#विरासत
यह आजादी जो हमने विरासत में पाई है
कितनी ही सुहागिनों की उजड़ी है मांगे
कितनी ही मांओं ने अपने सपूतों की बलि
मां भारती के चरणों में चढ़ाई है
तब जाकर कटी परतंत्रता की बेड़ियां
और स्वतंत्रता की स्वच्छंद ब्यार संग
भारत की आन बान शान फिर से हमने पाई है।।
सरोज ✍️

 

Hindi Poem by Saroj Prajapati : 111542322

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