बिखरे हुए सपनों को जोड़कर टूटे उमीद को सिमटकर खुद को गले लगाया है मैने,
अब और क्या कहु मेरी ज़िंदगी की इस इम्तेहाँ को जिसे बेइंतहा मोहब्बत की उसीसे बेइंतहा नफरत की है मैने.....



-Piya

Hindi Blog by Piya : 111815177
SHUBHAM SONI 2 years ago

नफ़रत ही है जो स्पष्ट दिखाई देती है... वर्ना,, लोग इश्क का तो बहाना ही करते हैं ।

Narendra Parmar 2 years ago

मोहब्बत तो जिंदा है आज भी आपके दिल में चाहे फिर इश्क करो या फिर नफ़रत ।।

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