#दिल का सामान
मेरा कुछ दिल का सामान
अभी भी बंद दरवाजों में पड़ा हैं
जाते - जाते इसको भी साथ ले जाते
तो शायद जिंदगी इतनी नश्वर ना होती
मेरी तकलीफे थोड़ी तो कम होती
इस चारदीवारी में मेरा भी दम घुटता है
खुलकर हंसने का मेरा भी मन करता है
या इन सामानों के साथ जिंदगी बसर करने की
कलाकारी सिखा जाते

-Vaishnav

Hindi Poem by Vaishnav : 111827305

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