जो जैसा भी चाहे वो मतलब निकाले,
कि हमने तो किया सब उन के हवाले।
किसी को तो आता ही होगा निभाना,
कभी   कोई   आए  निभाए   ज़माना।
जो खोया  है हमने  वो खोया कहाँ है?
अभी  भी  धड़कनें   सुनाती  फसाना।
उन्हें  भी   संभाले,   हमें  भी  संभाले,
कि हमने तो किया सब उन के हवाले।
हूर - ए - चाँद  जैसा बदन है  तुम्हारा,
कहाँ  है  हमें  होश  सारा  का  सारा?
कहीं  गुम हम है,  कहीं  गुम  तुम हो,
कहीं   हो   बसेरा    हमारा   तुम्हारा।
कभी  ज़िन्दगी  में  भी  आए  उजाले,
कि हमने तो किया सब उन के हवाले।
उन्हीं का  है हम पर  कोई जादू टोना,
उन्हीं का  है होना  खुशी का  है होना।
जगह भी  मिले तो  उन्हीं के  दिल में,
ये साँसें  तो चाहे  उन्हीं का  ही होना।
वो  चाहे   संवारे    वो  चाहे   जलाले,
कि हमने तो किया सब उन के हवाले।
- अक्षय धामेचा