The Complete Story of Incomplete Love - 11 in Hindi Love Stories by Nirali Ahir books and stories PDF | अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 11

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अधूरे इश्क की पूरी दास्तान - 11

रेस्टोरेंट में खाना खाया और फिर कुछ देर बाते की। तन्मय ने घड़ी में देखा और बोला दीदी आकाश हमे अब चलना चाहिए बातों ही बातों में 9:30 बज गए हैं ओर मम्मी पापा भी आ जाएंगे।

     प्रीतम ने कहा, तन्मय कुछ देर रुक जाओ ना अभी तो हमने खाना खाया और थोड़ी ही देर बैठे हैं। पर तन्मय ने कहा प्रीतम हम टाइम से घर नहीं पहुंचे और मम्मी पापा आ गए तो परेशान हो जाएंगे।
    
    विष्णु ने कहा हा भाई जाओ जाओ अब तो तुम भाव भी खाओगे। हमारे प्रीतम के होने वाले साले साहब जो ठहरे! ये सुन सब हंस पड़े और नीलिमा शर्मा गई।

    कुछ देर बाते करने के बाद सब रेस्टोरेंट के बाहर निकल गए और घर की ओर निकल गए दोनों की कारे साथ में ही थी पर बीच में रास्ते अलग हो जाने पर अपने अपने रास्ते पर मूड गए।

    अभी रास्ते अलग ही हुए थे,कुछ दूर चलके प्रीतम की कार के आगे एक ओर कार आ गई विष्णु ड्राइव कर रहा था उसके हॉर्न बजाने पर भी वो कार वाला उसे साइड नहीं दे रहा था ओर अपनी कार ऐसे चला रहा था मानो नींद में चला रहा हो,पूरे रास्ते में लहराते हुए चलती कार को देख प्रीतम ने विष्णु नो कार स्लो करने को बोला।

   तभी विष्णु ने बोला अरे कोई पी के चला रहा है होश में नहीं लगता तभी प्रीतम ने बोला इसीलिए तो तुझे बोल रहा हु उससे थोड़ी दूरी रख।

    बाते कर ही रहे थे कि आगे वाली कार में जोर से ब्रेक लगी ये देख विष्णु हड़बड़ा गया ओर उसी हड़बड़ाट में उसने उसकी कार को भी ब्रेक लगाकर कंट्रोल करने को कोशिश की।

    दोनों ने डर के मारे अपनी आंखे बंद कर ली और आंखे खोली तो उसकी कार सड़क के किनारे पर एक खंभे से चंद इंस की दूरी पर खड़ी थी और सड़क पर वो दूसरी गाड़ी कही नजर नहीं आ रही थी मानो जैसे कोई गाड़ी थी ही नहीं।

    दोनों कुछ समाज नहीं पा रहे थे कि ये सब क्या हुआ अभी भी दोनों इधर उधर देख रहे थे,तभी विष्णु बोला बच गए भाई नई तो आज गए ही थे पता नहीं वो पागल आदमी कौन था ओर कहा गायब हो गया। 

   प्रीतम ने कहा चल छोड़ ये सब जल्दी से कार घुमा ओर घर की ओर ले ले बहुत लेट हो चुके है।तभी विष्णु के फोन पे रिंगटोन बजी प्रीतम ने देखा पापा नाम फ्लैश हो रहा था उसने जल्दी से कॉल उठा ली।

    वो हेलो बोलता उससे पहले उस तरफ से आवाज आई कहा हो बेटा तुम प्रीतम को कॉल लग नहीं रही तुम उठाने में इतनी देर कर रहे हो,प्रीतम ने अपने मोबाइल की ओर देखा और उसने हाथ में उठाया तो पता चला कि वो बंध हो चुका था।

    प्रीतम ने कहा पापा हम लोग बस आही रहे हैं रस्ते में ही है। ठीक हैं बेटा जल्दी आ जाओ पर विष्णु से कहना कार धीरे ओर संभलकर चलाए।

    कॉल स्पीकर पर थी तो विष्णु ने भी ये सुना ओर बोला  हा पापा में संभलकर ही चलाऊंगा।उसके पापा ने ठीक है कह के कॉल काट दी।

    आज पापा कुछ टेंशन में थे ऐसा नहीं लगा तुम्हे? विष्णु ने गाड़ी चलाते हुए प्रीतम से ये सवाल किया। प्रीतम ने उसकी ओर देखते हुए कहा हा आज से पहले पापा कभी इतने परेशान नहीं होते हैं ओर उसकी आवाज में बेचैनी साफ साफ झलक रही थी।

    शायद बिजनेस की कोई टेंशन होगी आज की मीटिंग अच्छी नहीं रही होगी। विष्णु ने कहा 
  
    हम्म... प्रीतम ने हामी भरी

    प्रीतम ने सड़क के किनारे आगे एक आइसक्रीम शॉप देखी और बोला विष्णु कार रोक!विष्णु ने कार साइड में रोक दी और बोला क्या हुआ?

   प्रीतम ने कहा याद है हम छोटे थे तब पापा हमे इसी आइसक्रीम की शॉप पे लाया करते थे।विष्णु ने कहा हा ओर हम यह से स्टोबेरी आइसक्रीम ही खाते थे ।

   प्रीतम ने कहा क्यू ना आज वहीं आइसक्रीम पापा के लिए ले जाए वैसे भी वो टेंशन में है तो उसका मूड भी ठीक हो जाएगा? विष्णु ने कहा गुड आइडिया!

    दोनों ने आइसक्रीम ली और घर के लिए निकल गए। कुछ देर बाद घर पहुंच कर देखा तो उसके पापा हॉल में ही चक्कर काट रहे थे।

    दोनों ने अंदर आते हुए बोला क्या हुआ पापा आप टेंशन में क्यों है? प्रीतम ने कहा हा पापा फोन पे भी आपकी बात से साफ पता चल रहा था कि आप टेंशन में है।

    मनीष ने कहा कुछ नहीं वो में जल्दी आ गया था तुम्हे घर पर ना देखा तो थोड़ा चिंतित हो गया था ऊपर से तुम्हरा कॉल नहीं लग रहा था ओर विष्णु कॉल उठने में देरी कर रहा था।

    तभी विष्णु ने कहा लेकिन पापा मैने आपको बताया तो था कि हम नीलिमा,आकाश ओर उसके भाई के साथ डिनर पे जा रहे है!
  
    ये सुन प्रीतम ने विष्णु की ओर देखा और उसके पास आते हुए कान में धीरे से बोला ये भी तू ने पापा को बता दिया,कमरे में चल में तुझे बताता हु।

    ये सुन विष्णु नौटंकी करते हुए बोला देखा पापा आपका ये लाडला मुझे धमकी दे रहा है मुझे मारने की बात कर रहा है।ऐसा कह कर वो मनीष के पास चला गया ओर बोला आपको पता है पापा हम आपके लिए कुछ लाए है।

    मनीष ने कहा अच्छा क्या लाए हो बताओ? तभी प्रीतम ने आइसक्रीम दिखाते हुए बोला देखिए पापा स्टोबेरी आइसक्रीम! याद है जब हम छोटे थे तब आप हमे यही आइसक्रीम खिलाते थे?

    मनीष ने खुश होते हुए आइसक्रीम ली और सोफे पर बैठ कर खाने लगे साथ में विष्णु और प्रीतम भी बैठ गए।मनीष ने आइसक्रीम खाते ही बोला आज भी वही टेस्ट है। तुम दोनों बड़े हो गए पर ये आइसक्रीम का टेस्ट वही है ,ये कह मनीष हंस ने लगा साथ में विष्णु ओर प्रीतम भी हंस ने लगे ।

    तभी प्रीतम ने विष्णु की ओर देखते हुए बोला याद है पापा जब विष्णु को बुखार आया था और उसे आइसक्रीम खाने को मना किया गया था तब उसने क्या किया था?

   मनीष ने ठहाका लगाते हुए कहा हा वो कैसे भूल सकते है उस दिन तो मुझे पसीना आ गया था कि कैसे मनाऊं इस लड़के को छत पे जा बैठा था।

   ये सुन सब हंस पड़े और इसी तरह बचपन की बाते करने लगे पर मनीष के मन में अभी कही ना कही एक डर था जो वो उन दोनों के सामने जताना नहीं चाहता था।

    ओर इस तरफ जैसे ही नीलिमा,आकाश ओर तन्मय घर पहुंचे तो उसने देखा कि उसके मम्मी पापा आ चुके थे और साथ में उसके चाचा - चाची भी थे।

    वो तीनों खुश होकर अन्दर जाकर उनसे मिले उससे पहले ही उसकी चाची ने ताना कसते हुए बोला,देखलो भाभी आ गई आपकी लाडली रंगरेलिया मना के ओर देखो तो साथ में कौन कौन है?

    उन तीनों के पेर वही जम गए। नीलिमा ने उसके मम्मी पापा की ओर देखा तो वो कुछ नहीं बोले।उसके पापा के हाथ में कुछ फोटोग्राफ्स थे जिसे वो कस के पकड़े हुए थे।

    उसके चाचा ने बोला अब अंदर भी आओ महारानी भैया भाभी को सब पता है कि तुम किसके साथ घूम कर मुंह काला कर रही हो।

    अब आकाश से नहीं रहा गया उसने कहा बस कीजिए छोटे मामा आप बेवजह नीलिमा के ऊपर इल्ज़ाम लगा रहे हैं उसने कोई गलत काम नहीं किया। उसकी छोटी मामी ने उसे घूरा ओर बोली तुम क्यों नीलिमा की इतनी साइड ले रहे हो तुम्हारी मां ने तो तुम्हारे लिए नीलिमा को पसंद किया था ना?

      आकाश ने तिलमिलाते हुए कहा वो हमारे घर का मामला उसमें आप ना ही पड़े तो अच्छा होगा।

    नीलिमा ने आकाश की ओर देखते हुए कहा ये चाची क्या बोल रही है आकाश ?आकाश ने कहा ये बचपन की बात है नीलिमा अभी इसका कोई मतलब नहीं रहा ओर छोटी मामी को तो आदत है बे मतलब बकवास करने की।

   तीनों अंदर गए और जैसे ही उसके पापा के पास पहुंचे तो उसके पापा ने नीलिमा को जोर से थप्पड़ मारा ये देख उन तीनों के पैरों तले जमीन खिसक गई।