शरीफों के मोहल्ले अब सुने सुने लगते है।
रास्तें के दिये अब मध्यम मध्यम जलते है।
जहाँ घर की बत्ती जल्दी बंद होती थी।
वहाँ मारपीट, झग़डे के वाकीयें आम लगती है।
कोई शराबी नशें मे होश खोकर दुनिया को कोस रहा है।
यहाँ ज्ञान में अतिरिक्त पुजारी 'टेक्नोसेव्ही' लगते है।