आज की बर्बादी देख कर रोना आया
मुस्कुरा दी आंखें की जब तेरा खोना याद आया

आंखें रात रात भर जाग उठती हैं
जब तेरे यादों के बिन सोना याद आया

तुम क्या जानो, पैरों तले से जमीन कैसे खिसक जाती
मैं आज भी गिर उठाती हूँ
जब तेरा, तेरी बातों से पलट जाना याद आया

मैं खुद से अलग-थलग सी हो जाती हूँ
जब मुझमें तेरा होना याद आया

मत पूछे कोई बेबसी का सबब
मुस्कुरा देती हूँ, जब-जब आँखों में रोना आया...।।
Trisha R S.. ✍️

-Trisha R S

Hindi Poem by Trisha R S : 111590971

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