Tera Mera Safar - 18 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 18

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तेरा मेरा सफ़र - 18



सुबह होटल की लाइट्स धीरे-धीरे बुझ रही थीं, लेकिन कियारा के भीतर जैसे कोई नई रौशनी जल उठी थी।
वो बिस्तर पर बैठी खिड़की से बाहर देख रही थी — रात की बारिश ने आसमान को साफ कर दिया था।
हवा में एक ताजगी थी, जैसे हर चीज़ नए आरंभ की बात कर रही हो।

कल की सारी बातें अब भी उसके मन में गूंज रहीं थीं —
“अगर मैं हूँ, तो तुम्हारी मुस्कान भी होगी।”
वो लफ़्ज़ किसी वादे जैसे थे — कोमल, पर सच्चे।

लेकिन सच्चे वादों के साथ हमेशा एक डर भी आता है।
कियारा के दिल में वही डर था — क्या ये सब सच में टिक पाएगा?
क्या ये रिश्ता सिर्फ़ इस शहर, इस प्रोजेक्ट, इस वक़्त तक सीमित है… या उससे भी आगे जाएगा?

सुबह की मीटिंग के दौरान अयान सामान्य थे, पर उनकी नज़रों में कुछ थकान थी।
कियारा ने नोटिस किया कि वो ज़्यादा बात नहीं कर रहे थे।
लंच ब्रेक में उसने पूछा, “सब ठीक है?”
अयान ने मुस्कुरा कर कहा, “हाँ, बस थोड़ी बिज़ी सोचें हैं।”
लेकिन उनकी मुस्कान उस जैसी नहीं थी — जैसे अब भी कोई बात भीतर दबी हुई हो।

शाम तक कियारा बेचैन रही।
वो उनके पास गई और बोली, “अगर कुछ परेशान कर रहा है, तो कहिए। कभी-कभी सुनने वाला होना ही काफी होता है।”
अयान ने धीरे से कहा, “कियारा, कंपनी ने मुझे एक नया प्रोजेक्ट ऑफर किया है… विदेश में।”
वो पल जैसे जम गया।
“विदेश?” — उसकी आवाज़ धीमी पड़ गई।
“हाँ… शायद तीन महीने के लिए। शायद ज़्यादा भी।”

कियारा के चेहरे की मुस्कान धीरे-धीरे फीकी पड़ने लगी।
वो समझ नहीं पा रही थी कि दिल खुशी महसूस करे या डर।
अयान ने कहा, “मैंने अब तक जवाब नहीं दिया है। बस सोच रहा हूँ… क्या सही होगा।”
कियारा ने नज़रें झुका लीं, “कभी-कभी सही वही नहीं होता जो आसान हो, सर।”
अयान ने हल्की मुस्कान दी, “तुम फिर ‘सर’ पर लौट आईं?”
वो हँसी, मगर आँखों में नमी थी — “शायद आदत है… या दीवार।”

वो दोनों कुछ देर तक चुप रहे।
हवा में वही पुरानी ठंडक थी, और दोनों के बीच कई अनकहे सवाल।
अयान ने कहा, “अगर मैं चला गया… तो?”
कियारा ने धीरे से कहा, “तो मैं हर दिन आपको अपने काम में महसूस करूँगी।
आपकी बातें, आपका तरीका, आपकी नज़रें — सब यहीं रह जाएँगी।
कभी-कभी दूरियाँ भी सिखाती हैं कि कौन दिल के कितने करीब है।”

उसके शब्दों में दर्द भी था और ताक़त भी।
अयान ने उसकी तरफ देखा — “तुम बहुत हिम्मती हो, कियारा।”
वो मुस्कुराई, “हिम्मत नहीं, बस सच्चाई है।”

उस रात होटल की लाइट्स बंद होने लगीं, सब अपने कमरों में चले गए।
लेकिन कियारा अब भी लॉबी में बैठी थी — अकेली, पर खोई नहीं।
वो जानती थी कि कुछ कहानियाँ तभी पूरी होती हैं जब उनमें थोड़ा इंतज़ार होता है।

थोड़ी देर बाद अयान वहाँ आए।
वो बोले, “कियारा, मैंने डिसीजन ले लिया है।”
वो चुप रही — बस उसकी आँखों ने पूछा, क्या?
“मैं जा रहा हूँ… पर सिर्फ़ काम के लिए। दिल यहीं छोड़ जा रहा हूँ।”
कियारा की आँखों में आँसू आ गए — मगर वो हँस पड़ी।
“शायद रूह के रिश्ते को दूरी छू भी नहीं सकती।”

अयान ने उसके पास आकर कहा,
“वादा है, जब लौटूँगा तो ये कहानी वहीं से शुरू होगी जहाँ आज रुक रही है।”
कियारा ने धीरे से जवाब दिया,
“और मैं तब तक इसे हर दिन अपने एहसासों में ज़िंदा रखूँगी।”

दोनों ने एक-दूसरे की तरफ देखा — बिना शब्दों के, पर हर लफ़्ज़ कह दिया।
वो पल जैसे उनके बीच किसी अधूरे गीत की आखिरी धुन बन गया।

अयान चला गया।
हवा में उसकी खुशबू अब भी थी, और कियारा की आँखों में उसका साया।

रात को अपनी डायरी में कियारा ने लिखा —

> “कुछ वादे वक्त से आगे निकल जाते हैं,
कुछ रिश्ते दूर होकर भी पास रह जाते हैं।
आज वो गया है, पर उसकी मौजूदगी अब भी मेरे चारों ओर है।
शायद सच्चा इज़हार वही होता है —
जो खामोशी में भी सुनाई दे, और दूरी में भी धड़कता रहे।”
उसने पन्ना बंद किया, और आसमान की ओर देखा।
बारिश फिर शुरू हो चुकी थी — जैसे आसमान फिर वही कहानी सुनाना चाहता हो।



✨ To Be Continued…

अब जब वक्त ने इन्हें अलग कर दिया है,
क्या उनका रिश्ता इस दूरी में और गहराई पाएगा,
या कहीं यह सुकून एक नई कसौटी पर आकर टूट जाएगा?
कहानी अब उस मोड़ पर है जहाँ रूह को खुद अपने वादे निभाने होंगे…