आज तक मैने चाय के कप में
चाय का एक घूट तक नही छोड़ा
तेरा साथ कैसे छोड़ देता...
तुमने हाथ दोस्ती का बढ़ाया ही नहीं
मैं तेरे लिए सब कुछ छोड़ देता...
तुम एक दफा आवाज दे कर तो देखते मुझे
मैं तेरे लिए दुख से भी रिश्ता जोड़ लेता...

-Prahlad Pk Verma

Hindi Shayri by Prahlad Pk Verma : 111804076

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