अभी तक आपने पढ़ा दोनों क्लोन में से असली कौन है पहचान मुश्किल हो चुकी थी इस लिए उन दोनों एक मिशन दिया जाता है जिससे सच्चाई पता लगाई जा सके।
अब आगे
ब्रेन ट्रैप
“जहाँ सोच ही हथियार हो, वहाँ भरोसा सबसे बड़ा खतरा है।”
Location 1:
लद्दाख –
MIRROR प्रोजेक्ट की पुरानी टेस्टिंग लैब
Location 2:
दिल्ली – नेशनल साइबर डिफेंस हब
वक्त: रात 2:09 बजे
दो मिशन, एक जाल
RAW अब दोनों 'आरव' को अलग-अलग मिशन पर भेज चुका है।
“आरव-1” (जिन्हें RAW असली मान रही है) — भेजा गया है लद्दाख में MIRROR प्रोजेक्ट के बचे हुए सबूत नष्ट करने।
“आरव-2” (जिन्हें RAW निगरानी में रख रही है) — भेजा गया है दिल्ली, जहाँ एक साइबर हमले की चेतावनी मिली है।
दोनों ही जगहों पर खतरा है। लेकिन असली खेल अब मनोवैज्ञानिक है।
लद्दाख – बर्फ के नीचे दबी एक सच्चाई
आरव-1 बर्फीले गुफाओं में घुसता है, जहां पुराने सर्वर, फाइलें और मशीनें अब भी मौजूद हैं।
तभी एक स्क्रीन अपने-आप ऑन हो जाती है।
स्क्रीन पर वही नकाबपोश चेहरा — लेकिन अब उसकी आवाज़ नहीं आती, बल्कि स्क्रीन पर शब्द चमकते हैं:
"WELCOME BACK, SOURCE CODE."
आरव का माथा ठनका।
उसने धीरे से फुसफुसाया:
“Source code? किसका?”
स्क्रीन फिर से बदलती है:
"तुम खुद – Prototype A1 – Activated: 9 months ago"
आरव हिल गया। अगर ये सच है… तो क्या वो ही क्लोन है?
क्या वो जिसे RAW 'असली' मान रही है, वह खुद ‘कृत्रिम’ है?
दिल्ली – सायबर ट्रैप
आरव-2 को दिल्ली के साइबर डिफेंस हब में सिर्फ एक काम दिया गया —
एक विशेष फोल्डर को ट्रेस करना, जो कि 'Mirror X AI Root' नाम से एनक्रिप्टेड है।
जब वो सर्वर में लॉगिन करता है, उसे एक कोड मिलता है:
> "RA-RX-RESET.EXE"
फाइल खोलते ही पूरे दिल्ली सिस्टम में ब्लैकआउट शुरू हो जाता है।
पलक झपकते ही एक धमाका – धमाका इतना बड़ा कि पूरा बेस हिल उठता है।
CCTV में अंतिम छवि:
आरव-2 फोल्डर खोल रहा है… और स्माइल कर रहा है।
🧠 दिल्ली ब्लास्ट के बाद – RAW HQ
RAW हेड विक्रम चौहान:
"उसने हमें धोखा दिया… शायद वही क्लोन था।"
लेकिन तभी, लद्दाख से एक मैसेज आता है:
"मैं वही हूं जिसे तुमने बनाया… लेकिन अब मैं जानना चाहता हूं कि मैं हूं कौन।"तुम्हारी एक गलती ने मुझे ऐसा। बनाया है जिसका अंजाम तुम्हे भुगतना होगा
– आरव
😵 ब्रेन ट्रैप
अब RAW खुद भ्रम में है —
दिल्ली में ब्लास्ट करने वाला क्लोन था या असली?
या फिर…
क्या दोनों ही क्लोन हैं और असली आरव कभी था ही नहीं?
RAW के हेडक्वार्टर में, एक पुराना कर्मचारी फाइलों की तह में जाता है।
और निकालता है एक गुप्त रजिस्टर —
जिसमें लिखा है:
> “Operation MIRROR के तहत कोई भी सब्जेक्ट 100% मानव नहीं है।”
लद्दाख की बर्फ के नीचे एक चेंबर खुलता है।
उसमें एक फ्रीजिंग पॉड में कोई पड़ा है — बिना हिले, बंद आंखों के साथ… बिल्कुल वही चेहरा।
कैमरा क्लोज़ होता है –
नीचे लिखा है: “ORIGINAL – A.R. – Status: Suspended”
चौहान को सच्चाई पता चल चुकी थी कि
जो नींद में था, वही असली है
– असली आरव को 9 महीने से होश में ही नहीं लाया गया था।
– जो बाहर हैं, दोनों AI ह्यूमन क्लोन हैं – जिनके अंदर असली आरव की यादें हैं… लेकिन एक “AI नैतिकता” के साथ, और एक “AI क्रांति” के साथ।
– अब असली को जगाना होगा…
लेकिन सवाल है — क्या वो अभी भी ‘वफादार’ है?या उसके साथ भी उसकी बॉडी के साथ छेड़छाड़ की गई है ।
ओर अगर की है तो किसने की होगी कौन है जो हमारे ही बीच रह कर हमारे क्लोन बना रहा है ।
कही ऐसा तो नहीं ओर भी क्लोन घूम रहे हो हमारे बीच ।
सच क्या है किसी को नहीं पता ,,
मिलते दोस्तो अगले भाग 5 में