चुनावी भोंपू

लो भई चुनावी भोंपू की किलपिल से मचा गली–गली शोर हैं
हर उम्मीदवार की अपनी–अपनी कथनी अपनी–अपनी ढोल हैं
हर कोई लगा रहा वादों की झड़ी, इसमें बड़ा झोल हैं
लो भई चुनावी भोंपू...
हर सुख दुःख में आपके साथ खड़े होने की ढींगे हांक रहे हैं
शक्ल न देखी हमने उनकी कभी जो बेधड़क झूठ बोल रहे हैं
गली गली को चमका देंगे, समस्या कोई नहीं रहने देंगे
लो भई चुनावी भोंपू...

-sunil nema

Hindi Poem by sunil nema : 111814849

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