The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
मैं स्वतंत्र हूँ,गरिमा हूँ, मैं चट्टान सा विश्वास हूँ, बंदिशों का हथियार हूँ, मैं आईने सी सच्चाई हूँ।
जब हम दुनिया से झूठ कहते हैं तो अपने भीतर रहे सच को दबाने की पूरी कोशिश करते हैं। झूठ चाहे कितना ही बन ठन कर आए सच चुपचाप बता ही देता है अपनी सच्चाई। -Aaysha Ansari
जिंदगी तो ठहरे हुए समंदर के किनारे सी होती है, बस हम ही उसमे लहरों सा बनते चले जाते हैं। -Aaysha Ansari
हर मुश्किल से लड़ने की जरूरत नहीं! क्योंकि इसे भी भूख- प्यास होती है आखिर प्यार की। -Aaysha Ansari
'डर' हमारे अंदर कई 'अगर' पालता है। -Aaysha Ansari
कोई लाया है साथ न दिन न रातें न दाना न पानी न ही कोई वाणी यहां सबको अपने ही हिस्से की सांसें मिली बराबर हैं ।
किसी अजनबी पर भरोसा नहीं करना चाहिए, ये बदगुमानी निकाल कर अब ये सिखाया जाना चाहिए कि अजनबी आप पर भरोसा कैसे करें। -Aaysha Ansari
समंदर खुद नहीं कहता कि मैं कितना गहरा हूं? मैं सिर्फ उतना ही गहरा हूँ जितना तुम्हारे आँखों में है पानी समंदर खुद नहीं कहता कि मैं कितना गहरा हूं?? दर किनार खड़े होकर नाप लो मुझको गर नाप सको तुम।
जरूरत जरूरी हो जितना उतना ही करो, गैरजरूरी को जरूरी ना करो। जरूरत में जरूरत को नापा था मैंने, बड़ी ही दगाबाज होती है जरूरत, जो जरूरत में जड़ हो गई जरूरत। आज गैरजरूरी कब जरूरी बन जाता है, जरूरत में अब उसको भी ताका जाता हैं। जरूरत का जरूरत रहना ही जरूरी है जरूरत जब सरूर बन जाए, तब तो सरूर भी जरूरी बन जाता है।
"मंजिल तक पहुंचने के सफर में आपका चरित्र बना रहे यही सबसे बड़ी सफलता है ।" -Aaysha Ansari
"बेख़बर आँखे अभी मेरे मायूस चेहरे को भी मुस्कुराता हुआ देखा करती हैं। बा-ख़बर बनने के बाद वहीं मेरे मुस्कुराते चेहरे पर भी अब मेरी मायूसी देखा करती हैं।"
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
Copyright © 2023, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser