दुसरा बदमास कहता है ---
>" अरे मेरी जान , इतनी खुबसूरती का क्या करोगी , थोड़ा रस हमे भी तो चखने दो । कसम से बस एक बार , एक बार मेरे साथ एक रात बितालो , पुरी रात सोने नही दूगां वादा करता हूँ ।
जानवी अपना कदम और तेज चलाने लगती है , तभी एक बदमास जानवी का हाथ पकड़ लेता है , जानवी अपना हाथ छुड़ाकर वहां से भागने लगती है , जानवी भागते हूई गिर जाती है जिससे उसका पैर मुड़ जाता है और घुटने मे चौट लग जाती है , जानवी जैसे तैसे उठकर लड़खड़ाती हूई भागती है , तो वो सभी बदमास भी जानवी के पिछे भागने लगता है , भागते भागते जानवी आदित्य की बाईक से टकरा जाती है । बाईक लाईट जल रही थी जिस वजह से जानवी और बाकियों को आदित्य का चेहरा नही दिखता है ।
जानवी रोती हूई आदित्य के पास जाती है और कहती है ---
>" प्लिज हेल्प मी , ये लोग मुझे ....
इतना बोलकर जानवी आदित्य का चेहरा दैखती है , आदित्य को दैखकर जानवी धिरे से कहती है --
>" आदित्य "
आदित्य जानवी का पैर दैखता है जिसमे से खुन निकल रहा था । आदित्य जानवी का हाथ पकड़ता है और उसे अपने पिछे कर लेता है , तभी एक बदमास कहता है ---
>" अबे ओ , ज्यादा हिरो बनने की कोशिश मत कर । चुप चाप लड़की को छोड़ और निकल यहां से ।
तभी आदित्य बाईक के सामने आके खड़ा हो जाता है । आदित्य का चेहरा दैखते ही वो लोग डर से कांपने लगते है । और सभी आदित्य का पैर पकड़ लेता है और कहता है --
>" भाई आप , भाई गलती हो गई भाई । मुझे पता नही था के आप हो , माफ करदो भाई, प्लिज भाई । आ...आप चितां मत करो भाई , हम मैडम को खुद छोड़कर आएगें, इन्हें जहां जाना होगा , वहां सही सलामत छोड़कर आएगें ।
आदित्य कहता है ---
>" तुम जानते हो ये कौन है । मेरी बीवी है ये ।
जानवी ये सब दैख कर हैरान थी के आखिर ये लोग आदित्य से इतना डर क्यो रहे है । लोग जैसे ही सुना के यो आदित्य की पत्नी है तो सभी बहोत डर जाता है और तभी एक कहता है ---
>" भाई, मां कसम हमे पता नही था के ये आपकी पत्नी है , वरना जरा आप ही सोचिए के हमारी इतनी ओकात कहां के हम आपके पत्नी के साथ बदतमीजी करे ।
दूसरा कहता है ---
>" मां कसम भाई, ये सच बोल रहा है , हमे पता नही था । आज से हम कभी किसी लड़की को परेशान नही करेगें , बल्की सभी लड़कियो की हिफाजत करेगे ।
आदित्य कहता है ---
>" अगर मैं समय पर नही पहूँचता तो तुम लोग आज पता नही क्या कर देते , उपर से जानवी को इतनी चोंट आई तो फिर कैसे मैं तुम लोगो को माफ कर दूँ । जी तो करता है के तुम सब को यही गाड़ दू ।
तभी वो बदमाश कहता है ---
>" भाई गलती तो हूई है , ( जानवी के पास जाकर कहता है )
मेडम माफ कर दिजीए , प्लीज मेडम , हम वादा करते है आगे से हम कभी ऐसा किसी के साथ नही करेगें , मेडम आप अगर बोल सर को बोल दोगे तो वो हमे माफ कर देगें , प्लीज मेडम हमे बता लिजिए । आप जो सजा दो हमे मंजूर है । कहो तो हम खुद पुलिस थाना जाके सरेंडर कर देते है ।
जानवी कहती है ---
>" ठिक है ठिक है , जाओ वो तुम्हें कुछ नही करेगें ।
आदित्य कहता है --
.>" ठिक है जाओ । और आगे से ध्यान रखना , किसी भी लड़की के साथ गलत किया तो ...
बदमास कहता है ---
>" मां कसम भाई, आजके बाद कभी नही । सभी का हिफाजत करुगां ।
इतना बोलकर वो लोग वहां तला जाता है , आदित्य जानवी को बाईक पर बिठाया है और वहां से घर लेकर आ जाता है ।
जानवी अब भी डर से सहमी हूई थी , जानवी एक जगह जाकर सोफे पर बैठ जाती है । आदित्य जानवी को दैखकर समझ जाता है
के वो डरी हूई है । आदित्य एक ग्लास पानी लेकर जानवी को देता है , जानवी पानी पीने लगती है , आदित्य कहता है ----
>" तुम टेंशन मत लो जानवी , मैं हूँ ना , तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कॉफी और फस्ट ऐड लेकर आता हूँ ।
आदित्य जानवी के लिए कॉफी लाने चला जाता है , जानवी बैठकर विकास के बारे मे सोच के गुस्सा हो रही थी , तभी आदित्य जानवी के लिए कॉफी लेकर आता है ।
जानवी कॉफी पीने लगती है और आदित्य को देखने लगती है , वो सोचती है के कैसे आदित्य हर बुरे वक्त मे उसका मदद किया है और विकास उसका साथ छोड़ा है । आदित्य जानवी के पैर मे लगे मोच पर दवाई लगा रहा था ।
आदित्य दैखता है के जानवी के घुटने पर भी चोट था पर आदित्य जानवी के घुटने को छुने से धबरा रहा था । आदित्य अपना मुह दुसरी तरफ करता है और कपड़ा घुटने को उपर करता है और बिना दैखे दवाई लगाने लगता है ।
जानवी आदित्य की और एक टक नजर से दैख रही थी , आदित्य दवाई लगा देता है और उठकर आदित्य चुप चाप डिनर के लिए टेबल तैयार कर रहा था । जानवी आदित्य को दैखकर हैरान थी । क्योंकी आदित्य जानवी से एक शब्द तक नही बोला । आदित्य जानवी से कहता है ---
>" आओ खाना तैयार है , आके खा लो ।
जानवी चुप चाप खाना खाने लगती है तो तभी अशोक का फोन आता है तो आदित्य कहता है ---
>" हां पापा ।
अशोक की आवाज आती है ---
>" बेटा जानवी मिली क्या ।
आदित्य कहता है ---
>" हां पापा , वो घर आ गई है ।
अशोक की आवाज आता है ---
>" वो कहां था बेटा , जानवी ठीक तो है ना ?
आदित्य कहता है ---
>" हां पापा सब ठिक है , वो अभी डिनर कर रही है , वो बहोत दिन से बाहर नही गयी थी ना तो आज दोस्तो के साथ बाहर गई थी और फोन की बैटरी खतम हो गई थी । हमलोग बेकार मे टेंशन ले रहे थे । आप बात किजियेगा ।
अशोक की आवाज आती है ---
>" नही ठिक है बेटा , रखता हूँ ।
अशोक फोन कट कप देता है और कहता है---
>" ये आदित्य झूट क्यों बोल रहा है , मैं जानवी को बचपन से जानता हूँ , उसने आज तक कभी किसी से दोस्ती की ही नही और ना कभी दोस्तो के साथ बाहर गयी , सुबह जानवी से जाकर पूछता हूँ ।
दुसरे दिन सुबह अशोक आदित्य के घर पहूँच जाता है , आदित्य जानवी के पैर के घांव पर दवाई लगा रहा था , अशोक जानवी के लिए आदित्य का केयर दैख कर खुश हो रहा था , तभी आदित्य अशोक को दैखकर उठता है और कहता है --
>" अरे पापा , आप यहां , आईए ना आप वहां क्यों खडे़ हो ।
अशोक कहता है ---
>" वो जानवी के लिए तुम्हारा केयर दैख कर , तुम दोनो को डिस्टर्ब करने का मन नही किया ।
जानवी अपने पापा को देखकर हैरान थी , आदित्य कहता है ---
>" पापा आप बैठो मैं आपके लिए चाय लाता हूँ ।
आदित्य वहां से चला जाता है तब अशोक जानवी से कहता है ---
>" ये सब क्या है बेटा ?
जानवी कहती है --
>" क्या पापा !
अशोक कहता है -----
>" ये पैरो मे चोट और कल तुम कहां गयी थी , दामाद जी से पूछा तो उन्होने कहा के तुम अपने दोस्तो के साथ बाहर गयी हो । पर मैं जानता हूँ के तुम्हारे ऐसे कोई दोस्त है ही नही और ना ही तुम बाहर जाना पंसद करती हो , सिवाई विकास के ।
To be continue......276