Nazar Se Dil Tak - 22 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | नज़र से दिल तक - 22

Featured Books
  • The Risky Love - 29

    चैताक्षी क्या करने वाली है विवेक उतावला सा जल्दी जल्दी मंदिर...

  • दिल की बात दादी के साथ

    सुबह की हल्की धूप आँगन में उतर रही थी। चिड़ियों की चहचहाहट औ...

  • स्वयंवधू - 62

    62. कान्हा का त्याग और दुर्घटनावह दिन वृषाली के लिए सबसे खुश...

  • यशस्विनी - 26

    कोरोना महामारी के दौर पर आधारित लघु उपन्यास यशस्विनी: अध्याय...

  • छुपा हुआ इश्क - एपिसोड 8

    छुपा हुआ इश्क़ — एपिसोड 8शीर्षक: आत्मा का पुनर्लेख(जब किसी अ...

Categories
Share

नज़र से दिल तक - 22

अस्पताल के बाहर आज हवा में एक अजीब-सी सुकूनभरी ठंडक थी।

शहर में हल्की बारिश हुई थी, और आसमान में फैली नमी जैसे किसी नए आरंभ की गवाही दे रही थी।

Raj अपनी car से उतरे, और gate के उस पार उन्हें Anaya दिखी — वही हल्की मुस्कान, वही शांत आँखें… लेकिन आज उनमें कोई उलझन नहीं थी।

“Good morning, Dr. Anaya,” उन्होंने कहा, जैसे पहली बार उस नाम में अपना दिल छिपा रहे हों।

Anaya मुस्कुराई — “Morning, Dr. Raj.”
दोनों जानते थे, अब formalities सिर्फ़ नाम के लिए बची हैं। उनके बीच अब वो distance नहीं रहा, जो पहले था।

वार्ड के अंदर काम चलता रहा, पर हर gesture, हर नज़र में अब familiarity थी।

Raj की हर बात में एक अपनापन था, और Anaya की हर नज़र में एक जवाब — बिना बोले ही।
Patient rounds खत्म होने के बाद Raj ने कहा,
“थोड़ी देर बाहर चलें? Terrace पर?”
Anaya ने सिर हिलाया — “ज़रूर।”



Terrace पर बारिश के बाद की हल्की हवा बह रही थी।
नीचे शहर चमक रहा था, और ऊपर आसमान में छिटके बादल सूरज की आख़िरी किरणों से सुनहरे हो रहे थे।

Raj railing के पास खड़े होकर बोला —
“तुम्हें याद है, पहली बार यहीं खड़े होकर मैंने कहा था कि कुछ बातें खामोशी में रह जाएँ तो ज़रूरी होती हैं?”

Anaya मुस्कुराई, “हाँ… और अब लगता है, कुछ बातें अगर कही जाएँ, तो वो ज़िंदगी बन जाती हैं।”

Raj ने उसकी तरफ देखा — “तो अब कुछ कहना चाहोगी?”
Anaya ने हल्के से उसकी आँखों में झाँकते हुए कहा —

“बस इतना कि जो सफ़र तुम्हारे साथ शुरू हुआ था… वो अब मेरे लिए मंज़िल बन गया है।”

Raj ने उसकी आँखों से वो हर बात पढ़ ली जो शब्दों से कहीं ज़्यादा सच्ची थी।

धीरे से उसने उसका हाथ थाम लिया — बिना झिझक, बिना डर।
कहीं आसपास हवा बह रही थी, पर उस पल में दुनिया जैसे रुक गई थी।

“Anaya,” उसने धीमे स्वर में कहा, “मैंने कभी सोचा नहीं था कि किसी की मौजूदगी इतनी सुकून दे सकती है। तुमने मुझे वो सिखाया जो किताबों में नहीं था — दिल से इलाज करना।”

Anaya की आँखें भीग उठीं, “और आपने सिखाया कि देखभाल सिर्फ़ patients के लिए नहीं होती… कभी-कभी अपने दिल के लिए भी ज़रूरी होती है।”

Raj ने मुस्कुराते हुए कहा —
“तो अब कोई खामोशी नहीं?”

Anaya ने सिर हिलाया, “अब बस सुकून है।”



नीचे से nurse की आवाज़ आई — “Sir, evening round ready hai.”
Raj ने उसकी तरफ देखा — “चलें, Dr. Anaya?”
Anaya मुस्कुराई — “हमेशा।”

दोनों साथ नीचे उतरने लगे — एक नए confidence के साथ।

अब वो सिर्फ़ hospital के दो doctors नहीं थे —
वो दो दिल थे, जिन्होंने ज़िंदगी की सबसे कठिन किताब में अपना chapter of love खुद लिखा था।

रात में जब Anaya ने अपनी diary खोली, उसने आख़िरी page पर लिखा —

“कभी-कभी सफ़र इतना खूबसूरत होता है कि मंज़िल मायने नहीं रखती।
हमने साथ चलना सीखा, साथ रुकना सीखा… और आज, बस यही काफ़ी है।”



वहीं Raj अपने cabin की खिड़की से बाहर देखते हुए बुदबुदाया —


हर धड़कन अब जवाब देती है… क्योंकि वो मेरे पास है।”



हवा में वही पुरानी बारिश की ख़ुशबू थी,
पर इस बार उस ख़ुशबू में अधूरापन नहीं था —
बस एक पूरा हुआ एहसास था।

कहीं दूर बिजली चमकी,
और उसके साथ जैसे ज़िंदगी ने कहा —
“अब ये सफ़र पूरा हुआ…” 🌧️💫🫶




✨ To Be Concluded…

(कुछ कहानियाँ ख़त्म नहीं होतीं — बस सुकून में बदल जाती हैं।)🫰🤞