#Naughty /नटखट

नंद के लाल, मुरारि-गोपाल,
संग लियो सब ग्वाल के बाल,
माखन खाय को हाय रे हाय,
चले अब जाने कौन सी चाल।

मातु अटारि धरी गगरी,
तब कौन उपाय करै अबरी।
कांधहि कांधि चढ़ाय सखा,
कान्हा मटकी पर हाथ धरी।

मटकी पलटी, सब बाल गिरे,
अरु माखन भूमि परै बिखरे,
आई जसोदा सुनी खटपट,
तब भाग लिए झटपट नटखट।।

Hindi Poem by Yasho Vardhan Ojha : 111451856
Priyan Sri 4 years ago

वाह - वाह, क्या बात है 👌 👌 👌

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now