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Sakshi

Sakshi

@sakshimishra7067
(150)

वैसे तो आप खड़ूस ठहरे
पर दिल से लगते साफ बड़े
बोली थोड़ी कड़वी है.
पर एहसासों में मिठास भरे
थोड़े से तो आप हो बुरे
पर अच्छाइयां ज़्यादा है
मिट्टी पाओ अभी सब रिश्तों पर
क्योंकि खुद के लिए आप हमेशा खुद ही लड़े
रिश्ता नया हो या पुराना
आपको आता है निभाना
भगवान हरेक रिश्ता बनाए रखे
और जिंदगी हो ग़ुलशन भरे
हर रिश्तों को संजोने की कोशिश
और सबके खुशियों का ध्यान
ताउम्र ये कला आपमें बनीं रहे
बस इतनी गुज़ारिश उस रब से
की आपकी दुनियां खुशहाल रखे
आपकी छवि संभाल रखे
ना आए कभी कोई काटें रहो में
भगवान आपको हरेक कामों में ऊंचा रखे
बस.......
थोड़ा इज़हार किया करें
थोड़ा प्यार किया करें
रूठने पर मनाया करें
दिल की बात जताया करें और हां
घरवालों से थोड़ा कम शरमाया करें
मैं ये नहीं बोलती कि मेरी साइड लिया करें
पर गलत के खिलाफ और सही का साथ लिया करें
थोड़ी थोड़ी कोशिश करके
इन सभी थोड़े को पूरा किया करें।

sakshi ✍️

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अगर पति पत्नी में भी जजमेंट की स्तिथि होती है तो उस रिश्ते में या तो बहुत प्रयास लगाना बाकी है या फिर वह रिश्ता टूटे हुए किसी गाड़ी की टायर की तरह हो जाता है जो अपने गंतव्य तक तो पहुंचता है कई रुकावटो के बाद या गंतव्य तक भी पहुंचने में असमर्थ रहता है।


sakshi ✍️

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वैसे तो सब अच्छा लगता है
पर बात अपने पर आ गई
तो बुरी लग जाती है।

सबका जीवन कठिन होता है
सब दुख दर्द से गुजर रहे होते हैं
पर बात अपने पर आ गई
तो बुरी लग जाती है
और शायद रोना भी आ जाता है

दरअसल स्वार्थी तो हम सब है
और निस्वार्थ रहने का सीख भी लेते हैं
पर बात अपने पर आ गई
तो बुरी लग जाती है


साक्षी ✍️

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हम जहां है, वहां हमे नही होना चाहिए था।
ऐसा हमे लगता है, पर... अंत में
हम जहां भी होते है वहीं सही लगता है।

-Sakshi

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अक्सर किसी से दूर जाने पर उसे अपनी गलतियों का अहसास होता है।

-Sakshi

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वो काम करने वाली बुढ़िया
जो खुद मांग के खाती है
विदाई में उस लड़की को
कुछ पैसे देके अपना धर्म निभाती है
दाल चावल से अपना प्रेम सौंप कर
आशीर्वाद देकर हलका सा मुस्काती है
तन पे फटी हुई साड़ी है
अपना प्यार वो बुढ़िया सौंप जाती है

✍️ sakshi

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