"जानते हो तुम भी फिर भी अजनान बनते हो,
इस तरह हमें परेशान करते हो,
पूछते हो तुम्हे किया पसंद है।
जवाब खुद हो फिर भी सवाल करते हो.."

Hindi Shayri by Dr Mehta Mansi : 111826804

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