गोपाल जी अपनी सोच पर थोड़े से शर्मिंदा हो रहे होते है कि उन्होंने बिना बात के राजीव जी और सुहाना जी पर शक किया। पर उन्हे दिल से इस बात की खुशी होती है कि अब उनके दिल में सिमरन के लिए बहुत परवाह आने लगी है।
गोपाल जी - हम सभी को अब बिना समय गवाए जल्दी से हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए! मैं गाड़ी निकालता हुं, आप सभी जल्दी से आइए! उसके बाद वो चारो भी हॉस्पिटल के लिए रवाना हो जाते है।
इधर हॉस्पिटल में;
साहिल, ईशान, तानिया और किरण हॉस्पिटल की लॉबी में खड़े हुए थे, और अंदर सिमरन की जांच चल रही थी। तब तक गोपाल जी और बाकी सब भी आ जाते है। और आते ही सुहाना जी पूछती है कि;
सुहाना जी - कैसी है अब सिमरन, क्या कहां डॉक्टर ने? वो ठीक तो है न!
किरण - डॉक्टर अंदर उनका चेकअप कर रहे है। इधर गोपाल जी जाकर साहिल के कंधे पर हाथ रखकर उसे सांत्वना देते है कि सिमरन ठीक होगी!
तभी डॉक्टर बाहर आते है और खुश होकर पूछते है कि पेशेंट का हसबैंड कौन है?
साहिल थोड़ा आगे आकर - जी मैं!
डॉक्टर - मुबारक हो, आप पापा बनने वाले है। यह सुनते ही सभी के चेहरे पर खुशी आ जाती है।
साहिल - सिमरन कैसी है डॉक्टर, वो बेहोश क्यों हो गई थी?
डॉक्टर - घबराइए मत, उन्हे प्रेगनेंट होने की वजह से और ज्यादा तनाव लेने की वजह से कमजोरी हो गई थी और वो बेहोश हो गई थी। आप सभी को उनका अच्छे से ध्यान रखना होगा! अब वो बिल्कुल ठीक है। सभी यह सुनकर बहुत खुश हो जाते है, तभी तानिया, साहिल के पास आकर उसे धीरे से कंधे पर मारती है और बोलती है कि;
तानिया - तुम तो छुपे रुस्तम निकले! अब तो हम जल्दी ही बुआ बनने वाले है।
ईशान - बस करिए बुआ जी, पहले सिमरन दीदी से तो मिल लेते है। ईशान, तानिया को छेड़ते हुए बोलता है।
साहिल - डॉक्टर, क्या हम सभी उससे मिल सकते है?
डॉक्टर - हां बिल्कुल! डॉक्टर के बस यही कहने की देर थी, कि सभी के सभी अंदर चले जाते है। सिमरन वहां पर बेड पर बैठी हुई थी, और उसके चेहरे पर मुस्कुराहट थी। साहिल जाते ही सिमरन के गले लग जाता है और बोलता है कि;
साहिल - थैंक्यू सिमरन, मुझे इतनी बड़ी खुशी देने के लिए! और सॉरी कि मैं तुम्हे प्रोटेक्ट नही कर पाया और मेरी वजह से तुम्हे इतनी प्रॉब्लम हुई!
सिमरन - तुम ना पूरे पागल हो साहिल, इसमें तुम्हारी क्या गलती! बधाई हो वैसे तुम्हे , पापा बनने वाले हो तुम जल्दी ही!
तभी तानिया खांसती है, जिससे कि साहिल और सिमरन को ध्यान आए कि यहां पर सभी लोग है। उसकी आवाज सुनकर दोनो एक दूसरे से थोड़ा दूर होते है, और दूसरों से नजरें मिलाने से हिचकिचाते है। उनकी शक्ल देखकर सभी जोर से हंस पड़ते है। उसके बाद तानिया और ईशान, सिमरन और साहिल को बधाई देते है। फिर गोपाल जी भी दोनो को आशीर्वाद देते है। वेदना जी सिमरन और साहिल के पास आकर उनकी बलाएं लेती है, और आशीर्वाद देती है। सुहाना जी और राजीव जी हिचकिचाते हुए साथ में बोलते है कि; बधाई हो बेटा तुम्हे! अब ठीक हो ना तुम?
सिमरन - मम्मी पापा, यहां आइए ना मेरे पास! यह सुनते ही राजीव जी और सुहाना जी की आंखों से आंसू गिरने लगते है, और वो दोनो आकर सिमरन के गले लग जाते है।
राजीव जी - हमे माफ कर दो बेटा! भगवान जी ने हमे आशीर्वाद से तुम्हारी जैसी प्यारी बच्ची दी तो हमने तुम्हारी कद्र नही करी!
सुहाना जी - मेरी बच्ची, अपनी मम्मी को माफ कर दे! शायद मेरे जैसी बुरी मां इस पूरी दुनिया में कोई नही होगी!
सिमरन - नही मम्मी पापा, आप ऐसे मत बोलिए! आपने मुझे पाल पोसकर बड़ा किया है। मैने भी तो आपके साथ बहुत गलत किया ना, मुझे भी माफ कर दो!
पीछे खड़े हुए साहिल और तानिया यह सब देखकर बहुत खुश होते है। इधर ईशान, किरण के पास खड़ा होता है तो उसके कंधे पर हाथ रखता है और दोनो साइड हग करके सिमरन और उनके मम्मी पापा को देखे जा रहे होते है। तभी सिमरन, किरण की तरफ देखती है, और उसे अपने पास बुलाती है। किरण पहले थोड़ी घबरा जाती है, क्योंकि वो अब किसी की खुशी में बाधा नही बनना चाहती थी, और उसे अच्छे से याद था कि सिमरन ने बेहोश होने से पहले क्या कहा था। पर जैसे ही किरण , सिमरन के पास आती है, सिमरन उसका हाथ पकड़ती है और बोलती है कि;
सिमरन - अपनी बहन को बधाई नही दोगी क्या किरण! यह बोलते ही किरण की आंखों से आंसू गिरने लगते है और वो सिमरन के गले मिलकर रोने लगती है। उसके दिल में भी काफी दर्द था, जिसे शायद वो बाकी सभी के सामने खुद को मजबूत दिखाने के लिए नही दिखा रही थी। लेकिन सिमरन के गले लगते ही उसे अपनेपन का एहसास होता है और वो जी भरकर रो लेना चाहती थी।
किरण - मुझे माफ कर दो दीदी, मैं बहुत बुरी हुं। आपने मेरे लिए कितनी कुर्बानी दी और मैने आपके साथ कितना गलत किया। माफी मांगने में भी शर्म आ रही थी मुझे, इसलिए आपके पास आने से डर रही थी।
सिमरन - अरे पागल, अब बस कर! जितनी भी मुसीबत और गलतफहमी थी, वो अब जा चुकी है! अब हम अपनी लाइफ नए सिरे से शुरू करेंगे! फिर किरण, सिमरन की तरफ देखती है और पूछती है कि;
किरण - दीदी, पर आपकी गलतफहमी कैसे दूर हुई, वहां पर विपिन तो सच बता ही नही रहा था।
सिमरन - जब विपिन आखिर में बोल रहा था, तभी मुझे लग गया कि वो झूठ बोल रहा है। फिर मुझे याद आया कि उस दिन रात को जो लड़की विपिन के साथ थी, वो थोड़ा अलग बिहेव कर रही थी पर चिंता के मारे मैने यह बात नोटिस ही नही करी! फिर विपिन ने जिस तरह अभी बिहेव किया, उससे मुझे लग गया कि वो तुम्हे फंसाना चाहता था। जैसे ही मैं तुम्हे बुलाने वाली थी, पता नही क्या हुआ, और मैं बेहोश होकर गिर गई।
किरण - थैंक्यू दीदी, मुझे एक और मौका देने के लिए! आपके साथ रही, तो मैं भी अच्छा करना सीख जाऊं! और वो सिमरन के गले लग जाती है। उसके बाद सुहाना जी और राजीव जी अपनी दोनो बेटियों को गले लगा लेते है। तभी ईशान पीछे से बोलता हुआ आता है कि मुझे तो सब भूल ही गए। और वो आकर सभी के एक साथ गले लग जाता है। पीछे गोपाल जी और वेदना जी भी अपने बच्चों को यानि साहिल और तानिया को गले लगा लेते है और सिमरन के लिए सभी बहुत खुश होते है। फिर सभी मिलकर ढेर सारी बातें और मस्ती करते है, तब तक डॉक्टर आकर बोल देते है कि आप सिमरन को लेकर जा सकते है, और साहिल और बाकी लोगो को जरूरी इंस्ट्रक्शंस दे देते है।
क्रमश :