अकेले हैं तो क्या गम है बस यह जान व मान ले

कश्तियाँ सब की किनारे पे पहुँच जाती हैं।
नाख़ुदा जिन का नहीं उन का ख़ुदा होता है।।

Hindi Shayri by Hardik Boricha : 111796311

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