तुम्हें कैसे यकीं दूँ में की अब ये हो नहीं सकता,
किसी की जुल्फ और आंखों में "ठाकुर" खो नहीं सकता।
खुदा ने खुद तुम्हें लाकर मेरे हांथों में सौंपा है,
तुम्हें पाकर, तुम्हारे बिन किसी का हो नहीं सकता।।

-Satish Thakur

Hindi Shayri by Satish Thakur : 111761360

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