#भारत माता के लाल
हृदय पुकारता है उस लाल को,
सौम्य मूरत है, संकल्प विशाल है,
कोटि जनता की वह प्रेरणा है,
उनके जैसा, उनका अपना है।
कृषक भूखे,हत हो रहे जवान,
असुरों के हाथों में कृपाण,
ललनाओं पर संकट पड़ा,
नहीं आता कोई कृष्ण यहां,
कहां खो गए, तुम लाल आज,
धरती को तुमसे काज आज,
सुनो जनता की तुम आर्तनाद,
लौट आओ लाल बहादुर आज।