*समुद्र में वर्षा व्यर्थ है। तृप्त को भोजन कराना व्यर्थ है। धनी को दान देना व्यर्थ है और दिन में दीपक जलाना व्यर्थ है।*

*इसका तात्पर्य है कि सहायता उसकी की जाय, जिसे* आवश्यकता हो और उसका महत्व समझे ।।

Hindi Blog by Tushar PateL : 111672144

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