Tera Mera Safar - 19 in Hindi Love Stories by Payal Author books and stories PDF | तेरा मेरा सफ़र - 19

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तेरा मेरा सफ़र - 19



तीन महीने बीत चुके थे।
होटल वही था, लहरें वही थीं, लेकिन कियारा की ज़िंदगी में सब कुछ बदल गया था।
अब हर सुबह वो अयान के बिना शुरू होती और उसी की याद पर खत्म।
वो अब भी वही कॉफ़ी मशीन इस्तेमाल करती थी, वही टेरेस पर जाती थी — पर अब वहाँ सिर्फ़ खामोशी उसका साथ देती थी।

उसकी डायरी के पन्ने अब शब्दों से ज़्यादा इंतज़ार से भरे थे।
हर पन्ने पर बस एक ही सवाल लिखा होता — “कब लौटेंगे आप?”

हर हफ्ते अयान का एक ईमेल आता था — छोटा, लेकिन सुकूनभरा।
“यहाँ का मौसम तुम्हारे शहर जैसा नहीं… पर हर सुबह तुम्हारी कॉफ़ी याद आती है।”
वो मेल कियारा के लिए किसी धड़कन जैसा था — जो उसे याद दिलाता था कि रूह का रिश्ता वक्त से परे होता है।

एक शाम होटल के लॉबी में नया प्रोजेक्ट मीटिंग थी।
कियारा पूरे आत्मविश्वास के साथ काम संभाल रही थी।
लेकिन दिल के किसी कोने में अब भी वो चाह थी — “काश वो यहीं होता…”
मीटिंग के बीच रिसेप्शनिस्ट ने कहा,
“Ma’am, एक guest का arrival हुआ है — उनका नाम Mr. Ayan Kapoor है।”

वो पल जैसे थम गया।
उसके हाथ में पकड़ी फाइल गिरते-गिरते संभल गई, लेकिन दिल नहीं।
उसने धीरे से मुड़कर दरवाज़े की ओर देखा —
और वहाँ, तीन महीने बाद, अयान खड़े थे।
उसी सुकून भरी मुस्कान के साथ… वही नज़रे, पर अब उनमें कुछ और था — अपनापन, यक़ीन, और अधूरे सफ़र की पूरी मंज़िल।

कियारा कुछ पल तक बस देखती रही।
फिर धीरे से आगे बढ़ी — “आप… वापस आ गए?”
अयान मुस्कुराए, “वादा किया था न? कहानी वहीं से शुरू होगी जहाँ रुक गई थी।”

दोनों एक पल को खामोश रहे, पर उस खामोशी में अब कोई डर नहीं था।
सिर्फ़ सुकून था — रूह तक उतरता हुआ सुकून।

शाम को दोनों होटल की टेरेस पर बैठे।
हवा में वही हल्की ठंडक थी, पर आज वो हवा गवाह थी दो अधूरे दिलों की मुलाकात की।
अयान बोले,
“वो तीन महीने मुश्किल थे, कियारा।
हर शहर, हर मीटिंग में बस तुम्हारा चेहरा याद आता था।
तुम्हारा होना अब मेरी ज़रूरत नहीं… मेरी पहचान बन गया है।”

कियारा की आँखों में नमी तैर आई।
“आपको पता है,” उसने कहा,
“मैंने हर दिन आपको यहाँ महसूस किया।
कभी कॉफी की खुशबू में, कभी हवा की आवाज़ में।
शायद रूह का रिश्ता वही होता है — जो दूर होकर भी पास रहे।”

अयान ने धीरे से उसका हाथ थाम लिया।
“अब दूरी नहीं होगी। मैं यहाँ सिर्फ़ प्रोजेक्ट के लिए नहीं लौटा… तुम्हारे लिए लौटा हूँ।”
कियारा ने उसकी आँखों में देखा — “और मैं यहाँ तुम्हारे आने का यक़ीन कभी खोने नहीं दी।”

बारिश की हल्की फुहार फिर शुरू हुई।
टेरेस पर टपकती बूँदें, हवा की सरसराहट, और दो मुस्कुराते दिल —
हर चीज़ उस पल की गवाही दे रही थी, कि सच्चा प्यार लौट आता है… हमेशा।

अयान बोले,
“कियारा, ज़िंदगी में बहुत कुछ प्लान नहीं होता।
लेकिन अगर किसी एहसास को रूह ने चुन लिया हो, तो वो लौटकर आता ही है।”
कियारा मुस्कुराई, “तो क्या ये रूह की मंज़िल है?”
अयान ने धीरे से कहा, “नहीं… ये शुरुआत है।”

वो दोनों एक-दूसरे की आँखों में खोए खड़े रहे।
चारों ओर दुनिया चलती रही, पर उनके लिए वक़्त थम गया था।

रात को जब कियारा ने अपनी डायरी खोली,

तो पहली बार उसमें कोई सवाल नहीं था —
बस जवाब।

> “कभी-कभी दूरी रूह को परखती है,
पर सच्चे रिश्ते लौट आते हैं — और तब वो पहले से भी गहरे लगते हैं।
वो लौटा है, पर साथ में मेरा यक़ीन भी लौटा है।
अब डर नहीं, बस एक सुकून है —
कि ये कहानी अधूरी नहीं रहेगी।”

उसने डायरी बंद की,
बालकनी में जाकर आसमान की ओर देखा —
बादलों के बीच हल्की धूप झाँक रही थी, जैसे आसमान भी मुस्कुरा रहा हो।

नीचे अयान खड़े थे, उसकी ओर देखते हुए।
कियारा मुस्कुराई, और अयान ने कहा —
“अब ये कहानी नहीं, ज़िंदगी है।”

और शायद पहली बार,
ज़िंदगी सच में खूबसूरत लगी —
क्योंकि अब उसमें “वो” था, जो सिर्फ़ उसका नहीं… उसकी रूह का हिस्सा था।



✨ To Be Continued (Final Chapter Ahead) ✨

अब जब दोनों रूहें एक हो चुकी हैं,
क्या वक्त उन्हें हमेशा साथ रखेगा,
या कहानी का आख़िरी अध्याय किसी नए सफ़र की शुरुआत बनेगा?