Dhun ishq ki.... Par dard bhari - 41 in Hindi Love Stories by Arpita Bhatt books and stories PDF | धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 41

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धुन इश्क़ की... पर दर्द भरी - 41

ईशान के बोलने पर तानिया उसकी तरफ देखती है, लेकिन कुछ बोलती नही है। फिर ईशान ही वापस से बोलता है कि;

ईशान - क्या हुआ मैडम, चलना नही है क्या आपको? ऐसे तो मुझ पर दाग लग जायेगा कि मुझे जो काम दिया गया, वो मैं समय से पूरा नही कर पाया।

तानिया - don't worry. हमारे पास एक प्लान है, जिससे हम जल्दी से अपने काम को अंजाम दे सकेंगे, और किसी को हम पर शक भी नही होगा। पर हम वहां गाड़ी लेकर नही जा सकते है, तो क्या तुम हमे अपनी बाइक पर ले चलोगे? तानिया ने एकदम नॉर्मल होकर सीधी मुद्दे की ही बात करी। अब ईशान की थोड़ा अजीब लगा तानिया का बिहेवियर, तो वो बोलता है कि;

ईशान - आज समझ में आया कि आप इतनी प्रोफेशनल और प्रैक्टिकल कैसे है? एक दम मुद्दे की बात करते है ना आप? 

तानिया - हम लोगो से कम क्लोज होने की कोशिश करते है, जिससे कि उनके बदले हुए व्यवहार से हमे बाद में तकलीफ न हो!

ईशान - Iam sorry. शायद मैने उस दिन ज्यादा ही अजीब बिहेव किया। पर मैने भी आपसे वही पूछा था तानिया जी, कि आपको क्यों बुरा लगा मेरी बात का? 

तानिया - यही सवाल हम भी तो तुमसे कर सकते है? उसने बात घुमाते हुए बोला।

ईशान - पर मुझे कोई बुरा नही लगा, बस आशा नही थी कि आप इस तरह से बिहेव करेगी।

तानिया - जब बुरा नही लगा था तो क्यों गाड़ी से उतरकर चले गए थे? 

ईशान - जब आप मेरे सवालों का जवाब नही दे रहे है, तो मैं क्यों आपके सवालों का जवाब दूं।

तानिया - ईशान, यह बचकानी हरकते बंद करो प्लीज! हमने पूछा है, तो हमे जवाब दो! या फिर हम इस लायक भी नही है अब, कि तुमसे सवालों के जवाब मांग सके!

ईशान फीकी सी हंसी हंसता है और बोलता है कि; 

ईशान - वैसे हमे मिले हुए ज्यादा टाइम नही हुआ है, फिर भी हम एक दूसरे से हक की बातें कर रहे है। यह कुछ अजीब नही है, क्या यह बात आपने नोटिस करी तानिया जी?

तानिया खुद ईशान की बात को सोचने लग जाती है, पर इसका जवाब उसके पास भी नही था। तभी ईशान उसकी तरफ देखता है और बोलता है कि;

ईशान - मैं आपके लिए सिर्फ सिमरन दीदी का भाई ही हूं ना, कही हम क्लोज तो नही आ गए है? ईशान ने कुछ जानने के इरादे से तानिया से पूछा।

तानिया - ईशान, तुम फिर बहकी बहकी बातें करने लगे। तुम दोस्त हो हमारे!  हम इतना किसी के साथ नही खुलते है, तुमसे जितना खुलकर बात करते है। 

तभी ईशान कुछ नही बोलता है और सोफे से उठकर तानिया के पास आ जाता है, और तानिया को कंधे से पकड़कर उसकी आंखों में देखता है और बोलता है कि;

ईशान - और आप प्यार हो मेरा! इसलिए मुझे फर्क पड़ता है कि आप क्या बोलती हो, क्या सोचती हो मेरे बारे में! 

तानिया तो बस ईशान की आंखों में ही देख रही थी, उसे ईशान की आंखों में वो सच्चाई दिखाई दे रही थी। पर तानिया को इस पल की तो बिल्कुल भी उम्मीद नही थी।वो बोलती है कि;

तानिया - मजाक बंद करो ईशान, बच्चे हो तुम अभी.............. तभी ईशान, तानिया के होठों पर अपनी उंगली रख देता है और बोलता है कि;

ईशान - यह कोई मजाक नही है, और यह आप भी जानती है।  माना कि ज्यादा जानता नही हुं आपके बारे में, पर मैं आपको जानना चाहता हुं। एक बंद सी किताब लगती हो आप, जिसे पढ़ना चाहता हुं। आपके साथ सब कुछ हसीन लगने लगा है, क्योंकि आपके अलावा और कुछ सूझता ही नही है आजकल! ईशान ने तो आज पूरा दिल खोलकर रख दिया था, तानिया के सामने! 

ईशान की इतनी फीलिंग वाली बातें सुनकर तानिया का दिल जोर से धड़कने लगता है। उसे ऐसा महसूस होने लगता है, जैसे अभी उसका दिल, उसके सीने से निकलकर बाहर आ जायेगा। तो वो अपने सीने पर हाथ रख देती है, और खुद के दिल की धड़कन को कम करने की कोशिश करती है। ईशान यह सब देख रहा होता है, और उसे महसूस हो जाता है कि तानिया का दिल भी धड़कना शुरू हो गया है। 

ईशान - यही बात साबित करती है कि मैं भी आपके लिए कुछ तो मायने रखता हूं। ईशान अपनी आंखों से तानिया के दिल की और इशारा करके कहता है। 

तानिया जल्दी से अपना हाथ वहां से हटाती है और बोलती है कि;

तानिया - जैसा तुम सोच रहे हो, वैसा कुछ नही है ईशान! और तुम भी यह बचकानी हरकत बंद करो। ऐसा कोई रिश्ता नही बन सकता है हमारे बीच! हम दोस्त है, और दोस्त ही रहेंगे! अब चलो, हमे लेट हो रहा है। अभी तो तुम्हारी रेपुटेशन पर दाग लगने वाला था, फिर अब क्या हुआ? जल्दी चलो, साहिल और सिमरन तो अपने काम पर भी लग गए होंगे। एक ही सांस में तानिया यह सब बोलकर, ईशान को एक तरफ करती है, और खुद उठकर दरवाजे की तरफ बढ़ने लगती है। ईशान मन में सोचता है कि कितने नखरे है भगवान, इस लड़की के! और हंसते हुए तानिया के पीछे जाता है और धीरे से उसके कान में बोलता है कि;

ईशान - एक ना एक दिन आप भी अपने दिल की बात मेरे सामने एक्सेप्ट करेंगे, और मुझे उस दिन का इंतजार रहेगा! तब तक के लिए दोस्ती ही सही! ईशान के बोलने से उसकी सांसों की छुअन को तानिया महसूस करने लगती है, और अपनी आंखें बंद कर देती है। यह देखकर ईशान हंसता हुआ बाहर चला जाता है, और तानिया वही खड़ी हुई ईशान की बात को सोचने लगती है। तभी बाहर से उसे बाइक का हॉर्न सुनाई देता है, तो अपने ख्यालों से निकलकर तानिया भी बाहर आती है। बाहर आते ही वो देखती है कि ईशान अपनी बाइक के पास खड़ा हुआ है, और उसी के आने का इंतजार कर रहा है। 

ईशान - चलना नही है क्या मैडम आपको? ईशान मूड लाइट करने के लिए थोड़ा मजाकिया अंदाज में बोलता है। 

तानिया (नॉर्मल होते हुए) - हां चलो, पहले ही काफी लेट हो गया है। अगर टाइम से हम वहां पर नही पहुंचे, तो गड़बड़ भी हो सकती है। उसके बाद ईशान और तानिया बाइक पर बैठकर रवाना हो जाते है, पर वो दोनो में से कोई कुछ नही बोलता है। ईशान के मन में अब एक तरह की शांति थी कि उसने अपने दिल की बात आखिर तानिया को बता ही दी। इधर तानिया के दिमाग में काफी बातें चल रही थी, तभी उसका ध्यान ईशान के चेहरे पर जाता है, जो सामने देखकर बाइक चला रहा था। उसके बाल हवा से ऊपर लहरा रहे थे, और उसके चेहरे पर एक अलग ही आकर्षण था। तानिया बस मुस्कुराकर उसे देखे जा रही थी। पता नही पर उसकी आंखों को एक सुकून सा मिल रहा था, ईशान को देखते हुए! और उसके बैकग्राउंड में यह गाना चलने लगता है - 

सरफिरी सी बात है तेरी,

आयेगी ना यह समझ मेरी,

है यह फिर भी डर मुझको,

मैं कह दूं, हां तुझको! 

सरफिरी सी बात है तेरी,

आयेगी ना यह समझ मेरी!

तानिया को पता ही नही चलता है कि कब वो दोनो अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच भी जाते है, लेकिन बाइक के रुकते ही तानिया अपने खयालों से बाहर आती है, और पूछती है कि हम पहुंच भी गए? 

ईशान - हां बिल्कुल, चलो अब प्लान पर लग जाते है, उसके बाद ईशान और तानिया अपना काम पूरा करके वहां से जल्दी से निकल जाते है। इधर साहिल और सिमरन भी जिस काम के लिए गए थे, वो सही से पूरा हो जाता है। और वो सभी वापस से घर आ जाते है। 

क्रमश :