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BHOLA NATH SINGH

BHOLA NATH SINGH

@bholanathsingh.921087
(10)

लघुकथा

गधा


एक गधा एक खूँटे के चारों ओर गोल-गोल घूम रहा था। एक बैल ने कहा-"यह क्या कर रहे हो?"
गधे ने ज़वाब दिया-"दीखता नहीं !मैं चर रहा हूँ।"
"ठीक है पर खूँटे के चारों ओर क्यों घूम रहे हो? स्वतंत्र होकर चरो। तेरी गर्दन पर रस्सी भी तो नहीं है।"
"रस्सी नहीं है तो क्या हुआ? आखिर पहले तो बँधी रहती थी न! अब मुझे इसकी आदत पड़ गई है।"

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लघुकथा
माँ

‘‘माँ! आज अस्पताल में एक नेत्र चिकित्सक के रूप में आज मेरा पहला दिन और पहला ऑपरेशन भी है,’’ कहते हुए मनोरमा माँ निर्मला देवी के चरण स्पर्श करने लगी।
‘‘ईश्वर मेरी मनो को सफलता और शक्ति दे!’’ निर्मला ने उसके लिए कामना की। अगले ही क्षण बोली-‘‘डॉक्टर साहिबा ,क्या मैं आपकी पहली मरीज़़ को देखने अस्पताल आ सकती हूँ ?’’
‘‘हाँ ,हाँ , क्यों नहीं! लेकिन दो बजे के बाद।’’
‘‘ठीक है, दो बजे के बाद ही आऊँगी।’’
मनोरमा ने बड़े मनोयोग से शल्यकर्म का सफलतापूर्वक संपादन किया। बारह बजे मरीज़ को विस्तर पर पहुँचा दिया। जरूरी निर्देश देकर मनो अपने केबिन में चली गई। ठीक दो बजे निर्मला अस्पताल पहुँची और मनो को बधाई दी। दोनों मरीज़ से मिलने गईं।
मरीज़ को देखते ही निर्मला ने उनके पाँव छू लिए। मनो कुछ समझती इससे पहले मरीज़ सरला देवी पूछ बैठी-‘‘कौन ?’’
‘‘माँ जी ! मैं निर्मला। और जिसने आपकी आँखों का ऑपरेशन किया है वह आपकी पोती डॉक्टर मनोरमा है। आपने जिसे मेरी कोख में मारना चाहा था और मेरे इनकार करने पर मुझे आपका घर छोड़ना पड़ा था ।’’
‘‘मुझ अभागिन को और लज़्ज़ित न करो बहू! अपने कर्मों का फल भुगत रही हूँ। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।’’
(Copyright सुरक्षित)
भोला नाथ सिंह
बोकारो

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#काव्योत्सव
विषय - हास्य

कविता

एक बार मंत्री बना दो

दो नेता हुए एकत्र
मनाने एक छुट्टी का दिन
दोनों पर लगे हुए थे
घोटालों के आरोप संगीन
पैग बनाते एक ने पूछा
छोटा लोगे या पटियाला
दूसरे ने कहा -
क्या पटियाला क्या राजस्थान
मैं तो लूँगा सारा हिंदुस्तान
यह इच्छा पुरानी पूरी कर दो
बस एक बार मुझे मंत्री बना दो।
प्रगति मैं इतनी कर लूँगा
बना में भी सड़क बना दूँगा
बजट घाटे की तरह
बढ़ रहा है मेरा पेट
अफ़सर भी तो बढ़ा रहे
रोज़ अपना रेट
देश का मैं कल्याण कर दूँगा
रंगे सियारों को वश में कर
पूरा देश ही लूट लूँगा।
हर महापुरुष की जयंती और
पुण्य तिथि पर होगी छुट्टी
जन्म से ही बच्चे पीयेंगे
कामचोरी की घुट्टी।
हाज़मा मेरा दुरुस्त है
फिर भी मिल-बाँट खाऊँगा
चारा, तेल, पानी क्या
तोप, मशीन, ज़मीन भी
गटक जाऊँगा।
सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होगी
लूट की सबको छूट होगी
चोर पुलिस सब बराबर होंगे
हर लूट में हिस्सेदार होंगे
जो चाहो वो विभाग ले लो
बस एक बार मुझे मंत्री बना दो।
काग़ज़ पर इमारत बनाओ
आसमान में पानी बहाओ
हवाई जहाज़ पाताल में चलेंगे
साईकिल पर भैंस ढुलेंगे
बेरोज़गारी कहीं न होगी
पैदा होते ही सब काम पर लगेंगे
विद्यालयों में ज़ेब कतरने की शिक्षा मिलेगी
सारी जनता को अब भिक्षा मिलेगी
बस एक बार मुझे मंत्री बना दो।
सारे वोट मेरे बैंक में होंगे
मैं तो और ड्राफ़्ट में उन्हें बाँटूँगा
सारे नोट स्वीस बैंक में साटूँगा
न नौकरी , न आरक्षण होगा
बस भक्षण ही भक्षण होगा
चोर बनेंगे पहरेदार बैंकों के
खुदरा में नहीं थोक में लूटेंगे
मर्दों की अस्मत लूटने
युवतियों के दल जुटेंगे।
धरती का सुख और भोग दिला दूँगा
इसे स्वर्ग और सबको स्वर्गवासी बना दूँगा
बस एक बार मंत्री बना दो।

भोला नाथ सिंह

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काव्योत्सव
विषय - हास्य
कविता
आओ खेलें खेल

आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
जनता सारी चूहा बनेगी
हम नेता सारे बिल्ली
भीतर-भीतर घात चलेगा बाहर-बाहर मेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
आचारों का अचार बनेगा
नीति की चटनी
दिन दूनी बढ़ेगी अपराधों की बेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
धन भरा है खज़ाने में
जमकर लूट मचाएँगे
छुक-छुक चलती रहेगी लूट की हमारी रेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
हाथ में जाम का प्याला
बगल में सुंदर रमनी
बेहयाई की सीमा को देंगे दूर धकेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
कब कहाँ सेंध लगेगा
कौन कहाँ मरेगा
पता लगाने में होंगे सारे तंत्र फेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल
पहरेदार हैं अपने गुलाम
हर अमला खुशामद करेगा
विरोधियों की नाक में डालेंगे नकेल
आओ खेलें खेल भाई आओ खेलें खेल।

भोला नाथ सिंह

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#Love you mummy
पूजनीया माताश्री!
सादर प्रणाम!
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको स्वस्थ एवं सानंद रखें।
आपकी असीम कृपास्वरूप मॉं धरा पर अवतीर्ण हुआ।आपके सहे वेदना का न तो मूल्य चुका सकता हूँ न उसे अनुभूत कर सकता हूँ।मेरा रोम-रोम आपका ऋणी है।मैं क्षुद्र आपकी ममता का मोल नहीं चुका सकता। मेरे लिए तो आप ममता एवं स्नेह का अथाह सागर हैं। न जाने मेरे कितने नख़रों को आपने हँसते हुए सहकर मुझे वात्सल्य की छाँव में सुरक्षित रख एक विशाल वृक्ष बनने का सौभाग्य प्रदान किया। यह जीवन आपको ही समर्पित है।
आपका पुत्र
भोला नाथ सिंह

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#Love you mummy
पूजनीया माताश्री!
सादर प्रणाम!
ईश्वर से प्रार्थना है कि आपको स्वस्थ एवं सानंद रखें।
आपकी असीम कृपास्वरूप मॉं धरा पर अवतीर्ण हुआ।आपके सहे वेदना का न तो मूल्य चुका सकता हूँ न उसे अनुभूत कर सकता हूँ।मेरा रोम-रोम आपका ऋणी है।मैं क्षुद्र आपकी ममता का मोल नहीं चुका सकता। मेरे लिए तो आप ममता एवं स्नेह का अथाह सागर हैं। न जाने मेरे कितने नख़रों को आपने हँसते हुए सहकर मुझे वात्सल्य की छाँव में सुरक्षित रख एक विशाल वृक्ष बनने का सौभाग्य प्रदान किया। यह जीवन आपको ही समर्पित है।
आपका पुत्र
भोला नाथ सिंह

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