रही फिर भी चुप करा रहे" 

दोनो अभी भी मस्ती को चुप कराने में लगे हुए थे जो उनकी बेवकूफी रियु और झेल नही पाई और खोजते हुए बोली "अबे सालो दोनों का दिमाग घुटनों में है क्या,,चुप कराने से पहले देख तो लो सच में रो भी रही है की नहीं?" 

ये सुन दोनो को कुछ खटका दोनो हैरानी से उसे देखे फिर कंबल खींच लिए।
फिर जो देखा देखते रह गए मस्ती केटबेरी चॉक्लेट का डब्बा पकड़े हुई भालू की तरह बैठी चॉक्लेट ठूस रही थी उसका मुंह पूरा चॉकलेट से भरा हुआ था और कंबल खींचने के बाद भी उसका ध्यान चॉक्लेट पर से टस से मस नहीं हुआ तीनों की आंखे उसे घूरते हुए छोटी हो गई।

पर मस्ती को उससे भी फर्क नहीं पड़ा तो रियू चॉक्लेट का डब्बा ही उससे छीन ली तब जाकर मस्ती का ध्यान उन पर गया उसकी आखें हैरानी से बड़ी बड़ी हो गई।


"अरे मेरा चॉक्लेट री,,,," रियू ने डिब्बा छीन लिया तो मस्ती उससे छिनने के लिए लपकी तो

रियू आंखे छोटी कर घूरते हुए बोली "साली हम सब तेरे लिए चिंता में मरे जा रहे और तू चुपके चुपके मजे से चॉकलेट ठूस रही रुक तुझे तो मैं बताती हु,,,," और एक जोर दार मुक्का उसके पीठ पर जड़ दी। 

मस्ती दर्द से करहरते हुए "आए हाए कैसी दोस्त हैं बे,,," 

"बताऊं क्या कैसी दोस्त हु?" रियू डेंजर स्माइल कर मुक्का दिखाते हुए बोली तो
मस्ती सराफत से बात ही पलट दी "ना जानें कौन से पाप किए थे मैने,,मेरा मतलब कर्म ही फूटे थे मेरे जो इतनी अच्छी दोस्त मिली" 

मस्ती की बात सुन मनीष राहुल की हसी छूट गई "ही ही ही,,,,"  रियू उन दोनो को घुरी तो दोनो ने एक दुसरे का मुंह चाप लिया। 

"तुम दोनो निकलो बाहर मुझे मस्ती से अकेले में बात करनी है" रियू आदेश ने देते हुए कहा तो 
दोनो रूम से चुप चाप बाहर निकल गए।

रियू अब मस्ती को घूरने लगी। 

"मैं भी चलती हु,,," ये बोल मस्ती खिसकने को हुई की रियू उसका पैर पकड़ खींचते हुए वापस बेड पर लेटा दी।

रियू शैतानी स्माइल कर "किधर भाग रही डार्लिंग" 

तो वही मस्ती बकरी की तरह मिमियाते हुए "मुझे जोर की सु सु आई भागने दे डार्लिंग" 

रियू कसाई की तरह उसका पैर ऐसे पकड़ी जेसे साप की पुछ हो और अपनी तरफ़ खींचते हुए बोली "बहुत नौटंकी सूझी है न आज सारी नौटंकी का भूत उतारती तेरी" 

मस्ती गिड़गिड़ाते हुए "हाथ पैर जोड़ती मैं छोड़ छोड़ अबे छोड़ दें इमरजेंसी है जा,,," लेकिन रियू उसकी बात पुरी होने से पहले ही धर दबोच उसे कूट दी।

"साली भूत ही उतारना था तो झाड़ फूंक कर देती ऐसे मारी क्यू बेरहम कही की" मस्ती मुंह बनाए घूरती हुई बोली।

रियू आखें दिखाते हुए "बेरहमी दिखाऊं क्या और?" 

मस्ती डर से नीली पीली हुई "न नही एक महीने के लिए इतना काफी है" 

हसीं ठिठोली चल ही रही थी की अचानक मस्ती रियू के गले जा लगी रियू को उसकी सिसकने की आवाज सुनाई दी वो समझ गई मस्ती रो रही है उसने उसे अलग नही किया और उसका पीठ सहलाते हुए शांत करने लगी। 

"अबे तू रो क्यू रही एक महीने की तो बात है फिर बची एक महीने की छुट्टी जिसमें हम सब मिलकर धूम मचा देंगे" 
मस्ती सिसकते हुए ही बोली "तो,,तो मुझे भी लेकर चल,,सिसक,,, मैं भी,,सिसक,,, जाऊंगी" 

माहौल अब सिरियस हो गया था। रियू उसे अलग कर समझाते हुए बोली "और मम्मी जी,, उनका क्या? उनके बारे में सोची कैसे रहेंगी वो अकेली,,और वो बेवड़ा अभी अभी तो गया है क्या पता तेरी गैर मौजूदगी में फिर टपक जाए और मम्मी जी के साथ कुछ,,, ह देख मस्ती थोड़ा दिमाग से काम ले अब तू बच्ची नही रही" 

मस्ती उसकी बात पर गौर की उसे समझ में आ गया की वो कुछ ज्यादा ही भावनाओ में बह रही थी। रियू की बाते उसके दिमाग़ मे असर कर गई थी।

अब वो नॉर्मल हुए बोली "Hm,, तूने सही कहा मैं समझ गई हु और मै इमोशन में बह गई उसके लिए so,,, सॉरी गया भाड़ मे" 

फिर क्या,,,? दोनो एक दूसरे को पिटने लगी।

अगले दिन सुबह 
6 बजे उठ 
रियू मनीष राहुल जानें की तैयारी में जुट गए। वही मस्ती चादर तान कर सोई हुई थी।
इसी तरह 8:30 बज गए।
तैयार होकर सभी ब्रेकफास्ट के लिए डायनिंग टेबल पर उपस्थित थे बस मस्ती को छोड़ वो अभी भी खर्राटे भर रही थी। 

सुनिता जी बोली "रियू मस्ती को क्यू नही उठाई?" 

"कल जो हुआ मुझे लगता हैं उसे ज्यादा से ज्यादा नींद की जरुरत है" रियू भावहीन हुए बोली । तो वही उसकी बात सुन 
सुनिता जी चिंता के भाव से " रीयू रात में कही फिर से,,,"

उनकी बात समझ रियू उनकी बात काट बोली "Hmm रात भर सो नहीं पाई बीच बीच मे चिल्ला कर उठ जाती थी" 

सुनिता जी नम आंखों से बोली "हे भगवान मेरी बच्ची के साथ फिर से वो सब,,, ना जाने कब चैन की नींद आयेगी उसे" 

तभी राहुल एकदम से खड़े होकर बोला "मै जगा दू क्या,,,?" 

"बेटा हाथ पैर तुड़वाना चाहते  हो क्या?" सुनीता जी ने कहा तो जवाब में राहुल डर से वापस चुप चाप बैठ गया।

तभी आवाज आई "किसी को मुझे उठाने की जरुरत नहीं पड़ेगी" 

सभी आंखे फाड़े मस्ती को देख रहे थे जो खुद से उठ कर फ्रेश होकर तैयार हुए रॉक बैंड लुक में बड़े स्टाइल से आ रही थी। 
आखिर देखे भी क्यू ना पहली बार मस्ती खुद से उठी है वरना सुनिता जी और रियू के सिवा किसी में इतनी हिम्मत नहीं जो उसे नींद से जगा पाए। 
सभी का ऐसा रिएक्शन मस्ती बहुत अच्छे से समझ रही थी वो सबको इग्नोर कर चेयर खींच कर बैठ गई। 

लेकिन सब अभी भी उसे घुर रहे थे मानों कोई चमत्कार हो गया हो मस्ती खीज गई और बोली "क्या है? ऐसे क्या देख रहे?" 


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( >💜💜💜 ऐसे क्यू देख रहे ? ये जानेंगे हम next ep में बने रहे मेरे साथ 😁🙏👋